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अमेरिका में गोलीबारी का दर्दः जिंदगीभर के लिए शरीर में घुल जाता है जहर
न्यूज डेस्क, अमर उजाला
Published by: अनिल पांडेय
Updated Thu, 08 Aug 2019 07:23 PM IST
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सार
- 2019 में 250 घटनाएं हो चुकी हैं अमेरिका में गोलीबारी की
- 522 लोग मारे गए इस साल गोलीबारी की घटनाओं में
- सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, 2040 लोग घायल हुए हैं
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अमेरिका में गोलीबारी
- फोटो :
PTI
विस्तार
अमेरिका के ओहायो (ओहियो) स्टेट के डेटॉन शहर और टेक्सास में पिछले सप्ताह हुई गोलीबारी में लगभग 30 लोगों की मौत हो गई और 42 लोग घायल हुए। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घटनाओं की निंदा करते हुए इसे कायरतापूर्ण कृत्य करार दिया। इस घटना ने अमेरिका के गन कल्चर पर नई बहस छेड़ दी।
अमेरिका में गन कल्चर या बंदूक सभ्यता नई बात नहीं है। यहां बंदूक रखना सामान्य सी घटना है और इस पर सरकार की ओर से रोक भी नहीं है। इसी का फायदा कुछ सिरफिरे लोग उठाते हैं और आम लोगों को शिकार बनाते हैं।
आपको जानकर हैरत होगी कि अमेरिका में बंदूक हिंसा के साथ बड़ी संख्या में मौतों के अलावा कुछ अन्य चीजें भी जिंदगी भर का दर्द देती हैं। यहां हजारों व्यक्ति शरीर के भीतर रह गई गोलियों के जहरीले दुष्प्रभावों से जूझ रहे हैं क्योंकि इसमें सीसा (लैड) होता है।
अमेरिकी रोग नियंत्रण रोकथाम केंद्र के अनुसार हर साल गोलियां लगने से 80 हजार लोग घायल होते हैं। इनमें से बड़ी संख्या में लोग शरीर में सीसे के कारण होने वाली तकलीफों से पीड़ित रहते हैं। इस वजह से इन लोगों को घातक बीमारियों ने घेर रखा है। किसी की किडनी प्रभावित हो जाती है तो किसी के पैर खराब हो जाते हैं।
अमेरिकी रोग नियंत्रण रोकथाम केंद्र (सीडीसी) ने 2017 में सीसा के जहर को बुलेट के टुकड़ों से जोड़ने के परिणामों पर पहली रिपोर्ट जारी की थी। इसमें बताया गया था कि 2003 से 2012 के बीच गोलियों के शिकार 457 लोगों के खून में सीसे का स्तर ज्यादा पाया गया। इन सभी के शरीर में गोलियों के टुकड़े रह गए थे।
कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय की टॉक्सिकोलॉजी विभाग की रिसर्च के कारण कैलिफोर्निया में शिकारियों के लैड एम्युनिशन इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा है। विश्व के सबसे बड़े पक्षियों में से एक कैलिफोर्निया कोंडोर्स पर सीसे के जहरीले प्रभावों के अध्ययन में पाया गया, इनकी प्रजाति सीसे के जहर से मर रही है या फिर गंभीर रूप से बीमार पड़ गए हैं। इन पक्षियों ने उन जानवरों का मांस खाया था जिन्हें सीसे की गोलियों से मारा गया था। इन्हें भी ऐसी गोलियां लगी थीं।

अमेरिका में बंदूक बंदी के पक्षधर
- फोटो :
PTI
यूनाइटेड स्टेट्स स्वास्थ्य एवं मानव सेवा विभाग (यूएसएचएचएस) का भी मानना है कि बुलेट में लगा सीसा घातक होता है। कई बार शरीर में बुलेट या उसके टुकड़ों के आसपास सुरक्षा घेरा बन जाता है। इससे कोई क्षति तो नहीं होती लेकिन कुछ मामलों में समय बीतने के साथ यह टुकड़े खून में घुलने लगते हैं।
शिकागो मेडिसिन यूनिवर्सिटी में हर साल गोलियों से घायल 1000 लोगों का इलाज होता है। इनमें से 75% लोगों के शरीर में गोलियों के हिस्से, छर्रे आदि रह जाते हैं। शरीर में फंसी गोलियों से सीसा के प्रभाव का पता लगाना मुश्किल होता है। इसके दुष्प्रभाव के संकेतों- थकान, सिरदर्द, पेट में दर्द, उबकाई को सामान्य बीमारी मान लेते हैं।
उल्लेखनीय है कि 2017 में तत्कालीन बराक ओबामा प्रशासन ने लैड एम्युनिशन से बाहरी वन्य जीवों के शिकार पर प्रतिबंध लगाया था। राष्ट्रपति ट्रंप ने फैसले को पलट दिया। अब वन्य जीवों की सुरक्षा से जुड़े एक्टिविस्ट राज्यों के कानूनों में बदलाव पर जोर दे रहे हैं। 30 से अधिक राज्यों में लैड हंटिंग एम्युनिशन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। जानवरों के लिए तो थोड़ी सुरक्षा के प्रावधान हो रहे हैं लेकिन मनुष्यों की तकलीफ कोई नहीं देख रहा है।
शिकागो मेडिसिन यूनिवर्सिटी में हर साल गोलियों से घायल 1000 लोगों का इलाज होता है। इनमें से 75% लोगों के शरीर में गोलियों के हिस्से, छर्रे आदि रह जाते हैं। शरीर में फंसी गोलियों से सीसा के प्रभाव का पता लगाना मुश्किल होता है। इसके दुष्प्रभाव के संकेतों- थकान, सिरदर्द, पेट में दर्द, उबकाई को सामान्य बीमारी मान लेते हैं।
उल्लेखनीय है कि 2017 में तत्कालीन बराक ओबामा प्रशासन ने लैड एम्युनिशन से बाहरी वन्य जीवों के शिकार पर प्रतिबंध लगाया था। राष्ट्रपति ट्रंप ने फैसले को पलट दिया। अब वन्य जीवों की सुरक्षा से जुड़े एक्टिविस्ट राज्यों के कानूनों में बदलाव पर जोर दे रहे हैं। 30 से अधिक राज्यों में लैड हंटिंग एम्युनिशन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। जानवरों के लिए तो थोड़ी सुरक्षा के प्रावधान हो रहे हैं लेकिन मनुष्यों की तकलीफ कोई नहीं देख रहा है।
रक्तरंजित तारीखें

गोलीबारी में शिकार हुए लोगों के परिजन
- फोटो :
PTI
आपको जानकर हैरत होगी कि इस साल ओहायो गोलीकांड के पहले तक 96 लोगों की मौत गोली लगने की वजह से हो चुकी है। वहीं इस साल अमेरिका में गोलीबारी की 250 घटनाएं हो चुकी हैं।