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India-Bangladesh Politics: शेख हसीना के बयान पर क्या सोचते हैं वरिष्ठ राजनयिक? भारत पर कितना असर, जानिए सबकुछ

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, ढाका Published by: हिमांशु चंदेल Updated Mon, 22 Dec 2025 03:43 PM IST
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सार

India-Bangladesh Relations: शेख हसीना के बयान के बाद भारत-बांग्लादेश संबंधों पर नई बहस शुरू हो गई है। वरिष्ठ राजनयिकों का कहना है कि अंतरिम शासन के दौरान भारत के पूर्वोत्तर और चिकन नेक को लेकर आई बयानबाजी खतरनाक है। 

Bangladesh Politics What senior diplomats think about Sheikh Hasina's statement How it affect India
शेख हसीना के बयान पर क्या सोचते हैं वरिष्ठ राजनयिक? - फोटो : अमर उजाला ग्राफिक
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विस्तार
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भारत-बांग्लादेश रिश्तों पर एक बार फिर सियासी ताप बढ़ गया है। उस्मान हादी की मौत के बाद बांग्लादेश में हुई हिंसा और एक हिंदू व्यक्ति की मौत ने फिर इस आग को और बढ़ा दिया। इसी बीच बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के भारत के पूर्वोत्तर और चिकेन नेक वाले बयान पर नई बहस शुरू हो गई। ऐसे में इस खबर में ये जानेंगे कि शेख हसीना के इन बयानों के क्या मायने हैं, वरिष्ठ राजनयिकों और विदेश मामलों के जानकारों का क्या कहना है? 

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एक साक्षात्कार में शेख हसीना ने कहा कि बांग्लादेश की मौजूदा अंतरिम व्यवस्था के तहत उभरी कुछ आवाजें खतरनाक और गैर-जिम्मेदार हैं। उन्होंने साफ कहा कि कोई भी समझदार नेता उस पड़ोसी देश को धमकी नहीं दे सकता, जिस पर बांग्लादेश का व्यापार, आवागमन और क्षेत्रीय स्थिरता निर्भर करती है। उनके मुताबिक, यह बयानबाजी बांग्लादेश के राष्ट्रीय हित में नहीं है और भारत को ऐसे बयानों पर चिंता करने का पूरा अधिकार है।
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अंतरिम सरकार पर सवाल
पूर्व भारतीय राजनयिक वीना सीकरी ने शेख हसीना के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि मौजूदा अंतरिम शासन लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकार नहीं है। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश की जनता ऐसा चुनाव स्वीकार नहीं करेगी, जिसमें सबकी भागीदारी न हो। वीना सीकरी ने उस घटना का भी जिक्र किया, जिसमें उस्मान हादी की हत्या को लेकर हालात पूरी तरह अराजक नजर आए और बिना ठोस आधार के भारत पर आरोप लगाने की कोशिश हुई।

उन्होंने आगे कहा कि उस्मान हादी की हत्या को लेकर बाद में यह सामने आया कि संदिग्ध व्यक्ति हाल के दिनों में उसी राजनीतिक रैली में देखा गया था, जिसमें हादी शामिल थे। इसके बावजूद शुरुआती तौर पर भारत पर आरोप मढ़े गए। उन्होंने कहा कि अंतरिम शासन के मुखिया यूनुस की सरकार को इस मामले में भारत सरकार से माफी मांगनी चाहिए।

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पूर्वोत्तर पर खतरे की आशंका- रॉबिंदर सचदेव
विदेश मामलों के विशेषज्ञ रॉबिंदर सचदेव ने कहा कि बांग्लादेश के मौजूदा नेतृत्व की ओर से भारत की सात बहन राज्यों को लेकर जो बातें कही जा रही हैं, वे सीधे तौर पर चिंता बढ़ाने वाली हैं। उन्होंने कहा कि जब यह कहा जाता है कि हादी की राजनीतिक सोच आने वाली पीढ़ियों की दिशा तय करेगी, तो इसका संकेत भारत के पूर्वोत्तर के लिए खतरे की ओर जाता है, जहां पहले से ही उग्रवाद जैसी समस्याएं रही हैं।

रॉबिंदर ने आगे बताया कि हादी की राजनीतिक सोच का मूल विचार भारत से दूरी बनाना है और यह सोच अगर आगे बढ़ती है तो दोनों देशों के रिश्तों को नुकसान पहुंच सकता है। जानकारों का मानना है कि बांग्लादेश की जनता भारत के साथ मजबूत रिश्तों की अहमियत समझती है। ऐसे में लोकतंत्र की बहाली और जिम्मेदार शासन लौटने पर इस तरह की बयानबाज़ी अपने-आप खत्म हो जाएगी।

यूनुस सरकार में कानून-व्यवस्था बिगड़ी- महेश सचदेव
पूर्व भारतीय राजनयिक महेश सचदेव ने बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के हालिया बयानों का समर्थन करते हुए कहा है कि मौजूदा हालात उनके दावों की पुष्टि करते हैं। उन्होंने कहा कि यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के दौरान बांग्लादेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति लगातार कमजोर हुई है। बातचीत में सचदेव ने कहा कि इंकलाब मंचो के नेता उस्मान हादी की हत्या के बाद हुई हिंसा और उसे संभालने में सरकार की नाकामी इस बात का साफ सबूत है। 

उन्होंने बताया कि बांग्लादेश के गृह अधिकारियों ने खुद स्वीकार किया है कि उन्हें हादी के कथित हत्यारे की जानकारी नहीं है। पहले बिना किसी सबूत के यह दावा किया गया कि आरोपी भारत भाग गया है, जिससे भारत विरोधी माहौल बना, लेकिन अब वही अधिकारी कह रहे हैं कि उन्हें आरोपी के ठिकाने का पता नहीं है। सचदेव ने कहा कि ऐसे में शेख हसीना द्वारा इस मुद्दे को सार्वजनिक रूप से उठाना बिल्कुल सही है।

महेश सचदेव ने बांग्लादेश के मौजूदा राजनीतिक नेतृत्व की बयानबाजी पर भी कड़ा ऐतराज जताया। उन्होंने कहा कि मौजूदा शासन के दौरान कुछ नेता ‘ग्रेटर बांग्लादेश’ जैसी बातें कर रहे हैं और भारत के ‘चिकन नेक’ या सात बहन राज्यों को अलग-थलग करने जैसे संकेत दे रहे हैं, जो पूरी तरह गैर-जिम्मेदाराना हैं। 

उन्होंने चेतावनी दी कि भारत राजनीतिक और सैन्य रूप से एक बड़ा और सक्षम देश है और इस तरह के बयान हालात को और बिगाड़ने वाले हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि शेख हसीना और यूनुस के बीच टकराव नया नहीं है और दोनों के बीच नेतृत्व को लेकर पुराना मतभेद रहा है। उनके मुताबिक, हसीना के हालिया बयान बांग्लादेश में उनकी सत्ता से हटने के बाद बिगड़ते हालात, घटती आर्थिक वृद्धि और बढ़ती बेरोजगारी को उजागर करने की कोशिश भी हैं।

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