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Flood: इंडोनेशिया, श्रीलंका, थाईलैंड, मलेशिया में बाढ़ से 1400 से ज्यादा की मौत, यहां हुई सबसे ज्यादा तबाही

न्यूज डेस्क, अमर उजाला Published by: संध्या Updated Wed, 03 Dec 2025 04:02 PM IST
सार

इस समय कई देश चक्रवात के कारण आई बाढ़ का प्रकोप झेल रहे हैं। बाढ़ के कारण इंडोनेशिया, श्रीलंका, थाईलैंड और मलेशिया में 1,400 से ज़्यादा लोग मारे गए।

Deadly floods in Indonesia, Sri Lanka, Thailand, Malaysia kill more than 1,400 people
 

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deaths due to floods in Indonesia, Sri Lanka, Thailand, Malaysia, Indonesia has the highest number of deaths
बाढ़ के कारण चार देशों में कहर - फोटो : ANI Photos
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विस्तार
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 एशिया के कुछ हिस्से में आए चक्रवात के कारण कई लोग परेशान हैं। बाढ़ के कारण  इंडोनेशिया, श्रीलंका, थाईलैंड और मलेशिया में 1,400 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। इससे इन देशों की आर्थिक स्थिति भी प्रभावित हो रही है। इंडोनेशिया में सबसे ज्यादा 753 मौतें हुईं, इसके बाद श्रीलंका में 465 मौतें हुई हैं। श्रीलंका के प्रेसिडेंट अनुरा कुमारा दिसानायके ने कहा कि उनके देश में मरने वालों की सही संख्या बताना अभी जल्दबाजी होगी। थाईलैंड में कम से कम 185 और मलेशिया में तीन लोगों की मौत की भी पुष्टि हुई है।

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बुधवार को रेस्क्यू टीमें बाढ़ प्रभावित इलाकों तक पहुंचने के लिए तेज़ी से काम कर रही थीं, क्योंकि 1,000 से ज़्यादा लोग अभी भी लापता हैं और बिजली और नेटवर्क में बाधा के कारण गांव कीचड़ और मलबे में दबे हुए हैं।
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इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांटो ने सोमवार को एक बाढ़ प्रभावित इलाके का दौरा किया। उन्हेंने इसे फिर से बनाने के लिए मदद का वादा किया, हालांकि उन्होंने अभी तक नेशनल इमरजेंसी घोषित नहीं की है या बाढ़ से जूझ रहे श्रीलंका की तरह इंटरनेशनल मदद नहीं मांगी है।

बुरी तरह प्रभावित इंडोनेशिया और थाईलैंड, दोनों मिडिल-इनकम वाली इकॉनमी हैं जिनकी आर्थिक स्थिति दोनों के मुकाबले मजबूत है। वे बड़े पैमाने पर रेस्क्यू ऑपरेशन चला सकते हैं, मिलिट्री एसेट्स तैनात कर सकते हैं और इमरजेंसी फंड भेज सकते हैं, जबकि श्रीलंका कहीं ज़्यादा मुश्किल हालात में काम कर रहा है।

प्रधानमंत्री हरिनी अमरसूर्या ने पिछले हफ़्ते श्रीलंका में राजनयिकों से मुलाकात की और उनसे राहत और पुननिर्माण में मदद करने की अपील की। श्रीलंका अभी एक गंभीर आर्थिक संकट से उबर रहा है। यहां संसाधन, विदेशी मुद्रा विनिमय और सार्वजनिक सेवाओं की कमी है। जिसके कारण इस आपदा से निपटना मुश्किल हो गया है और बाहरी मदद पर उसकी निर्भरता बढ़ गई है।

सबसे ज़्यादा प्रभावित देश इंडोनेशिया के अधिकारियों ने कहा कि कई दिनों तक लगातार बारिश और सुमात्रा द्वीप पर आए एक दुर्लभ उष्णकटिबंधीय तूफान से हुई तबाही, 2018 के सुलावेसी भूकंप और सुनामी के बाद सबसे खतरनाक आपदा थी। जिसमें 4,300 से ज़्यादा लोग मारे गए थे।

सड़क टूटने और पुल के टूटने के कारण बचाव दल का कई इलाकों में पहुंचना मुश्किल हो गया है।  राष्ट्रिय आपदा प्रबंधन एजेंसी का कहना है कि तबाह हुए नॉर्थ सुमात्रा, वेस्ट सुमात्रा और आचे प्रांतों में लगभग 650 लोग अभी भी लापता हैं।

एजेंसी ने कहा कि इस आपदा के दौरान 1.5 मिलियन से ज्यादा लोग बेघर हो गए हैं, जिससे हजारों घरों और सार्वजनिक सुविधाओं को नुकसान पहुंचा है। लगभग 2,600 लोग घायल हुए हैं और स्थानीय अस्पताल भरे हुए हैं, इसलिए सरकार ने तबाह हुए राज्यों में तीन हॉस्पिटल शिप तैनात किए हैं।

भारत, पाकिस्तान और यूनाइटेड अरब अमीरात जैसे देशों ने पहले ही राहत के काम शुरू कर दिए हैं, जबकि श्रीलंका के प्रधानमंत्री से मिले दूसरे विदेशी राजनयिकों ने और मदद का वादा किया है।

थाईलैंड में, सरकार की प्रवक्ता राचदा धनदिरेक ने बुधवार को घोषणा की कि दक्षिणी थाईलैंड में बचाव कार्य अच्छी तरह से आगे बढ़ रहे हैं और लगभग सभी प्रभावित क्षेत्रों में पानी और बिजली बहाल कर दी गई है।

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