Nepal: सुशीला कार्की ने प्रधानमंत्री पद का कार्यभार संभाला, कहा- मैं और मेरी टीम सत्ता का स्वाद चखने नहीं आए
नेपाल में सुशीला कार्की के नेतृत्व में अंतरिम सरकार के गठन के बाद राजनीतिक स्थिरता के साथ ही शांति और सामान्य जनजीवन की स्थिति धीरे-धीरे बहाल होने लगी है। पूरे देश से कर्फ्यू हटा दिया गया है। अब अंतरिम सरकार अपने कैबिनेट का विस्तार करने की तैयारी में जुटी हुई है।

विस्तार
नेपाल की नवनियुक्त अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की रविवार सुबह 11 बजे सिंह दरबार में आधिकारिक रूप से कार्यभार संभाल लिया। पूर्व मुख्य न्यायाधीश कार्की को शुक्रवार रात को अंतरिम सरकार की प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्त किया गया था। इसके साथ ही प्रधानमंत्री सुशीला कार्की रविवार को अपने मंत्रिमंडल का विस्तार कर सकती हैं। वह मंत्रियों के नामों को अंतिम रूप देने में अपने सहयोगियों के साथ विचार-विमर्श कर रही हैं। बताया जा रहा है कि मंत्रिमंडल का विस्तार छोटा होगा।

#WATCH | Kathmandu: Nepal's former Chief Justice, Sushila Karki, takes charge as the interim Prime Minister of the country. pic.twitter.com/GV3NwZaQBb
विज्ञापन— ANI (@ANI) September 14, 2025विज्ञापन
अंतरिम प्रधानमंत्री का पदभार संभालने के बाद सुशीला कार्की ने कहा, हिंसा में शामिल लोगों की जांच की जाएगी। मैं और मेरी टीम यहां सत्ता का स्वाद चखने नहीं आए हैं। हम छह महीने से अधिक नहीं रुकेंगे। हम नई संसद को जिम्मेदारी सौंप देंगे। आपके सहयोग के बिना हमें सफलता नहीं मिलेगी। उन्होंने कहा कि, नेपाल में 24 घंटे की आवाजाही पहली प्राथमिकता है। वे आर्थिक समानता और भ्रष्टाचार उन्मूलन की मांग कर रहे हैं।
वहीं दूसरी ओर पीएम कार्की गृह, विदेश और रक्षा समेत लगभग दो दर्जन मंत्रालय अपने पास रख सकती हैं। मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चाओं के बीच शनिवार को समय निकालकर वह सरकार विरोधी प्रदर्शन में घायलों से मिलने सिविल अस्पताल भी गईं थीं। शुक्रवार को शपथ लेने के तुरंत बाद भी वह अस्पताल जाकर घायलों का हाल जाना था।
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मंत्रिमंडल में शामिल किए जा सकते हैं 15 मंत्री
काठमांडू पोस्ट के मुताबिक, कार्की ने अपने मंत्रिमंडल को अंतिम रूप देने की तैयारी के लिए जेन जी आंदोलन के करीबी सलाहकारों और प्रमुख हस्तियों के साथ परामर्श शुरू कर दिया है। उनके एक सहयोगी ने दावा किया है कि कार्की रविवार सुबह अपने मंत्रिमंडल के गठन के लिए गहन चर्चा शुरू करेंगी। सभी 25 मंत्रालयों पर अधिकार रखने के बावजूद वह कथित तौर पर 15 से अधिक मंत्रियों के साथ एक सुव्यवस्थित मंत्रिमंडल बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
इन नामों पर चल रहा है विचार
काठमांडू पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार मंत्री पदों के लिए जिन नामों पर विचार किया जा रहा है उनमें कानूनी विशेषज्ञ ओम प्रकाश आर्यल, पूर्व सेना अधिकारी बालानंद शर्मा, सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति आनंद मोहन भट्टाराई, माधव सुंदर खड़का, अशीम मान सिंह बसन्यात और ऊर्जा विशेषज्ञ कुलमन घीसिंग शामिल हैं। चिकित्सा क्षेत्र से डॉ. भगवान कोइराला, डॉ. संदुक रुइत, डॉ. जगदीश अग्रवाल और डॉ. पुकार चंद्र श्रेष्ठ जैसे प्रमुख लोगों के नामों पर विचार चल रहा है।
नामों को लेकर हो रही है ऑनलाइन वोटिंग
काठमांडू पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, जेनरेशन जेड के सदस्य भी समानांतर परामर्श कर रहे हैं। इसके लिए वह ऑनलाइन वोटिंग का भी सहारा ले रहे हैं। अगर इन नामों पर आम सहमति बन जाती है, तो मंत्रिमंडल रविवार शाम तक शपथ ले सकता है, हालांकि चर्चा के नतीजों के आधार पर इसे सोमवार तक के लिए भी टाला जा सकता है।
5 मार्च 2026 को होंगे संसदीय चुनाव
नेपाल के राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने शुक्रवार को नव नियुक्त अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की की सिफारिश पर देश की संसद (प्रतिनिधि सभा) को भंग कर दिया था। राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से जारी सूचना के अनुसार सदन का विघटन 12 सितंबर 2025 की रात 11 बजे से प्रभावी हुआ। अंतरिम सरकार बनने के साथ ही अधिकारियों ने देश में नए सिरे से संसदीय चुनाव कराने का भी एलान कर दिया। नेपाल में अब 5 मार्च 2026 को आम चुनाव कराए जाएंगे।
सोमवार से खुलेंगे स्कूल
काठमांडू महानगरपालिका क्षेत्र के स्कूलों में सोमवार से कक्षाएं शुरू होंगी। शनिवार को जारी सूचना में महानगर ने कहा कि शिक्षक और कर्मचारी रविवार को ही स्कूल में उपस्थित होंगे, लेकिन पढ़ाई सोमवार से शुरू होगी। रविवार को स्कूलों में प्रशासनिक काम, क्षति का मूल्यांकन और विवरण संकलन किया जाएगा। अधिकारियों के अनुसार, जो स्कूल संचालन योग्य स्थिति में होंगे वहां कक्षाएं होंगी। युवाओं के आंदोलन के कारण 8 सितंबर से स्कूल बंद थे।
नेपाल में धीरे-धीरे सामान्य हो रहा जनजीवन
कई दिनों की अशांति के बाद नेपाल में अब धीरे-धीरे जनजीवन सामान्य हो रहा है। काठमांडो घाटी समेत देश के अन्य हिस्सों से शनिवार को कर्फ्यू और प्रतिबंधात्मक आदेश हटा लिया गया। दुकानें, किराना स्टोर, सब्जी बाजार और शॉपिंग मॉल दोबारा खुल गए हैं। सड़कों पर भी वाहनों की चहल-पहल बढ़ गई है।
#WATCH | Nepal: Visuals from Kathmandu city this morning as the streets see a gradual return to normalcy, days after violent anti-corruption protests.
— ANI (@ANI) September 14, 2025
Nepal's former Chief Justice, Sushila Karki has taken over as the interim Prime Minister of the country. pic.twitter.com/YzDRyXXmjf
मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि सेना ने प्रतिबंधात्मक आदेश या कर्फ्यू को शनिवार से आगे नहीं बढ़ाया है। प्रतिबंध हटने के साथ ही सार्वजनिक परिवहन सेवा पुनः शुरू हो गई। काठमांडू से देश के कई भागों के लिए लंबी दूरी की बसों का संचालन भी शुरू हो गया है। हालांकि, काठमांडू के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बिश्वो अधिकारी के अनुसार, हालांकि काठमांडू घाटी के अधिकांश क्षेत्र अब प्रतिबंधों से मुक्त हैं, लेकिन संभावित विरोध प्रदर्शनों को रोकने और व्यवस्था बनाए रखने के लिए कुछ संवेदनशील क्षेत्रों में प्रतिबंध जारी रहेंगे।
प्रमुख सरकारी भवनों समेत कई स्थानों पर सफाई अभियान चलाया गया, जिन्हें हाल ही में हिंसक विरोध प्रदर्शनों के दौरान प्रदर्शनकारियों की तरफ से तोड़फोड़ कर आग के हवाले कर दिया गया था। सोशल मीडिया पर प्रतिबंध के खिलाफ केपी शर्मा ओली सरकार के खिलाफ शुरू हुए जेन-जी के आंदोलन के दौरान कम से कम 51 लोग मारे गए थे। पीएम ओली समेत उनके मंत्रियों को पद छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा। इसके बाद नेपाल की सेना ने सुरक्षा व्यवस्था को अपने हाथों में ले लिया था।
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