{"_id":"68f5fb57be0600629a0743cd","slug":"mysterious-airstrip-built-on-yemen-island-comes-as-houthi-rebels-are-increasingly-squeezed-red-sea-politics-2025-10-20","type":"story","status":"publish","title_hn":"Houthi: यमन के द्वीप पर बनी रहस्यमयी हवाई पट्टी, लाल सागर पर नियंत्रण करने चले हूती अपने ही घर में घिरे","category":{"title":"World","title_hn":"दुनिया","slug":"world"}}
Houthi: यमन के द्वीप पर बनी रहस्यमयी हवाई पट्टी, लाल सागर पर नियंत्रण करने चले हूती अपने ही घर में घिरे
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, दुबई
Published by: नितिन गौतम
Updated Mon, 20 Oct 2025 02:35 PM IST
विज्ञापन
सार
बनाई जा रही हवाई पट्टी से लाल सागर, अदन की खाड़ी, पूर्वी अफ्रीका और अरब प्रायद्वीप के दो जलमार्गों को जोड़ने वाले रणनीतिक, संकरी बार अल मंदेब जलडमरूमध्य की हवाई निगरानी की जा सकती है।

हवाई पट्टी (सांकेतिक तस्वीर)
- फोटो : फ्रीपिक
विज्ञापन
विस्तार
ईरान समर्थित हूती विद्रोही बीते लंबे समय से फलस्तीन के समर्थन में लाल सागर इलाके से गुजरने वाले जहाजों को निशाना बना रहे थे। अब ऐसा लग रहा है कि लाल सागर पर नियंत्रण की कोशिश कर रहे हूती विद्रोही अब अपने घर में ही घिर गए हैं। दरअसल उपग्रह तस्वीरों से पता चला है कि यमन के तट पर लाल सागर में एक ज्वालामुखी द्वीप पर एक नई हवाई पट्टी बनाई जा रही है। माना जा रहा है कि यमन में हूती विद्रोही ताकतों द्वारा इस हवाई पट्टी का निर्माण कराया जा रहा है।
रणनीतिक रूप से अहम ये जुकार द्वीप
उपग्रह तस्वीरों से पता चला है कि ये हवाई पट्टी यमन के जुकार द्वीप पर बनाई जा रही है। अंतरराष्ट्रीय नौवहन के लिहाज से यह द्वीप बेहद अहम है। लाल सागर क्षेत्र में ही हूती विद्रोही इस्राइल फलस्तीन युद्ध शुरू होने के बाद से 100 सो ज्यादा जहाजों पर हमला कर चुके हैं। चार जहाजों को डुबो चुके हैं और उनके हमले में कम से कम नौ नाविक मारे जा चुके हैं। हूतियों के हमलों के कारण ही अंतरराष्ट्रीय नौवहन बाधित हुआ। बनाई जा रही हवाई पट्टी से लाल सागर, अदन की खाड़ी, पूर्वी अफ्रीका और अरब प्रायद्वीप के दो जलमार्गों को जोड़ने वाले रणनीतिक, संकरी बार अल मंदेब जलडमरूमध्य की हवाई निगरानी की जा सकती है।
हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि इस हवाई पट्टी का निर्माण कौन करा रहा है और क्या इसका इस्तेमाल सैन्य अभियानों के लिए किया जाएगा? हाल के महीनों में, हूती-विरोधी ताकतें हूतियों की ओर जाने वाले माल को रोकने में कामयाब रही हैं, और अब ज़ुकार द्वीप में उनकी मौजूदगी इसमें मददगार साबित हो सकती है। इस तरह हूतियों को होने वाली हथियारों की तस्करी पर जुकार द्वीप से शिकंजा कसा जा सकता है।
अप्रैल में शुरू हुआ था काम
जुकार द्वीप हूती-नियंत्रित बंदरगाह शहर होदेदा से लगभग 90 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में स्थित है। उपग्रह तस्वीरों से पता चला है कि द्वीप पर हवाई पट्टी बनाने का काम अप्रैल में शुरू हुआ था। अगस्त के अंत तक, रनवे पर डामर जैसा कुछ बिछाया जा रहा था। अक्टूबर की तस्वीरों से पता चलता है कि काम जारी है, और महीने के मध्य में रनवे के निशान पेंट किए गए थे। दुबई स्थित एक समुद्री कंपनी, सैफ शिपिंग एंड मरीन सर्विसेज ने स्वीकार किया है कि उसे यूएई-स्थित अन्य फर्मों की ओर से द्वीप पर डामर पहुंचाने का ऑर्डर मिला है।
ये भी पढ़ें- PM Modi: INS विक्रांत पर लड़ाकू विमानों को उड़ान भरते देखा, देशभक्ति गीत सुने; देखें PM मोदी का दिवाली उत्सव
क्या है जुकार द्वीप का इतिहास
जुकार द्वीप लाल सागर में एक रणनीतिक स्थान है। इरिट्रिया ने साल 1995 में यमनी सेना से युद्ध के बाद इस द्वीप पर कब्जा कर लिया था। 1998 में एक अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने इस द्वीप को औपचारिक रूप से यमन के नियंत्रण में सौंप दिया। 2014 में हूतियों द्वारा यमन की राजधानी सना पर कब्जा करने और दक्षिण की ओर मार्च शुरू करने के बाद जुकार द्वीप पर भी विद्रोहियों का कब्जा हो गया। हालांकि साल 2015 में सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात ने यमन की निर्वासित सरकार की ओर से युद्ध में हिस्सा लिया और जुकार द्वीप से हूतियों को खदेड़ दिया। उसके बाद से द्वीप पर यमन के दिवंगत तानाशाह नेता अली अब्दुल्ला सालेह के भतीजे तारिक सालेह का कब्जा है। विशेषज्ञों का कहना है कि जुकार में संभावित अमीराती हवाई पट्टी, होदेदा तट पर निगरानी में सहायक हो सकती है, जिससे तस्करी से निपटने में यमनी बलों को बेहतर सहायता मिलेगी।'

Trending Videos
रणनीतिक रूप से अहम ये जुकार द्वीप
उपग्रह तस्वीरों से पता चला है कि ये हवाई पट्टी यमन के जुकार द्वीप पर बनाई जा रही है। अंतरराष्ट्रीय नौवहन के लिहाज से यह द्वीप बेहद अहम है। लाल सागर क्षेत्र में ही हूती विद्रोही इस्राइल फलस्तीन युद्ध शुरू होने के बाद से 100 सो ज्यादा जहाजों पर हमला कर चुके हैं। चार जहाजों को डुबो चुके हैं और उनके हमले में कम से कम नौ नाविक मारे जा चुके हैं। हूतियों के हमलों के कारण ही अंतरराष्ट्रीय नौवहन बाधित हुआ। बनाई जा रही हवाई पट्टी से लाल सागर, अदन की खाड़ी, पूर्वी अफ्रीका और अरब प्रायद्वीप के दो जलमार्गों को जोड़ने वाले रणनीतिक, संकरी बार अल मंदेब जलडमरूमध्य की हवाई निगरानी की जा सकती है।
विज्ञापन
विज्ञापन
हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि इस हवाई पट्टी का निर्माण कौन करा रहा है और क्या इसका इस्तेमाल सैन्य अभियानों के लिए किया जाएगा? हाल के महीनों में, हूती-विरोधी ताकतें हूतियों की ओर जाने वाले माल को रोकने में कामयाब रही हैं, और अब ज़ुकार द्वीप में उनकी मौजूदगी इसमें मददगार साबित हो सकती है। इस तरह हूतियों को होने वाली हथियारों की तस्करी पर जुकार द्वीप से शिकंजा कसा जा सकता है।
अप्रैल में शुरू हुआ था काम
जुकार द्वीप हूती-नियंत्रित बंदरगाह शहर होदेदा से लगभग 90 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में स्थित है। उपग्रह तस्वीरों से पता चला है कि द्वीप पर हवाई पट्टी बनाने का काम अप्रैल में शुरू हुआ था। अगस्त के अंत तक, रनवे पर डामर जैसा कुछ बिछाया जा रहा था। अक्टूबर की तस्वीरों से पता चलता है कि काम जारी है, और महीने के मध्य में रनवे के निशान पेंट किए गए थे। दुबई स्थित एक समुद्री कंपनी, सैफ शिपिंग एंड मरीन सर्विसेज ने स्वीकार किया है कि उसे यूएई-स्थित अन्य फर्मों की ओर से द्वीप पर डामर पहुंचाने का ऑर्डर मिला है।
ये भी पढ़ें- PM Modi: INS विक्रांत पर लड़ाकू विमानों को उड़ान भरते देखा, देशभक्ति गीत सुने; देखें PM मोदी का दिवाली उत्सव
क्या है जुकार द्वीप का इतिहास
जुकार द्वीप लाल सागर में एक रणनीतिक स्थान है। इरिट्रिया ने साल 1995 में यमनी सेना से युद्ध के बाद इस द्वीप पर कब्जा कर लिया था। 1998 में एक अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने इस द्वीप को औपचारिक रूप से यमन के नियंत्रण में सौंप दिया। 2014 में हूतियों द्वारा यमन की राजधानी सना पर कब्जा करने और दक्षिण की ओर मार्च शुरू करने के बाद जुकार द्वीप पर भी विद्रोहियों का कब्जा हो गया। हालांकि साल 2015 में सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात ने यमन की निर्वासित सरकार की ओर से युद्ध में हिस्सा लिया और जुकार द्वीप से हूतियों को खदेड़ दिया। उसके बाद से द्वीप पर यमन के दिवंगत तानाशाह नेता अली अब्दुल्ला सालेह के भतीजे तारिक सालेह का कब्जा है। विशेषज्ञों का कहना है कि जुकार में संभावित अमीराती हवाई पट्टी, होदेदा तट पर निगरानी में सहायक हो सकती है, जिससे तस्करी से निपटने में यमनी बलों को बेहतर सहायता मिलेगी।'
विज्ञापन
रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get latest World News headlines in Hindi related political news, sports news, Business news all breaking news and live updates. Stay updated with us for all latest Hindi news.
विज्ञापन
विज्ञापन