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Ukraine: रूस का यूक्रेन पर भीषण हमला, 15 लाख लोग अंधेरे में; 36 मिसाइल-600 ड्रोन हमलों से तबाह ऊर्जा संयंत्र

एजेंसी, कीव/मास्को Published by: शिवम गर्ग Updated Fri, 05 Dec 2025 07:09 AM IST
सार

पिछले 48 घंटों में रूसी सेना ने लगभग 36 बैलिस्टिक मिसाइलों और 600 ड्रोन के जरिए यूक्रेन पर हमला किया, जिससे कई बड़े ऊर्जा संयंत्र क्षतिग्रस्त हो गए और लगभग 15 लाख लोग अंधेरे में डूब गए।

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Russia Launches Massive Attacks on Ukraine: 36 Missiles, 600 Drones Leave 1.5 Million Without Power
स्लोवियांस्क में हमले से तबाह घर। - फोटो : अमर उजाला प्रिन्ट/एजेंसी
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विस्तार
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यूक्रेन पर रूस के ताजा हमलों ने युद्ध को एक बार फिर बेहद खतरनाक मोड़ पर ला खड़ा किया है। पिछले 48 घंटे के भीतर यूक्रेनी अधिकारियों के मुताबिक रूसी सेना ने लगभग 36 बैलिस्टिक मिसाइलों और करीब 600 ड्रोन के जरिए व्यापक हमला किया, जिसमें कई बड़े ऊर्जा संयंत्र क्षतिग्रस्त हो गए हैं और लगभग 15 लाख लोग अंधेरे में डूब गए हैं।

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खेरसोन, सूमी का बड़ा हिस्सा, खारकीव शहर और खारकीव क्षेत्र के विल्वा स्थित सैन्य अड्डे पर हुए हमलों ने न सिर्फ बिजली आपूर्ति ठप कर दी, बल्कि यूक्रेन की सैन्य क्षमताओं और नागरिक ढांचे दोनों को गंभीर चोट पहुंचाई है। इन हमलों के दौरान 20 से अधिक नागरिकों के मारे जाने की भी खबर है। यूक्रेनी मीडिया सस्पिल्ने और किर्विक इंडिपेंडेंट के अनुसार यूक्रेनी ऊर्जा मंत्रालय और स्थानीय प्रशासन के हवाले से मिल रही जानकारी के अनुसार रूस ने इस हमले की प्राथमिक दिशा के रूप में ऊर्जा अवसंरचना और सैन्य अड्डों को चुना। खेरसोन और सूमी क्षेत्र में प्रमुख विद्युत उपकेंद्रों और ट्रांसफॉर्मर स्टेशनों को निशाना बनाए जाने की वजह से पूरे इलाकों में लंबे समय के लिए बिजली कटौती लागू करनी पड़ी। खारकीव शहर और उसके आसपास के इलाकों में बिजली आपूर्ति बाधित होने के साथ–साथ पानी के पंपिंग स्टेशन और ट्राम-मेट्रो जैसी शहरी सुविधांए ठप हो गईं।
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सैचुरेशन अटैक की रणनीति
यूक्रेनी सेनाओं के अनुसार 48 घंटों में रूस ने लगभग तीन दर्जन से अधिक बैलिस्टिक मिसाइलें और 600 के करीब ड्रोन दागकर सैचुरेशन अटैक (एक साथ इतने लक्ष्यों पर हमला कि वायु-रक्षा सिस्टम ओवरलोड हो जाए) की रणनीति अपनाई।  

अधिकतम दबाव की रणनीति पर काम कर रहा रूस
युद्ध पर नजर रखने वाले कई अंतरराष्ट्रीय सामरिक थिंक टैंक, जैसे इंस्टीट्यूट फॉर द स्टडी ऑफ वार और स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (सिपरी) पहले ही चेतावनी दे चुके थे कि सर्दी और ऊर्जा निर्भर महीनों के आसपास रूस, यूक्रेन की बिजली और हीटिंग सुविधाओं पर हमले तेज कर सकता है, ताकि सामाजिक-आर्थिक दबाव बढ़ाकर कीव को बातचीत या रियायतों की ओर धकेला जा सके।

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