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Pakistan: खैबर पख्तूनख्वा के सीएम चुनाव के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर, JUI-F की मांग- रद्द किया जाए चुनाव
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, पेशावर।
Published by: निर्मल कांत
Updated Tue, 14 Oct 2025 03:31 PM IST
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सार
Pakistan: खैबर पख्तूनख्वा में जेयूएफ-आई ने मुख्यमंत्री चुनाव को हाईकोर्ट में चुनौती दी है, जिसमें पीटीआई के सुहेल अफरीदी को 90 वोटों से चुना गया था। याचिका में पूर्व मुख्यमंत्री गंडापुर का इस्तीफा औपचारिक रूप से स्वीकार न होने का हवाला देते हुए चुनाव को असांविधानिक बताया गया है। जेयूआई-एफ ने चुनाव के नतीजों पर रोक लगाने की मांग की।

पेशावर हाईकोर्ट
- फोटो : आधिकारिक वेबसाइट/पेशावर हाईकोर्ट
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विस्तार
जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फजल (जेयूआई-एफ) ने मंगलवार को पाकिस्तानी हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की। याचिका में खैबर पख्तूनख्वा (केपीके) के मुख्यमंत्री के चुनाव को रद्द करने और इसे 'अमान्य और रद्द' करने की मांग की गई है।
पीटीआई के सुहेल अफरीदी को चुना गया मुख्यमंत्री
सोमवार को पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के उम्मीदवार सुहेल अफरीदी को खैबर पख्तूनख्वा का मुख्यमंत्री चुना गया था। इस दौरान विपक्ष ने वॉकआउट कर दिया था। अफरीदी को कुल 90 वोट मिले जबकि जेयूआई-एफ, पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के किसी भी उम्मीदवार को कोई वोट नहीं मिला। पीटीआई जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी है।
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जेयूआई-एफ ने पूछा- गंडापुर का इस्तीफा अभी स्वीकार हुआ या नहीं
याचिका जेयूआई-एफ के उम्मीदवार और प्रांतीय विधानसभा के सदस्य मौलाना लुत्फुर रहमान ने दायर की। वह जेयूआई-एफ प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान के छोटे भाई हैं। रहमान ने कोर्ट से इस चुनाव को रद्द करने की मांग की है। उन्होंने इसे गैरकानूनी, मनमाना और अधिकार क्षेत्र से बाहर बताया। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि क्या पूर्व मुख्यमंत्री अली अमीन गंडापुर का इस्तीफा औपचारिक रूप से स्वीकार किया गया है या नहीं।
चुनाव के नतीजों पर रोक लगाने की मांग
उन्होंने पाकिस्तान के संविधान के अनुच्छेद 130(8) का हवाला दिया। इसमें कहा गया है कि नए मुख्यमंत्री का चुनाव तभी हो सकता है, जब पहले से पद खाली हो। याचिका में विधानसभा की सभी कार्यवाहियों और अधिसूचनाओं को गैरकानूनी और अमान्य घोषित करने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया कि जब तक राज्यपाल विधिवत रूप से गंडापुर के इस्तीफे की पुष्टि नहीं करते, तब तक चुनाव के नतीजों पर रोक लगाई जाए। साथ ही संविधान और विधानसभा के नियमों के अनुसार मतदान कराया जाए।
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याचिका में किन लोगों पक्षकार बनाया गया?
रहमान ने कहा, यह कदम इसलिए जरूरी है ताकि अराजकता से बचा जा सके और कानून का शासन स्थापित हो। इस याचिका में खैबर पख्तूनख्वा सरकार, राज्यपाल फैसल करीम कुंडी, प्रांतीय विधानसभा के स्पीकर बाबर सलीम स्वाती, विधानसभा सचिव, पूर्व मुख्यमंत्री गंडापुर और नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री अफरीदी को पक्षकार बनाया गया है। इस बीच, पेशावर हाईकोर्ट (पीएचसी) मंगलवार को अफरीदी के शपथ ग्रहण पर सुनवाई करेगी।

पीटीआई के सुहेल अफरीदी को चुना गया मुख्यमंत्री
सोमवार को पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के उम्मीदवार सुहेल अफरीदी को खैबर पख्तूनख्वा का मुख्यमंत्री चुना गया था। इस दौरान विपक्ष ने वॉकआउट कर दिया था। अफरीदी को कुल 90 वोट मिले जबकि जेयूआई-एफ, पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के किसी भी उम्मीदवार को कोई वोट नहीं मिला। पीटीआई जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी है।
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जेयूआई-एफ ने पूछा- गंडापुर का इस्तीफा अभी स्वीकार हुआ या नहीं
याचिका जेयूआई-एफ के उम्मीदवार और प्रांतीय विधानसभा के सदस्य मौलाना लुत्फुर रहमान ने दायर की। वह जेयूआई-एफ प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान के छोटे भाई हैं। रहमान ने कोर्ट से इस चुनाव को रद्द करने की मांग की है। उन्होंने इसे गैरकानूनी, मनमाना और अधिकार क्षेत्र से बाहर बताया। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि क्या पूर्व मुख्यमंत्री अली अमीन गंडापुर का इस्तीफा औपचारिक रूप से स्वीकार किया गया है या नहीं।
चुनाव के नतीजों पर रोक लगाने की मांग
उन्होंने पाकिस्तान के संविधान के अनुच्छेद 130(8) का हवाला दिया। इसमें कहा गया है कि नए मुख्यमंत्री का चुनाव तभी हो सकता है, जब पहले से पद खाली हो। याचिका में विधानसभा की सभी कार्यवाहियों और अधिसूचनाओं को गैरकानूनी और अमान्य घोषित करने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया कि जब तक राज्यपाल विधिवत रूप से गंडापुर के इस्तीफे की पुष्टि नहीं करते, तब तक चुनाव के नतीजों पर रोक लगाई जाए। साथ ही संविधान और विधानसभा के नियमों के अनुसार मतदान कराया जाए।
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याचिका में किन लोगों पक्षकार बनाया गया?
रहमान ने कहा, यह कदम इसलिए जरूरी है ताकि अराजकता से बचा जा सके और कानून का शासन स्थापित हो। इस याचिका में खैबर पख्तूनख्वा सरकार, राज्यपाल फैसल करीम कुंडी, प्रांतीय विधानसभा के स्पीकर बाबर सलीम स्वाती, विधानसभा सचिव, पूर्व मुख्यमंत्री गंडापुर और नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री अफरीदी को पक्षकार बनाया गया है। इस बीच, पेशावर हाईकोर्ट (पीएचसी) मंगलवार को अफरीदी के शपथ ग्रहण पर सुनवाई करेगी।
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