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नेपाल में चीफ जस्टिस के खिलाफ महाभियोग पर सियासी भूचाल
विनोद काला/ अमर उजाला, बनबसा (चंपावत)
Updated Fri, 05 May 2017 04:48 AM IST
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चीफ जस्टिस सुशीला कार्की
- फोटो : FILE PHOTO
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नेपाल सरकार की ओर से प्रमुख न्यायाधीश के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाए जाने पर मुल्क की राजनीति में भूचाल आ गया है। इस प्रस्ताव को न्यायपालिका पर चोट करने वाला कदम बताया जा रहा है। पूर्व न्यायाधीशों, समाजसेवियों, बुद्धिजीवियों और व्यापारियों ने प्रदर्शन कर प्रमुख न्यायाधीश के खिलाफ लाए जा रहे महाभियोग को वापस लेने की मांग की है। इस क्रम में देश के कई हिस्सों में इसका जबरदस्त विरोध हुआ है।

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नेपाल में प्रमुख न्यायाधीश सुशीला कार्की के खिलाफ लाया गया महाभियोग प्रस्ताव सरकार के गले की हड्डी बनता नजर आ रहा है। करीब बीस साल बाद होने वाले निकाय चुनाव के समय उठाए गए सरकार के इस कदम से चुनाव प्रभावित होने की आशंका है। पूर्व न्यायाधीश फोरम नेपाल से संबद्ध पूर्व न्यायाधीश केदारनाथ उपाध्याय, केदार प्रसाद गिरि, टोप बहादुर सिंह, गोपाल प्रसाद खत्री, राजेंद्र कुमार भंडारी, गौरी ढ़काल, पवन कुमार ओझा आदि ने सरकार के इस कदम को न्यायालय के ऊपर आघात बताया है।
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सामाजिक कार्यकर्ता गोविंद केसी, कृष्ण पहाड़ी, पूर्व प्रमुख निर्वाचन आयुक्त नीलकंठ उप्रेती, पूर्व न्यायाधीश कल्याण श्रेष्ठा समेत प्राध्यापकों, कानूनविदों, व्यवसायियों और नागरिकों ने प्रमुख न्यायाधीश कार्की के खिलाफ लाए गए महाभियोग को गलत बताया। सरकार से इसे तत्काल वापस लेने की मांग की।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व प्रधानमंत्री रामचंद्र पौडेल ने भी ऐन चुनाव के समय लाए जा रहे महाभियोग से नेपाली सरकार और कांग्रेस पार्टी को होने वाले नुकसान के प्रति आगाह किया है। नेपाल के प्रमुख विपक्षी दल एकीकृत माओवादी लेनिनवादी (एमाले) के अध्यक्ष केपी ओली शर्मा (पूर्व प्रधानमंत्री) ने भी प्रधानमंत्री प्रचंड से भेंट कर महाभियोग वापस न लेने पर संसद नहीं चलने की चेतावनी दी है।
नेपाल के उपप्रधानमंत्री ने वापस लिया इस्तीफा
कांग्रेस के नेता बिमलेंद्र निधि ने उप-प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के पद से दिया इस्तीफा वापस ले लिया है। बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री पुष्पकमल दहल प्रचंड, कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा और निधि के बीच विचार-विमर्श के बाद उन्होंने यह फैसला लिया। मालूम हो कि कुछ दिन पहले ही निधि ने मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की के ऊपर लगाए गए महाभियोग के विषय में खुद को जानकारी नहीं दिए जाने पर नाराजगी जताते हुए पद से इस्तीफा दे दिया था।