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कश्मीरियों ने 70 साल दुख झेला, उन्हें और कष्ट झेलने की जरूरत नहीं है : मलाला

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला Published by: अमर शर्मा Updated Fri, 09 Aug 2019 03:53 AM IST
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सार

'दुनिया से की शांति कायम करने की अपील'
'मेरी पीढ़ियों के सामने कश्मीर रहा बेहाल'

nobel laureate malala yousafzai on kashmir- We all can live in peace article 370 revoked
मलाला यूसुफजई
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विस्तार
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शांति का नोबेल जीतने वाली पाकिस्तानी शिक्षा अधिकार कार्यकर्ता मलाला युसुफजई ने बृहस्पतिवार को कहा कि हर किसी को अमन और चैन की जिंदगी जीने का अधिकार है। जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के फैसले पर मलाला ने दक्षिण एशिया के सभी देशों से शांति बनाए रखने की अपील की।

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पाकिस्तान ने बुधवार को इस फैसले का विरोध करते हुए भारत के साथ व्यापार बंद कर दिया है और वह इस मामले में किसी भी हद तक जाने की बात कर चुका है। 

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22 वर्षीय मलाला ने कहा कि वह हमेशा से जम्मू कश्मीर की आवाम खासतौर पर महिलाओं और बच्चों को लेकर चिंतित रही हैं। इन्होंने हिंसा को सबसे अधिक झेला है और इसका सबसे ज्यादा नुकसान इन्हें ही हुआ।

मलाला के मुताबिक पिछले 70 साल से वहां के लोग बदहाली में जी रहे हैं। उनका कोई विकास नहीं हुआ। मलाला कहती हैं कि दक्षिण एशिया उनका घर है जिसे वह 1.8 अरब कश्मीरियों के साथ साझा करती हैं, वहां अशांति उन्हें परेशान करती है।

मलाला ने कहा, कश्मीर का अलग रंग है, अलग संस्कृति, भाषा और रहन-सहन है। उम्मीद करती हूं कि वहां के लोगों को अमन और चैन से जिंदगी जीने का हक है। हमें अब दुख सहने की और दूसरों को दर्द देने की जरूरत नहीं है।

दुनिया से की शांति कायम करने की अपील

मलाला ने दक्षिण एशियाई देशों समेत पूरी दुनिया से कश्मीरियों के दुख को खत्म करने और उनके जीवन में सुख लौटाने में मदद करने व क्षेत्र में शांति कायम करने की अपील की। उन्होंने कहा कि हमें सभी मतभेदों को छोड़कर सात दशक पुराने कश्मीर विवाद को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने में ध्यान देना चाहिए। 

मेरी पीढ़ियों के सामने कश्मीर रहा बेहाल

‘कश्मीरी लोग बरसों से मुश्किलें झेल रहे हैं। उनके हालात तब भी बुरे थे जब मैं छोटी थी, तब भी जब मेरे माता पिता छोटे थे और वे लोग तब भी मुश्किलों में जी रहे थे जब मेरे दादा जी जवान थे। उन्हें और कष्ट झेलने की जरूरत नहीं है।’ -मलाला का ट्वीट 

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