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US: ‘तेज, असरदार और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जरूरी’, टैरिफ नीति पर बोले ट्रंप; सुप्रीम कोर्ट से मांगी मंजूरी

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, वॉशिंगटन Published by: शुभम कुमार Updated Mon, 08 Dec 2025 05:23 AM IST
सार

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी टैरिफ नीति का बचाव करते हुए कहा कि विदेशी देशों पर लगाया जा रहा शुल्क तेज, सीधा और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए आवश्यक है। ट्रंप का दावा है कि कई देश वर्षों से अमेरिका का फायदा उठाते रहे हैं, इसलिए कड़े कदम जरूरी थे। उन्होंने कहा कि टैरिफ लगाने का अधिकार कानूनी है, इसी कारण उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से भी इसकी मंजूरी मांगी है।

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Donald Trump defends tariff strategy as direct, less cumbersome, and much faster protect US national security
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप - फोटो : ANI
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विस्तार
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रविवार को अपनी टैरिफ (आयात शुल्क) नीति का बचाव किया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार जिस तरीके से विदेशी देशों पर शुल्क लगा रही है, वह सबसे तेज, सीधा और असरदार तरीका है। उन्होंने कहा कि कई देश वर्षों से अमेरिका का फायदा उठाते रहे हैं, इसलिए कड़े और तुरंत असर दिखाने वाले कदम जरूरी थे। ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर लिखा कि सुप्रीम कोर्ट के जरिए लागू किया जाने वाला मौजूदा टैरिफ तरीका सीधा, कम जटिल और बहुत तेज है और यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जरूरी है।

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राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि स्पीड, पावर और भरोसा सरकार की किसी भी बड़ी नीति को सफल बनाने में सबसे अहम हैं। इस दौरान ट्रंप ने एक बार फिर दावा किया कि उन्हें राष्ट्रपति के अधिकारों की वजह से दस महीनों में आठ युद्ध खत्म करने में सफलता मिली है।

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विदेशों ने टैरिफ पर सवाल नहीं उठाए- ट्रंप
ट्रंप ने कहा कि यदि विदेशी देशों को लगता कि उनके पास टैरिफ लगाने का अधिकार नहीं है, तो वे इस पर खुलकर विरोध जताते। उन्होंने कहा कि उनकी ट्रेड नीति पूरी तरह कानूनी है और इसे न्यायिक समर्थन मिलना चाहिए। इसके लिए वे हाल ही में सुप्रीम कोर्ट से अपनी टैरिफ नीति को मंजूरी देने की अपील भी कर चुके हैं, क्योंकि इस पर कानूनी चुनौतियां चल रही हैं।

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ट्रंप का दावा- टैरिफ से अमेरिका मजबूत हुआ
इस दौरान ट्रंप ने इस बात पर भी जोर दिया कि टैरिफ ने हमारे देश को धनवान, मजबूत और सुरक्षित बनाया है। हमने जो सिस्टम बनाया है, उससे अब हमारे पास सारे विकल्प हैं, बस राष्ट्रपति समझदार होना चाहिए।अप्रैल से अब तक उनकी सरकार कई बार 'लिबरेशन डे टैरिफ' लागू कर चुकी है और कई विदेशी साझेदारों के साथ नए व्यापार समझौते भी किए हैं। ट्रंप का दावा है कि इससे युद्ध रुके हैं और रिश्ते मजबूत हुए हैं।

इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि शेयर बाजार और 401k (रिटायरमेंट फंड) अब तक के उच्चतम स्तर पर हैं, मुद्रास्फीति, कीमतें और टैक्स कम हुए हैं। शिक्षा वापस राज्यों को दी जा रही है और फौज व दक्षिणी सीमा पहले से कहीं ज्यादा मजबूत हुई हैं। कुल मिलाकर ट्रंप का जोर फिर इस बात पर है कि अमेरिका फिर से सम्मानित देश बना है।

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सुप्रीम कोर्ट में टैरिफ की वैधानिकता पर सुनवाई
गौरतलब है कि अब सुप्रीम कोर्ट यह तय कर रहा है कि ट्रंप की टैरिफ नीति राष्ट्रपति के अधिकारों के दायरे में आती है या नहीं। मामला यह है कि ट्रंप प्रशासन ने आपातकालीन कानून IEEPA (1977) का इस्तेमाल कर बड़े पैमाने पर आयात शुल्क लगाए। इसके तहत कानून राष्ट्रपति को 'इंपोर्ट को रेगुलेट करने का अधिकार देता है, लेकिन इसे पहले कभी टैरिफ लगाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया गया।

ऐसे में कई न्यायाधीशों, खासकर कंजर्वेटिव जजों, ने इस पर सवाल उठाया और कहा कि यदि इसे मंजूरी मिल गई तो राष्ट्रपति के अधिकार बहुत बढ़ जाएंगे। जस्टिस एमी कोनी बैरेट ने कहा कि अगर कोर्ट इसे खारिज करता है तो स्थिति गड़बड़ भी हो सकती है।

 

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