Nepal Politics: टूट गया सत्ताधारी गठबंधन, दहल ने ओली को दिया गच्चा, देउबा से जा मिले
Nepal Politics: राष्ट्रपति चुनाव के लिए पर्चा भरने की आखिरी तारीख से एक दिन पहले शुक्रवार को यहां सियासी घटनाएं उसी तेजी से हुईं, जैसी 25 दिसंबर को हुई थीं। अब आठ दलों के समर्थन से नेपाली कांग्रेस के उम्मीदवार के राष्ट्रपति बन जाने की मजबूत संभावना बन गई है...

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नेपाली कांग्रेस प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल को कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (यूएमएल) के नेतृत्व वाले गठबंधन से वापस अपने पाले में खींचने में कामयाब हो गई है। इससे पिछले 25 फरवरी को अचानक वजूद में आया नया सात दलों का गठबंधन बिखर गया है। राष्ट्रपति चुनाव में दहल की कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (माओइस्ट सेंटर) ने यूएमएल अध्यक्ष केपी शर्मा ओली को धक्का देते हुए नेपाली कांग्रेस के उम्मीदवार का समर्थन का फैसला कर लिया है। दहल अपने साथ सत्ताधारी गठबंधन में शामिल तीन अन्य दलों को भी नेपाली कांग्रेस के खेमे ले गए हैं।

माओइस्ट सेंटर ने पिछला आम चुनाव नेपाली कांग्रेस के नेतृत्व वाले पांच दलों के गठबंधन के हिस्से के रूप में लड़ा था। लेकिन जब नेपाली कांग्रेस उन्हें प्रधानमंत्री बनाने पर राजी नहीं हुई, तो उन्होंने अचानक उसका साथ छोड़ते हुए ओली के साथ हाथ मिला लिया। अब कहानी बिल्कुल पलट गई है।
राष्ट्रपति चुनाव के लिए पर्चा भरने की आखिरी तारीख से एक दिन पहले शुक्रवार को यहां सियासी घटनाएं उसी तेजी से हुईं, जैसी 25 दिसंबर को हुई थीं। अब आठ दलों के समर्थन से नेपाली कांग्रेस के उम्मीदवार के राष्ट्रपति बन जाने की मजबूत संभावना बन गई है। यूएमएल ने अपने बचे समर्थकों को साथ लेकर अपना उम्मीदवार उतारने की तैयारी की है। राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान नौ मार्च को होगा।
यूएमएल ने दहल के पलटी मारने की कड़ी आलोचना की है। उसने दावा किया है कि माओइस्ट सेंटर की तुलना में दो गुना ज्यादा सांसद होने के बजाय उसने 25 दिसंबर को बनी सहमति के तहत दहल को प्रधानमंत्री के रूप में स्वीकार किया था। उसी रोज नए गठबंधन में शामिल हुईं तमाम पार्टियां इस पर सहमत हुई थीं कि राष्ट्रपति पद यूएमएल को मिलेगा। लेकिन दहल ने अब वादाखिलाफी कर दी है।
दहल ने शुक्रवार को शाम को अपने निवास पर नेपाली कांग्रेस और उसके समर्थक दलों की बैठक बुलाई थी। बाद में तीन और पार्टियां इस बैठक में शामिल हो गईं। यूएमएल और उसके समर्थक दलों को इस बैठक में नहीं बुलाया गया। बैठक के दौरान खुद दहल ने प्रस्ताव रखा कि राष्ट्रपति पद नेपाली कांग्रेस को दिया जाए। वहां मौजूद सभी आठ दलों ने इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया। हालांकि शुक्रवार रात तक नेपाली कांग्रेस ने यह एलान नहीं किया था कि उसकी तरफ से कौन उम्मीदवार होगा, लेकिन सूत्रों ने बताया कि राम चंद्र पौडेल को उम्मीदवारी मिलने की सबसे ज्यादा संभावना है।
दहल के घर पर मौजूद पार्टियों में माओइस्ट सेंटर और नेपाली कांग्रेस के अलावा कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (यूनिफाइड सोशलिसट), लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी राष्ट्रीय जन मोर्चा, जनमत पार्टी और नागरिक उन्मुक्ति पार्टी के नेता भी शामिल हुए।
राष्ट्रपति चुनाव के अलावा इस बैठक में यह फैसला हुआ कि वर्तमान प्रतिनिधि सभा के कार्यकाल के दौरान बारी-बारी से तीन नेता प्रधानमंत्री रहेंगे। दहल के अलावा नेपाली कांग्रेस के नेता शेर बहादुर देउबा और यूनिफाइड सोशलिस्ट के नेता माधव कुमार नेपाल को यह पद मिलेगा। दहल ढाई साल प्रधानमंत्री रहेंगे। उसके बाद माधव कुमार नेपाल एक साल इस पद पर रहेंगे और बाकी डेढ़ साल देउबा सरकार का नेतृत्व करेंगे।