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क्या है तोशाखाना मामला?: इमरान खान-बुशरा बीबी को 17 साल की सजा; जानें पाकिस्तान के इस मामले की पूरी कहानी

स्पेशल डेस्क, अमर उजाला Published by: कीर्तिवर्धन मिश्र Updated Sat, 20 Dec 2025 12:31 PM IST
सार

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहीं। तोशाखाना मामले में उन पर चुनाव आयोग के अलावा राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो और संघीय जांच एजेंसी तक ने जांच बिठाई। इनमें से अधिकतर केस में निचली अदालत से सजा मिलने के बाद उन्हें हाईकोर्ट से राहत भी मिली है। हालांकि, अब तोशाखाना से जुड़े एक और मामले में उन्हें फिर सजा सुनाई गई है।

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Pakistan What is the Toshakhana case Pakistan Tehreek-E-Insaf PTI Imran Khan Bushra Bibi sentenced jail time
Imran Khan, Bushra Bibi - फोटो : X/@PTIOfficial
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विस्तार
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पाकिस्तान की एक विशेष अदालत ने शनिवार को पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के संस्थापक इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी को तोशाखाना मामले में 17 साल की जेल की सजा सुनाई है। यह केस सऊदी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन-सलमान की तरफ से तब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री रहे इमरान को बुलगारी का महंगा ज्वैलरी सेट तोहफे में देने से जुड़ा है। आरोप है कि इमरान ने यह आभूषण सरकारी खजाने से बेहद कम कीमत में खरीद लिया था। 
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बताया गया है कि यह आदेश संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) की विशेष अदालत के जज ने रावलपिंडी स्थित अदियाला जेल में सुनवाई के दौरान दिया। मौजूदा समय में इमरान खान इसी जेल में बंद हैं। इमरान खान को मामले में कुल 17 साल की सजा हुई है। उन्हें अपराध और भ्रष्टाचार से जुड़ी अलग-अलग धाराओं में 10 साल और सात साल की कुल सजा दी गई है, जो कि कुल मिलाकर 17 साल की जेल की सजा है। इसी तरह की सजा इमरान की पत्नी बुशरा बीबी को भी दी गई है। इसके अलावा उन पर कुल 1.6 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है, जिसे न चुकाने पर जेल की सजा और बढ़ाई जा सकती है। 
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चौंकाने वाली बात यह है कि इमरान को इससे पहले तोशाखाना से जुड़े अन्य मामलों में तीन से लेकर 14 साल तक की जेल की सजा हो चुकी है, जबकि कुछ और मामले भी उन पर जारी हैं। ऐसे में यह जानना अहम है कि आखिर तोशाखाना मामला क्या है? इसमें अब तक क्या-क्या हुआ है? इमरान आगे क्या करेंगे? आइये जानते हैं...

पहले जानिए क्या है तोशाखाना मामला? 
पाकिस्तान के कानून के अनुसार किसी विदेशी राज्य के गणमान्य व्यक्तियों से प्राप्त कोई भी उपहार स्टेट डिपॉजिटरी यानी तोशाखाना में रखना होता है। अगर राज्य का मुखिया उपहार को अपने पास रखना चाहता है तो उसके लिए उसे इसके मूल्य के बराबर राशि का भुगतान करना होगा। यह एक नीलामी की प्रक्रिया के जरिए तय किया जाता है। ये उपहार या तो तोशाखाना में जमा रहते हैं या नीलाम किए जा सकते हैं और इसके माध्यम से अर्जित धन को राष्ट्रीय खजाने में जमा किया जाता है। 

कहानी इमरान के प्रधानमंत्री रहते हुए शुरू हुई थी। 2018 में सत्ता में आए इमरान खान को आधिकारिक यात्राओं के दौरान करीब 14 करोड़ रुपये के 58 उपहार मिले थे। इन महंगे उपहारों को तोशाखाना में जमा किया गया था। बाद में इमरान खान ने इन्हें तोशखाने से सस्ते दाम पर खरीद लिया और फिर महंगे दाम पर बाजार में बेच दिया। इस पूरी प्रक्रिया के लिए उन्होंने सरकारी कानून में बदलाव भी किए। 

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इमरान ने 2.15 करोड़ रुपये में इन गिफ्ट्स को तोशखाने से खरीदा था और इन्हें बेचकर 5.8 करोड़ रुपये का मुनाफा कमा लिया। इन गिफ्टस में एक ग्राफ घड़ी, कफलिंक का एक जोड़ा, एक महंगा पेन, एक अंगूठी और चार रोलेक्स घड़ियां भी थीं। 

कैसे हुआ खुलासा? 
पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अगस्त में इमरान खान को सत्ता से हटाए जाने के कुछ महीनों बाद, सत्तारूढ़ गठबंधन के कुछ सांसदों ने नेशनल असेंबली के अध्यक्ष राजा परवेज अशरफ ने सामने एक आरोप पत्र दायर किया था। इमरान खान पर आरोप लगाए गए थे कि जो गिफ्ट उन्हें मिले, उसका विवरण तोशाखाना को नहीं सौंपा गया था। उन्हें बेचकर पैसे कमाए गए हैं। पाकिस्तान के स्पीकर ने इस मामले में जांच करवाई। आठ सितंबर को इमरान खान को नोटिस मिला था। उन्होंने इस नोटिस का जवाब दिया था और कहा था कि प्रधानमंत्री रहते हुए मिले चार उपहारों को उन्होंने बेच दिया था। इन उपहारों में ग्रेफ, रोलेक्स घड़ी, कफ़लिंक की एक जोड़ी, एक महंगी कलम, कई धातुओं की चीजें और एक अंगूठी शामिल थी। 

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फिर सदस्यता भी चली गई
आरोप साबित होने पर पिछले साल इमरान खान की संसद सदस्यता भी चली गई थी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इमरान खान ने जानबूझकर चुनाव अधिनियम, 2017 के प्रावधानों का उल्लंघन किया था और गलत बयान दिया था। साल 2020-21 के लिए उन्होंने अपनी संपत्तियों के बारे में भी गलत जानकारी दी थी। 

इमरान खान को चुनाव अधिनियम की धाराओं के साथ, संविधान के अनुच्छेद 63 (1) (पी) के तहत अयोग्य घोषित कर दिया गया था। पाकिस्तानी संविधान के अनुच्छेद 63 (1) (पी) में कहा गया है कि एक व्यक्ति कुछ समय के लिए, किसी भी कानून के तहत मजलिस-ए-शूरा या प्रांतीय विधानसभा के सदस्य के रूप में चुने जाने या चुने जाने के लिए अयोग्य ठहराया जा सकता है। बाद में उनकी गिरफ्तारी भी हो गई थी।

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मामले में इमरान का क्या रुख?
रिपोर्ट्स के अनुसार, तोशाखाना मामला सामने आने के बाद इमरान खान ने इसपर बयान भी दिया था। उन्होंने कहा था कि ये गिफ्ट्स उन्हें निजी तौर पर मिले हैं। इसलिए उन्हें इसे अपने पास रखने का अधिकार है। हालांकि, बाद में उन्होंने तोशाखाना मामले के सारे आरोपों को बेबुनियाद बताया था। 


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पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहीं। तोशाखाना मामले में उन पर चुनाव आयोग के अलावा राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो और संघीय जांच एजेंसी तक ने जांच बिठाई। इनमें से अधिकतर केस में निचली अदालत से सजा मिलने के बाद उन्हें हाईकोर्ट से राहत भी मिली है। हालांकि, अब तोशाखाना से जुड़े एक और मामले में उन्हें फिर सजा सुनाई गई है।
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