Justice Prathiba M Singh: भारतीय जज की ऐतिहासिक सफलता, अंतरराष्ट्रीय न्यायाधीश बोर्ड चीफ होंगी जस्टिस प्रतिभा
भारत की एक महिला जज को अंततराष्ट्रीय मंच पर बड़ी कामयाबी मिली है। दिल्ली हाईकोर्ट में रहीं जस्टिस प्रतिभा को डब्ल्यूआईपी के न्यायाधीश सलाहकार बोर्ड (2025-2027) का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। एक नजर जस्टिस प्रतिभा के करियर से जुड़े खास पहलुओं पर

विस्तार
संयुक्त राष्ट्र के मंच पर भारत के लिए गौरव का क्षण सामने आया है। इस खास मौके का श्रेय एक महिला जज की सफलता को जाता है। दरअसल, दिल्ली उच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति प्रतिभा एम. सिंह को विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (WIP) के न्यायाधीश सलाहकार बोर्ड का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। जस्टिस प्रतिभा का कार्यकाल दो साल (2025-2027) का होगा। अध्यक्ष के रूप में न्यायमूर्ति प्रतिभा अंतरराष्ट्रीय न्यायाधीशों के एक समूह का नेतृत्व करेंगी।

WIPO के कार्य को मार्गदर्शन और दिशा दिखाने का दारोमदार
स्विटजरलैंड के जेनेवा में स्थित भारत के स्थायी मिशन ने एक्स हैंडल पर लिखा कि जस्टिस प्रतिभा एम सिंह बौद्धिक संपदा के क्षेत्र में न्यायपालिकाओं के साथ WIPO के कार्य को मार्गदर्शन और दिशा प्रदान करेंगी!
India at UN, Geneva tweets, "A proud moment for India! Justice Prathiba M. Singh of Delhi High Court appointed as Chair of the World Intellectual Property Organization’s Advisory Board of Judges (2025–2027). As chair, she leads a group of international judges, providing… pic.twitter.com/pMnBbEy1Hl
— ANI (@ANI) October 19, 202

बतौर कानून की जानकार, न्यायमूर्ति प्रतिभा एम. सिंह का करियर बेहद प्रभावशाली रहा है। उन्होंने कर्नाटक की यूनिवर्सिटी लॉ कॉलेज, बंगलूरू से कानून की डिग्री लेने के बाद आगे की पढ़ाई (एलएलएम) के लिए ब्रिटेन की कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी का रूख किया। दिल्ली हाईकोर्ट की वेबसाइट पर मौजूद ब्यौरे के मुताबिक उन्हें पेटेंट, ट्रेडमार्क, डिजाइन, कॉपीराइट और इंटरनेट से जुड़े कानूनों के अलावा कई अन्य क्षेत्रों में भी महारत हासिल है।
- कॉपीराइट से जुड़े कामकाज के लिए उन्हें दिल्ली हाईकोर्ट ने एमिकस क्यूरी नियुक्त किया।
- दिसंबर, 2013 में दिल्ली उच्च न्यायालय की वरिष्ठ अधिवक्ता (Senior Advocate) बनीं।
- भारत की पहली 'राष्ट्रीय आईपीआर नीति' का मसौदा तैयार करने वाले थिंक टैंक की सदस्य रहीं।
- एशियाई पेटेंट अटॉर्नी एसोसिएशन (भारतीय समूह) के अध्यक्ष के रूप में उल्लेखनीय योगदान।
- मई, 2017 में दिल्ली हाईकोर्ट की न्यायाधीश के रूप में पदोन्नति।
- दिल्ली उच्च न्यायालय की 'पेटेंट समिति' की अध्यक्ष भी रहीं।
- ब्रिटिश मीडिया समूह से जुड़े एक प्रमुख वैश्विक प्रकाशन- मैनेजिंग आईपी (Managing IP) ने बौद्धिक संपदा (आईपी) क्षेत्र में योगदान के लिए दुनिया की 50 सबसे प्रभावशाली हस्तियों में शामिल किया।
- 2022 में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के ह्यूजेस हॉल की मानद फेलो चुनी जाने वाली पहली भारतीय न्यायाधीश बनीं।