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Starbucks: स्टारबक्स कर्मचारियों ने ड्रेस कोड को लेकर कंपनी पर ठोका मुकदमा, बोले- खर्च की भरपाई हम क्यों करें?
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, वॉशिंगटन
Published by: हिमांशु चंदेल
Updated Thu, 18 Sep 2025 09:00 AM IST
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सार
स्टारबक्स कर्मचारियों ने नए ड्रेस कोड को लेकर मुकदमे दायर किए हैं। उनका आरोप है कि कंपनी ने उन्हें नए कपड़े और जूते खरीदने पर मजबूर किया लेकिन खर्च वापस नहीं किया। कंपनी ने कहा कि बदलाव का उद्देश्य ग्राहकों को एक समान अनुभव देना है और कर्मचारियों को मुफ्त शर्ट भी दी गईं। कर्मचारी इसे जेब पर बोझ और आत्म-अभिव्यक्ति पर रोक बता रहे हैं। कानूनी लड़ाई अब कई राज्यों में फैल गई है।

स्टारबक्स।
- फोटो : ANI/NEWSIS
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विस्तार
स्टारबक्स के नए ड्रेस कोड ने कर्मचारियों में असंतोष भड़का दिया है। अमेरिका के तीन राज्यों के कर्मचारियों ने कंपनी के खिलाफ मुकदमा दायर किया है। उनका आरोप है कि कंपनी ने ड्रेस कोड बदलते समय कर्मचारियों को नए कपड़े खरीदने के लिए बाध्य किया, लेकिन खर्च की भरपाई करने से इनकार कर दिया। मुकदमे इलिनॉय और कोलोराडो की अदालतों में दाखिल किए गए, जबकि कैलिफोर्निया में शिकायत दर्ज की गई है।
स्टारबक्स ने 12 मई से नया ड्रेस कोड लागू किया है। इसके तहत सभी कर्मचारियों को ठोस काले रंग की शर्ट पहननी होगी, जो कंपनी की हरी एप्रन के नीचे साफ दिखाई दे। इसके अलावा खाकी, काले या नीले रंग की जींस या पैंट पहनना अनिवार्य कर दिया गया है। जूतों पर भी कड़े नियम लागू किए गए हैं। कंपनी का कहना है कि बदलाव का मकसद ग्राहकों को एक समान अनुभव देना है।
कर्मचारियों का विरोध
कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें अपने पैसे से नए कपड़े खरीदने पड़े। कैलिफोर्निया की छात्रा और स्टारबक्स कर्मचारी ब्रुक एलेन ने बताया कि उसे सिर्फ जूते के लिए 60 डॉलर खर्च करने पड़े और कपड़ों पर करीब 87 डॉलर अलग से। उसने कहा, कंपनी यह समझने में नाकाम रही कि हममें से कई लोग पहले से ही वेतन-से-वेतन पर जी रहे हैं।
कंपनी का पक्ष
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विवाद पर कंपनी ने साधी चुप्पी
स्टारबक्स ने सीधे मुकदमों पर प्रतिक्रिया नहीं दी, लेकिन बयान में कहा कि ड्रेस कोड को सरल बनाकर कर्मचारियों को स्पष्ट मार्गदर्शन दिया गया है। कंपनी ने बताया कि बदलाव लागू करने से पहले कर्मचारियों को मुफ्त में दो शर्ट दी गईं। स्टारबक्स अपने कर्मचारियों को “पार्टनर्स” कहता है और कंपनी का दावा है कि यह कदम कार्यस्थल पर एकजुटता और अनुशासन बढ़ाने के लिए उठाया गया।
कानून का उल्लंघन?
मुकदमों में आरोप है कि स्टारबक्स का यह ड्रेस कोड उन राज्य कानूनों का उल्लंघन करता है, जिनमें नियोक्ताओं को कर्मचारियों के लिए ऐसे खर्च की भरपाई करनी होती है जो मुख्य रूप से कंपनी के फायदे के लिए किए जाते हैं। कोलोराडो के मुकदमे में कहा गया है कि बिना लिखित सहमति के कर्मचारियों पर खर्च डालना कानून के खिलाफ है।
ये भी पढ़ें- भारत को लेकर ट्रंप का भ्रम नहीं हो रहा दूर, प्रमुख नशा उत्पादक देशों में रखा; इन देशों का भी लिया नाम
यूनियन की रणनीति
स्टारबक्स वर्कर्स यूनाइटेड नामक श्रमिक संगठन पहले ही 640 स्टोर्स में यूनियन बना चुका है और कंपनी पर सैकड़ों अनुचित श्रम व्यवहार के मामले दर्ज कर चुका है। संगठन ने अप्रैल में ड्रेस कोड पर शिकायत की थी, लेकिन मौजूदा मुकदमों में वह पक्षकार नहीं है। दूसरी ओर, राष्ट्रपति ट्रंप के कार्यकाल में नेशनल लेबर रिलेशन बोर्ड कमजोर पड़ा है, क्योंकि उन्होंने बोर्ड के एक सदस्य को बर्खास्त कर दिया था। इससे कर्मचारियों की शिकायतें सुनने की प्रक्रिया प्रभावित हुई है।

स्टारबक्स ने 12 मई से नया ड्रेस कोड लागू किया है। इसके तहत सभी कर्मचारियों को ठोस काले रंग की शर्ट पहननी होगी, जो कंपनी की हरी एप्रन के नीचे साफ दिखाई दे। इसके अलावा खाकी, काले या नीले रंग की जींस या पैंट पहनना अनिवार्य कर दिया गया है। जूतों पर भी कड़े नियम लागू किए गए हैं। कंपनी का कहना है कि बदलाव का मकसद ग्राहकों को एक समान अनुभव देना है।
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कर्मचारियों का विरोध
कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें अपने पैसे से नए कपड़े खरीदने पड़े। कैलिफोर्निया की छात्रा और स्टारबक्स कर्मचारी ब्रुक एलेन ने बताया कि उसे सिर्फ जूते के लिए 60 डॉलर खर्च करने पड़े और कपड़ों पर करीब 87 डॉलर अलग से। उसने कहा, कंपनी यह समझने में नाकाम रही कि हममें से कई लोग पहले से ही वेतन-से-वेतन पर जी रहे हैं।
कंपनी का पक्ष
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विवाद पर कंपनी ने साधी चुप्पी
स्टारबक्स ने सीधे मुकदमों पर प्रतिक्रिया नहीं दी, लेकिन बयान में कहा कि ड्रेस कोड को सरल बनाकर कर्मचारियों को स्पष्ट मार्गदर्शन दिया गया है। कंपनी ने बताया कि बदलाव लागू करने से पहले कर्मचारियों को मुफ्त में दो शर्ट दी गईं। स्टारबक्स अपने कर्मचारियों को “पार्टनर्स” कहता है और कंपनी का दावा है कि यह कदम कार्यस्थल पर एकजुटता और अनुशासन बढ़ाने के लिए उठाया गया।
कानून का उल्लंघन?
मुकदमों में आरोप है कि स्टारबक्स का यह ड्रेस कोड उन राज्य कानूनों का उल्लंघन करता है, जिनमें नियोक्ताओं को कर्मचारियों के लिए ऐसे खर्च की भरपाई करनी होती है जो मुख्य रूप से कंपनी के फायदे के लिए किए जाते हैं। कोलोराडो के मुकदमे में कहा गया है कि बिना लिखित सहमति के कर्मचारियों पर खर्च डालना कानून के खिलाफ है।
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यूनियन की रणनीति
स्टारबक्स वर्कर्स यूनाइटेड नामक श्रमिक संगठन पहले ही 640 स्टोर्स में यूनियन बना चुका है और कंपनी पर सैकड़ों अनुचित श्रम व्यवहार के मामले दर्ज कर चुका है। संगठन ने अप्रैल में ड्रेस कोड पर शिकायत की थी, लेकिन मौजूदा मुकदमों में वह पक्षकार नहीं है। दूसरी ओर, राष्ट्रपति ट्रंप के कार्यकाल में नेशनल लेबर रिलेशन बोर्ड कमजोर पड़ा है, क्योंकि उन्होंने बोर्ड के एक सदस्य को बर्खास्त कर दिया था। इससे कर्मचारियों की शिकायतें सुनने की प्रक्रिया प्रभावित हुई है।