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US: न्यूयॉर्क में पहली बार स्कूलों में मिली दिवाली की छुट्टी, जैनिफर ने बताया लंबी लड़ाई के बाद मिला ये मौका
सार
US: अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में पहली बार दिवाली के अवसर पर सभी पब्लिक स्कूलों में आधिकारिक रूप से छुट्टी दी गई। अमेरिका में भारतीय मूल के नागरिकों की लंबी लड़ाई के बाद न्यूयॉर्क असेंबली ने इस प्रस्ताव पर कानूनी मुहर लगाई।
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न्यूयॉर्क के स्कूलों में पहली बार मिली दिवाली की छुट्टी
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
न्यूयॉर्क में पहली बार स्कूली बच्चों ने दिवाली की छुट्टी उत्साह के साथ मनाई। नवंबर 1, 2024 को यह पहला मौका था कि दिवाली को एक प्रमुख त्यौहार मानते हुए सभी पब्लिक स्कूल बंद रहे। इस छुट्टी के लिए न्यूयॉर्क क्षेत्र में बसे भारतीय मूल के लोग और अमेरिका का हिंदू समुदाय लंबे समय से मांग कर रहा था।
जन प्रतिनिधि जैनिफर ने बताया एतिहासिक पल
इसे लंबी लड़ाई के बाद मिली जीत बताते हुए भारतीय मूल की जन प्रतिनिधि जैनिफर राजकुमार ने कहा यह एतिहासिक मौका है। कानूनी प्रावधान के बाद न्यूयॉर्क में आने वाली कई पीढ़ियां इस दिन अंधकार पर प्रकाश की जीत के उत्सव का महत्व जान पाएंगी। न्यूयॉर्क असेंबली की सदस्य जैनिफर के ही प्रस्ताव के बाद ही इस पर कानूनी मुहर लगी।
नीत भसीन ने जाहिर की खुशी
न्यूयॉर्क के टाइम्स स्क्वायर पर बीते 9 सालों से दीपोत्सव आयोजित कर रही नीता भसीन कहती हैं कि यह छुट्टी अमेरिका में भारतीय मूल के लोगों के बढ़ते रसूख का भी असर है। करीब 47 साल पहले हरिद्वार से अमेरिका आ बसी नीता अमर उजाला से बातचीत में बताती हैं कि बीते दिनों आयोजित दीपावली एट टाइम्स स्क्वायर में भारत ही नहीं नेपाल और कैरेबियाई मूल के हिंदू परिवार भी बड़ी संख्या में शामिल हुए।
इसके साथ ही नीता कहती हैं कि अब प्रयास हैं कि न्यूयॉर्क के बाद अब पूरे अमेरिका में इस छुट्टी को लागू कराने की मुहिम चलाई जाए। ताकि भारतीय मूल्यों और संस्कारों को दुनिया के विभिन्न हिस्सों से आए लोग भी जान सकें।
दिवाली बताती है, हम कैसे समृद्ध हुए : ब्लिंकन
अमेरिकी विदेश मंत्रालय में आयोजित कार्यक्रम में राजनयिक समुदाय और भारतवंशियों को संबोधित कर रहे एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि हिंदू त्योहार दिवाली याद दिलाता है कि दक्षिण एशियाई मूल के अमेरिकियों ने अमेरिका को किस तरह समृद्ध बनाया है। उन्होंने कहा, अंधकार पर प्रकाश की जीत के इस पर्व पर हर व्यक्ति का यह दायित्व है कि वह एक-दूसरे की देखभाल करे।
इसके साथ ही ब्लिंकन यह पर्व मूलतः इस विचार पर आधारित है कि प्रकाश की अंधकार पर जीत होती है, अज्ञानता पर करुणा और जिज्ञासा की जीत होती है। इससे अमेरिका को बहुत ताकत मिलती है।
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जन प्रतिनिधि जैनिफर ने बताया एतिहासिक पल
इसे लंबी लड़ाई के बाद मिली जीत बताते हुए भारतीय मूल की जन प्रतिनिधि जैनिफर राजकुमार ने कहा यह एतिहासिक मौका है। कानूनी प्रावधान के बाद न्यूयॉर्क में आने वाली कई पीढ़ियां इस दिन अंधकार पर प्रकाश की जीत के उत्सव का महत्व जान पाएंगी। न्यूयॉर्क असेंबली की सदस्य जैनिफर के ही प्रस्ताव के बाद ही इस पर कानूनी मुहर लगी।
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नीत भसीन ने जाहिर की खुशी
न्यूयॉर्क के टाइम्स स्क्वायर पर बीते 9 सालों से दीपोत्सव आयोजित कर रही नीता भसीन कहती हैं कि यह छुट्टी अमेरिका में भारतीय मूल के लोगों के बढ़ते रसूख का भी असर है। करीब 47 साल पहले हरिद्वार से अमेरिका आ बसी नीता अमर उजाला से बातचीत में बताती हैं कि बीते दिनों आयोजित दीपावली एट टाइम्स स्क्वायर में भारत ही नहीं नेपाल और कैरेबियाई मूल के हिंदू परिवार भी बड़ी संख्या में शामिल हुए।
इसके साथ ही नीता कहती हैं कि अब प्रयास हैं कि न्यूयॉर्क के बाद अब पूरे अमेरिका में इस छुट्टी को लागू कराने की मुहिम चलाई जाए। ताकि भारतीय मूल्यों और संस्कारों को दुनिया के विभिन्न हिस्सों से आए लोग भी जान सकें।
दिवाली बताती है, हम कैसे समृद्ध हुए : ब्लिंकन
अमेरिकी विदेश मंत्रालय में आयोजित कार्यक्रम में राजनयिक समुदाय और भारतवंशियों को संबोधित कर रहे एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि हिंदू त्योहार दिवाली याद दिलाता है कि दक्षिण एशियाई मूल के अमेरिकियों ने अमेरिका को किस तरह समृद्ध बनाया है। उन्होंने कहा, अंधकार पर प्रकाश की जीत के इस पर्व पर हर व्यक्ति का यह दायित्व है कि वह एक-दूसरे की देखभाल करे।
इसके साथ ही ब्लिंकन यह पर्व मूलतः इस विचार पर आधारित है कि प्रकाश की अंधकार पर जीत होती है, अज्ञानता पर करुणा और जिज्ञासा की जीत होती है। इससे अमेरिका को बहुत ताकत मिलती है।