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Pakistan: क्या भुखमरी की ओर जा रहा है पाकिस्तान? UN की इस रिपोर्ट ने 'कंगाल' होते देश की चिंता और बढ़ा दी
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: शिवेंद्र तिवारी
Updated Wed, 31 May 2023 05:55 PM IST
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पाकिस्तान में आर्थिक संकट
- फोटो :
AMAR UJALA
विस्तार
पाकिस्तान कि बिगड़ती स्थिति की सबसे ज्यादा मार देश के गरीब और मध्यम वर्ग पर पड़ रही है। रोजमर्रा की जरूरत की चीजों की कीमतें आसमान छू रही हैं। इस बीच, संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में कहा गया है ये संकट और बढ़ने वाला है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पाकिस्तान का मौजूदा खाद्य संकट आने वाले महीनों में और ज्यादा गहरा सकता है।
यूएन
- फोटो :
SOCIAL MEDIA
पहले जानते हैं क्या है संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट?
यूएन ने हाल ही में 'हंगर हॉटस्पॉट्स: एफएओ-डब्ल्यूएफपी अर्ली वॉर्निंग ऑन सीवियर फूड इनसिक्योरिटी।' शीर्षक से एक रिपोर्ट प्रकाशित की है। इस रिपोर्ट में उन देशों को लेकर चेतावनी जारी की गई है, जहां आने वाले दिनों में खाद्य सामग्री की भारी किल्लत होने की आशंका है। इस रिपोर्ट को फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गनाइजेशन (एफएओ) और यूएन की संस्था वर्ल्ड फूड प्रोग्राम (डब्ल्यूएफपी) की तरफ से तैयार किया गया है। इस रिपोर्ट में अलग-अलग देशों को जून से नवंबर तक के हालात के लिए सतर्क रहने को कहा गया है।
यूएन ने हाल ही में 'हंगर हॉटस्पॉट्स: एफएओ-डब्ल्यूएफपी अर्ली वॉर्निंग ऑन सीवियर फूड इनसिक्योरिटी।' शीर्षक से एक रिपोर्ट प्रकाशित की है। इस रिपोर्ट में उन देशों को लेकर चेतावनी जारी की गई है, जहां आने वाले दिनों में खाद्य सामग्री की भारी किल्लत होने की आशंका है। इस रिपोर्ट को फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गनाइजेशन (एफएओ) और यूएन की संस्था वर्ल्ड फूड प्रोग्राम (डब्ल्यूएफपी) की तरफ से तैयार किया गया है। इस रिपोर्ट में अलग-अलग देशों को जून से नवंबर तक के हालात के लिए सतर्क रहने को कहा गया है।
रिपोर्ट में क्या है?
रिपोर्ट के मुताबिक, पहले से ही वैश्विक स्तर पर आए आर्थिक संकट और देश पर बढ़ते कर्ज के चलते पाकिस्तान एक बड़े संकट में फंसा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान सरकार को अप्रैल 2023 से लेकर जून 2026 तक 77.5 अरब डॉलर (करीब 21 लाख 83 हजार करोड़ पाकिस्तानी रुपये) के बराबर विदेशी कर्ज चुकाना है। यह आंकड़ा डराने वाला इसलिए भी है, क्योंकि पाकिस्तान की कुल जीडीपी ही 350 अरब डॉलर (करीब 98 लाख 62 हजार करोड़ पाकिस्तानी रुपये) की है।
रिपोर्ट के मुताबिक, पहले से ही वैश्विक स्तर पर आए आर्थिक संकट और देश पर बढ़ते कर्ज के चलते पाकिस्तान एक बड़े संकट में फंसा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान सरकार को अप्रैल 2023 से लेकर जून 2026 तक 77.5 अरब डॉलर (करीब 21 लाख 83 हजार करोड़ पाकिस्तानी रुपये) के बराबर विदेशी कर्ज चुकाना है। यह आंकड़ा डराने वाला इसलिए भी है, क्योंकि पाकिस्तान की कुल जीडीपी ही 350 अरब डॉलर (करीब 98 लाख 62 हजार करोड़ पाकिस्तानी रुपये) की है।

पाकिस्तान में बाढ़ (फाइल फोटो)
- फोटो :
PTI
पाकिस्तान में खाद्य संकट गहराने की वजह क्या है?
यूएन की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पाकिस्तान में बढ़ती राजनीतिक अस्थिरता और सुधारों में पिछड़ने की वजह से अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने भी उसके लिए नया कर्ज आवंटन रोका है। साथ ही उसके साथी देश भी उसकी मदद करने से हिचक रहे हैं। इसी रिपोर्ट में कहा गया है कि यह राजनीतिक और आर्थिक संकट अक्तूबर 2023 में होने वाले चुनाव तक जारी रह सकते हैं। इस दौरान विदेशी मुद्रा की कमी और पाकिस्तानी रुपये के मूल्य में आ रही गिरावट से पाकिस्तान की खाद्य पदार्थों को खरीदने की क्षमता भी कम होती जाएगी और इनके दाम लगातार आसमान छूते जाएंगे। इतना ही नहीं देश को ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में भी मुश्किल होगी, जिससे बिजली कटौती को रोकना नामुमकिन हो जाएगा।
यूएन की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पाकिस्तान में बढ़ती राजनीतिक अस्थिरता और सुधारों में पिछड़ने की वजह से अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने भी उसके लिए नया कर्ज आवंटन रोका है। साथ ही उसके साथी देश भी उसकी मदद करने से हिचक रहे हैं। इसी रिपोर्ट में कहा गया है कि यह राजनीतिक और आर्थिक संकट अक्तूबर 2023 में होने वाले चुनाव तक जारी रह सकते हैं। इस दौरान विदेशी मुद्रा की कमी और पाकिस्तानी रुपये के मूल्य में आ रही गिरावट से पाकिस्तान की खाद्य पदार्थों को खरीदने की क्षमता भी कम होती जाएगी और इनके दाम लगातार आसमान छूते जाएंगे। इतना ही नहीं देश को ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में भी मुश्किल होगी, जिससे बिजली कटौती को रोकना नामुमकिन हो जाएगा।
संकट कितना गहरा हो सकता है?
रिपोर्ट के मुताबिक, सितंबर से दिसंबर 2023 के बीच पाकिस्तान के करीब 85 लाख लोग भीषण खाद्य असुरक्षा का सामना कर रहे होंगे। आने वाले समय में खाद्य सुरक्षा के साथ कुपोषण में भी गंभीर बढ़ोतरी हो सकती है। पाकिस्तान के लगातार बिगड़ते आर्थिक हालात से परिवारों की खरीद क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव पडे़गा। इससे उनके लिए खाने के जरूरी सामान और अन्य अहम चीजें जुटाना मुश्किल होता जाएगा।
रिपोर्ट के मुताबिक, सितंबर से दिसंबर 2023 के बीच पाकिस्तान के करीब 85 लाख लोग भीषण खाद्य असुरक्षा का सामना कर रहे होंगे। आने वाले समय में खाद्य सुरक्षा के साथ कुपोषण में भी गंभीर बढ़ोतरी हो सकती है। पाकिस्तान के लगातार बिगड़ते आर्थिक हालात से परिवारों की खरीद क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव पडे़गा। इससे उनके लिए खाने के जरूरी सामान और अन्य अहम चीजें जुटाना मुश्किल होता जाएगा।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ
- फोटो :
Social Media
अब पाकिस्तान के पास विकल्प क्या हैं?
एक ओर यूएन ने जहां पाकिस्तान के लिए चेतावनी दी है, वहीं इसने कुछ सुझाव दिए हैं जिन्हें लागू कर पाकिस्तान संकट को टाल सकता है। इनमें से कुछ सुझाव ऐसे हैं:
• संशोधित 2022 बाढ़ प्रतिक्रिया योजना लागू करना जिसमें पाकिस्तान खाद्य सुरक्षा और कृषि के लिए 269.4 मिलियन अमरीकी डालर और पोषण संबंधी समस्याओं के लिए 91 मिलियन अमरीकी डालर की मदद शामिल है।
• खाद्य-खपत अंतराल को कम करने के लिए उचित तौर-तरीकों (भोजन या नकदी और वाउचर) के माध्यम से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों सहित भोजन और आजीविका सहायता के कवरेज को बढ़ाना।
• आय या रोजगार का सृजन; विशेष रूप से महिला प्रधान परिवारों के लिए आजीविका के अवसर और बहाली प्रयास।
• बीजों तक पहुंच प्रदान करके आगामी अनाज रोपण मौसम के लिए कृषि सामग्री का वितरण, उर्वरकों के साथ-साथ कीट और रोग नियंत्रण के प्रयास करना। विशेष रूप से गरीब किसानों के लिए।
• पशु आश्रयों का निर्माण, पुनर्वास और पशु चारा और पूरक आहार वितरण करना। विशेष रूप से उन परिवारों को जो अभी भी 2022 की बाढ़ से उबर रहे हैं।
• खुरपका और मुंहपका रोग, पेस्ट डेस जैसी बीमारियों से ग्रस्त क्षेत्रों में पशु टीकाकरण अभियान चलाना
• बेहतर संरक्षण के लिए कृषि और पशुधन के लिए पानी के बुनियादी ढांचे का निर्माण और पुनर्वास प्रबंधन करना।
एक ओर यूएन ने जहां पाकिस्तान के लिए चेतावनी दी है, वहीं इसने कुछ सुझाव दिए हैं जिन्हें लागू कर पाकिस्तान संकट को टाल सकता है। इनमें से कुछ सुझाव ऐसे हैं:
• संशोधित 2022 बाढ़ प्रतिक्रिया योजना लागू करना जिसमें पाकिस्तान खाद्य सुरक्षा और कृषि के लिए 269.4 मिलियन अमरीकी डालर और पोषण संबंधी समस्याओं के लिए 91 मिलियन अमरीकी डालर की मदद शामिल है।
• खाद्य-खपत अंतराल को कम करने के लिए उचित तौर-तरीकों (भोजन या नकदी और वाउचर) के माध्यम से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों सहित भोजन और आजीविका सहायता के कवरेज को बढ़ाना।
• आय या रोजगार का सृजन; विशेष रूप से महिला प्रधान परिवारों के लिए आजीविका के अवसर और बहाली प्रयास।
• बीजों तक पहुंच प्रदान करके आगामी अनाज रोपण मौसम के लिए कृषि सामग्री का वितरण, उर्वरकों के साथ-साथ कीट और रोग नियंत्रण के प्रयास करना। विशेष रूप से गरीब किसानों के लिए।
• पशु आश्रयों का निर्माण, पुनर्वास और पशु चारा और पूरक आहार वितरण करना। विशेष रूप से उन परिवारों को जो अभी भी 2022 की बाढ़ से उबर रहे हैं।
• खुरपका और मुंहपका रोग, पेस्ट डेस जैसी बीमारियों से ग्रस्त क्षेत्रों में पशु टीकाकरण अभियान चलाना
• बेहतर संरक्षण के लिए कृषि और पशुधन के लिए पानी के बुनियादी ढांचे का निर्माण और पुनर्वास प्रबंधन करना।

अफगानिस्तान संकट (फाइल)
- फोटो :
पीटीआई
पाकिस्तान के अलावा अन्य देशों की स्थिति पर रिपोर्ट में क्या कहा गया है?
यूएन की दोनों एजेंसियों ने पाकिस्तान के साथ-साथ 22 देशों में 81 ऐसे भुखमरी प्रभावित क्षेत्रों को लेकर चेतावनी जारी की है, जहां जून से नवंबर 2023 के बीच खाद्य संकट से स्थितियां और बिगड़ सकती हैं। इनमें अफगानिस्तान, नाइजीरिया, सोमालिया, दक्षिण सूडान और यमन सरीखे देश सबसे ज्यादा संकट वाले देशों में शामिल किए गए हैं। दूसरी तरफ पाकिस्तान, सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक, इथियोपिया, केन्या, कॉन्गो और सीरिया को खाद्य संकट के मामले में उच्च-जोखिम वाले देशों की श्रेणी में रखा गया है।
यूएन की दोनों एजेंसियों ने पाकिस्तान के साथ-साथ 22 देशों में 81 ऐसे भुखमरी प्रभावित क्षेत्रों को लेकर चेतावनी जारी की है, जहां जून से नवंबर 2023 के बीच खाद्य संकट से स्थितियां और बिगड़ सकती हैं। इनमें अफगानिस्तान, नाइजीरिया, सोमालिया, दक्षिण सूडान और यमन सरीखे देश सबसे ज्यादा संकट वाले देशों में शामिल किए गए हैं। दूसरी तरफ पाकिस्तान, सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक, इथियोपिया, केन्या, कॉन्गो और सीरिया को खाद्य संकट के मामले में उच्च-जोखिम वाले देशों की श्रेणी में रखा गया है।