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भारत की कश्मीर मुद्दे पर चीन को दो टूक, कहा- ये भारत का आंतरिक मामला है
विनोद अग्निहोत्री, बीजिंग
Published by: अमर शर्मा
Updated Mon, 12 Aug 2019 09:18 PM IST
सार
- चीन की तीन दिवसीय यात्रा पर हैं विदेश मंत्री एस जयशंकर।
- भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव और लद्दाख को लेकर चीन ने चिंता जाहिर की।
- भारत की कश्मीर पर चीन से दो टूक- ये भारत का आंतरिक मामला।
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एस जयशंकर और वांग यी
- फोटो : ANI
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विस्तार
भारत ने कश्मीर पर चीन से दो टूक कहा कि ये भारत का आंतरिक मामला है जो पूरी तरह संवैधानिक प्रक्रिया के तहत है। इससे किसी अन्य देश का कोई लेना देना नहीं है और न ही किसी देश की सीमाएं प्रभावित हुई हैं। ये जानकारी विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दोनों देशों के विदेश मंत्री स्तर की वार्ता के बाद पत्रकारों को दी।
उन्होंने बताया कि बातचीत में चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने और राज्य के विभाजन से भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव और लद्दाख को लेकर चीन की चिंता जाहिर की। चीनी विदेश मंत्री ने लद्दाख का जिक्र करते हुए कहा कि इससे भारत चीन के बीच सीमा के मुद्दे पर असर पड़ सकता है।
विदेश मंत्री जयशंकर के मुताबिक भारत ने चीन को स्पष्ट कहा कि कश्मीर पर भारत के कदम से किसी देश पर कोई फर्क नहीं पड़ा और न ही अंतरराष्ट्रीय सीमाएं प्रभावित हुई हैं। चीनी विदेश मंत्री को भारतीय विदेश मंत्री ने कहा भारत एक जिम्मेदार राष्ट्र है और उसने कभी किसी अंतरराष्ट्रीय प्रावधान का उल्लंघन नहीं किया है। कश्मीर मुद्दे को भी हकीकत की इसी रोशनी में देखा जाना चाहिए।
भारत ने कहा है कि दोनों देशों के बीच मतभेदों को विवाद में नहीं बदलना चाहिए। वहीं चीन ने कहा है कि हमें संयुक्त राष्ट्र घोषणा पत्र का पालन करते हुए हर देश की संप्रभुता और भौगोलिक सीमाओं का सम्मान करना चाहिए और एक विशेष प्रतिनिधि मैकेनिज्म के जरिए सीमा विवाद के समाधान की दिशा में बढ़ना होगा जिससे जल्दी ही इसका कोई हल निकल सके। यह बात चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर से विदेश मंत्री स्तर की बातचीत के बाद उच्च स्तरीय भारत चीन मीडिया फोरम को संबोधित करते हुए कही।
इससे पहले भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने फोरम को संबोधित करते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच कुछ क्षेत्रों में मतभेद हो सकते हैं पर उनको विवाद में नहीं बदलना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज चीनी विदेश मंत्री के साथ बातचीत में दोनों देशों के बीच आर्थिक, रणनीतिक सांस्कृतिक क्षेत्र में परस्पर सहयोग और ज्यादा बढ़ाने के लिए चार समझौते हुए।
विदेश मंत्री ने कहा कि दोनों देश एक दूसरे की चिंताओं को समझते हुए परस्पर सहयोग की दिशा में काम कर रहे हैं। भारतीय और चीनी विदेश मंत्रियों ने दोनों देशों के बीच नागरिक संबंधों की दिशा में ज्यादा से ज्यादा काम करने की जरूरत बताई।
गौरतलब है कि कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद भारतीय विदेश मंत्री की यह पहली चीन यात्रा है जबकि लद्दाख को केंद्र शासित क्षेत्र बनाने पर चीन ने अपनी चिंता जाहिर की है। हालांकि विदेश मंत्री का ये दौरा भारत के कश्मीर में उठाए गए कदम से एक महीने पहले प्रस्तावित था।
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उन्होंने बताया कि बातचीत में चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने और राज्य के विभाजन से भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव और लद्दाख को लेकर चीन की चिंता जाहिर की। चीनी विदेश मंत्री ने लद्दाख का जिक्र करते हुए कहा कि इससे भारत चीन के बीच सीमा के मुद्दे पर असर पड़ सकता है।
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विदेश मंत्री जयशंकर के मुताबिक भारत ने चीन को स्पष्ट कहा कि कश्मीर पर भारत के कदम से किसी देश पर कोई फर्क नहीं पड़ा और न ही अंतरराष्ट्रीय सीमाएं प्रभावित हुई हैं। चीनी विदेश मंत्री को भारतीय विदेश मंत्री ने कहा भारत एक जिम्मेदार राष्ट्र है और उसने कभी किसी अंतरराष्ट्रीय प्रावधान का उल्लंघन नहीं किया है। कश्मीर मुद्दे को भी हकीकत की इसी रोशनी में देखा जाना चाहिए।
भारत ने कहा है कि दोनों देशों के बीच मतभेदों को विवाद में नहीं बदलना चाहिए। वहीं चीन ने कहा है कि हमें संयुक्त राष्ट्र घोषणा पत्र का पालन करते हुए हर देश की संप्रभुता और भौगोलिक सीमाओं का सम्मान करना चाहिए और एक विशेष प्रतिनिधि मैकेनिज्म के जरिए सीमा विवाद के समाधान की दिशा में बढ़ना होगा जिससे जल्दी ही इसका कोई हल निकल सके। यह बात चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर से विदेश मंत्री स्तर की बातचीत के बाद उच्च स्तरीय भारत चीन मीडिया फोरम को संबोधित करते हुए कही।
इससे पहले भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने फोरम को संबोधित करते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच कुछ क्षेत्रों में मतभेद हो सकते हैं पर उनको विवाद में नहीं बदलना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज चीनी विदेश मंत्री के साथ बातचीत में दोनों देशों के बीच आर्थिक, रणनीतिक सांस्कृतिक क्षेत्र में परस्पर सहयोग और ज्यादा बढ़ाने के लिए चार समझौते हुए।
विदेश मंत्री ने कहा कि दोनों देश एक दूसरे की चिंताओं को समझते हुए परस्पर सहयोग की दिशा में काम कर रहे हैं। भारतीय और चीनी विदेश मंत्रियों ने दोनों देशों के बीच नागरिक संबंधों की दिशा में ज्यादा से ज्यादा काम करने की जरूरत बताई।
गौरतलब है कि कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद भारतीय विदेश मंत्री की यह पहली चीन यात्रा है जबकि लद्दाख को केंद्र शासित क्षेत्र बनाने पर चीन ने अपनी चिंता जाहिर की है। हालांकि विदेश मंत्री का ये दौरा भारत के कश्मीर में उठाए गए कदम से एक महीने पहले प्रस्तावित था।