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मुश्किल में भारत का एक और पड़ोसी: बिगड़ सकते हैं हालात, बांग्लादेश के संस्थापक की विरासत मिटाने से जुड़ा मामला

स्पेशल डेस्क, अमर उजाला Published by: कीर्तिवर्धन मिश्र Updated Wed, 30 Apr 2025 09:15 AM IST
सार

बांग्लादेश की मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के केंद्रीय बैंक को दिए एक आदेश से देश में आर्थिक समस्याएं बढ़ने की संभावना है। इससे दिक्कत सिर्फ बांग्लादेश के नागरिकों को ही नहीं, बल्कि वहां जाने वाले पर्यटकों को भी हो रही है। 

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Bangladesh Currency Crisis Muhammad Yunus Interim Government Order on Taka Sheikh Mujibur Rehman Notes explain
मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार के एक आदेश से बांग्लादेश में मुद्रा संकट। - फोटो : अमर उजाला
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दक्षिण एशिया में इस वक्त उठापटक का माहौल है। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान पहले ही तनाव में घिरे हैं। इस बीच भारत के एक और पड़ोसी देश- बांग्लादेश में भी संकट शुरू हो चुका है। यह संकट कोई कूटनीतिक स्तर का नहीं है, बल्कि आंतरिक बदलावों से उभरी समस्या है। हालांकि, इससे दिक्कत सिर्फ बांग्लादेश के नागरिकों को ही नहीं, बल्कि वहां जाने वाले पर्यटकों को भी हो रही है। 
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क्या है बांग्लादेश में मौजूदा संकट?
बांग्लादेश की सत्ता से शेख हसीना के हटने के बाद से ही देश में उथल-पुथल का माहौल है। देश के निर्यात में काफी गिरावट दर्ज की गई है। इसके अलावा बांग्लादेश की विकास दर भी प्रभावित हुई है। इस बीच अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस का वह आदेश बांग्लादेश पर भारी पड़ रहा है, जिसके तहत देश के करेंसी नोटों को बदला जा रहा है। इसके चलते पूरे देश में मुद्रा की दिक्कतें शुरू हो गई हैं और स्थिति लगातार गंभीर हुई है। 

क्या था यूनुस सरकार का आदेश, जिसके बाद आई ये समस्या?
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने पिछले साल देश के करेंसी नोटों से बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीब-उर रहमान की तस्वीर हटाने का आदेश दिया था। इसके चलते बांग्लादेश के केंद्रीय बैंक को ऐसे नए नोट लॉन्च करने हैं, जो बिल्कुल नई डिजाइन के होंगे। दिसंबर में यूनुस सरकार ने कहा था कि गले छह महीनों में 20 टका, 100 टका, 500 टका और 1,000 टका कीमत के नोट बाजार में आएंगे। केंद्रीय बैंक की प्रवक्ता और कार्यकारी निदेशक हुस्ने आरा शिखा ने तब कहा कि सरकार अगले छह महीने में नए डिजाइन वाले करेंसी नोट छापकर सर्कुलेट किए जाएंगे। 
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किन बदलावों के साथ नोट छापने की बात कही गई?
मुद्रा छापने के लिए जिम्मेदार सिक्योरिटी प्रिंटिंग कॉरपोरेशन और वित्त मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, नोटों को नए सिरे से डिजाइन किया जाना था। स्थानीय मीडिया ने केंद्रीय बैंक के सूत्रों के हवाले से बताया है कि बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर्रहमान की तस्वीर अब नए नोटों पर नहीं दिखेगी। डिजाइन में शेख मुजीबुर्रहमान की तस्वीर के स्थान पर जुलाई में शेख हसीना के खिलाफ हुए प्रदर्शनों के भित्तिचित्रों को जगह दी जाएगी। इसके साथ ही मजहबी स्थलों और पारंपरिक बंगाली रूपांकनों को भी नोट पर प्रदर्शित किया जाएगा। रिपोर्ट्स में कहा गया है कि नई डिजाइन समय के साथ सभी तरह के नोटों से बंगबंधु की तस्वीर को हटाने की व्यापक योजना का हिस्सा है। इसी महीने निविदा प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही नए नोटों की छपाई शुरू हो जाएगी और अगले वर्ष जून तक इन्हें प्रचलन में लाने की योजना है।



 

बांग्लादेश बैंक के पूर्व कार्यकारी निदेश और सिक्योरिटी प्रिंटिंग कॉरपोरेशन के पूर्व प्रबंध निदेशक जियाउद्दीन अहमद ने कहा, "सरकार के आदेश के बाद बंगबंधु मुजीब की तस्वीर वाले करोड़ों नोट बैंकों के लॉकर में बंद पड़े हैं। मौजूदा समय में नोट छापने वाले कारखानों के पास सभी नोटों को बंद करने और नए नोटों को छापने की क्षमता नहीं है। ऐसे में जल्द से जल्द जितने नए नोट छप चुके हैं, उन्हें बाजार में उतार देना चाहिए।" 

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रिपोर्ट्स की मानें तो बांग्लादेश में करीब 15 हजार करोड़ के मुजीब-उर-रहमान की तस्वीर वाले नोटों का रिलीज अचानक रोक दिया गया। इसके अलावा नई करेंसी भी नहीं रिलीज हुई है। ऐसे में बांग्लादेश में मुद्रा संकट गहरा गया है। अगर यह स्थिति नहीं सुधरती तो हालात और बिगड़ सकते हैं।

गौरतलब है कि बांग्लादेश में इसे लेकर कई हलकों में विरोध प्रदर्शन हो चुके हैं। शेख हसीना खुद शेख मुजीब की बेटी हैं और उनकी पार्टी आवामी लीग ने अतंरिम सरकार के इस फैसले का सख्त विरोध किया है।


 

बांग्लादेश के कुछ अधिकारियों ने यहां तक दावा किया है कि बाजार से शेख मुजीब की तस्वीर वाले नोटों को हटाने में पांच से सात साल तक का समय भी लग सकता है। 

बांग्लादेश में कैसा है माहौल?
नए डिजाइन वाले नोटों की छपाई में आ रही दिक्कतों और अंतरिम सरकार की तरफ से पुराने नोटों की छपाई को बंद करने का असर बांग्लादेश पर पड़ने लगा है। दरअसल, यहां पुराने, कटे-फटे और गंदे नोटों की संख्या बाजार में बढ़ रही है। ऐसे में कुछ ही महीनों में ऐसी मुद्रा बढ़ जाएगी जो इस्तेमाल में नहीं लाई जा सकेगी। 

प्रथोम आलो से बातचीत में एक निजी संस्थान के कर्मचारी शफीउल इस्लाम ने बताया कि उन्होंने 420 टका का सामान खरीदा और इसके लिए 1000 टका का नोट दुकानदार को थमाया। दुकान वाले ने उन्हें 200 टका के दो, एक 100 टका, एक 50 टका और एक 20 और एक 10 टका का नोट दिया। इनमें 200 टका के नोट और 20 टका के नोट इस्तेमाल योग्य नहीं थे। बाजार में नए नोटों की कमी के चलते उनके पास इन्हें लेने के अलावा कोई विकल्प भी नहीं है। 

अजमल हुसैन नाम के एक व्यक्ति ने शिकायत करते हुए कहा कि उन्होंने एक बैंक एटीएम से 20,000 टका निकाले। इनमें से हजार टका के तीन नोट इस्तेमाल करने लायक नहीं थे। हालांकि, अगर वे इन नोटों को बैंक को वापस भी करना चाहें तो बैंक इन्हें बदल नहीं सकते। 

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