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खुलासा: क्या जेलेंस्की से राष्ट्रपति पद छीनना चाहता था ट्रंप प्रशासन, अमेरिका में कैसे हो रही थी तैयारी?
स्पेशल डेस्क, अमर उजाला
Published by: कीर्तिवर्धन मिश्र
Updated Mon, 25 Aug 2025 06:50 PM IST
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सार

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जेलेंस्की-ट्रंप के बीच हुई बहस के बाद अमेरिका ने की थी वैलेरी को आगे बढ़ाने की तैयारी।
- फोटो :
अमर उजाला
विस्तार
रूस-यूक्रेन के बीच संघर्ष बीते करीब साढ़े तीन साल से ज्यादा समय से जारी है। इस पूरे दौर में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने अपने देश और सेना के नेतृत्व में पूरी ताकत झोंकी है। हालांकि, रूस से संघर्ष के चलते यूक्रेन में चुनाव टले हैं और इनके आगे भी जल्द होने की संभावना नहीं है। यानी जेलेंस्की आने वाले कुछ और दिन यूक्रेन में अपने शीर्ष पद पर काबिज रहेंगे। हालांकि, रूस ने किसी भी शांति समझौते में जेलेंस्की के शामिल रहने पर आपत्ति जताई है। रूस ने यूक्रेन में चुनाव न होने की वजह से जेलेंस्की को अलोकतांत्रिक नेता करार दिया है और देश में जल्द चुनाव कराने की मांग की है।चौंकाने वाली बात यह है कि जहां मौजूदा समय में अमेरिका और यूरोपीय संघ के देश रूस-यूक्रेन के राष्ट्राध्यक्षों के बीच बैठक कराने पर जोर दे रहे हैं, वहीं महज चार से छह महीने पहले स्थिति बिल्कुल अलग थी। सिर्फ रूस ही नहीं उस वक्त अमेरिका और उसके कुछ साथी देश भी जेलेंस्की को यूक्रेन के राष्ट्रपति पद से हटाने की कोशिश में जुट गए थे। इसके लिए अमेरिका के उपराष्ट्रपति तक ने प्रयास किए। हालांकि, वे जिस अधिकारी के जरिए जेलेंस्की का तख्तापलट कराने की योजना बना रहे थे, उसने खुद अमेरिका और पश्चिमी देशों के प्लान को धराशायी कर दिया।
ऐसे में यह जानना अहम है कि आखिर अमेरिका और उसके सहयोगी देश जेलेंस्की को यूक्रेन के राष्ट्रपति पद से हटाने के लिए क्यों अमादा थे? यूक्रेनी राष्ट्रपति पद पर जिसे अमेरिका बिठाना चाहता था, वह शख्स आखिर कौन है? कैसे ट्रंप प्रशासन की जेलेंस्की को हटाने की योजना धरी की धरी रह गई? और यूक्रेन का राजनीतिक भविष्य आगे क्या हो सकता है? आइये जानते हैं...
Russia Ukraine War: जेलेंस्की के फैसले पर टिका संघर्ष विराम, पुतिन ने ट्रंप के सामने रखीं तीन शर्तें
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पहले जानें- जेलेंस्की को क्यों राष्ट्रपति पद से हटाने की तैयारी में था अमेरिका?
अमेरिका में डेमोक्रेटिक पार्टी की सरकार के दौरान बाइडन प्रशासन ने वोलोदिमीर जेलेंस्की का राष्ट्रपति के रूप में जबरदस्त समर्थन किया। जेलेंस्की न सिर्फ व्हाइट हाउस में मेहमान बने, बल्कि उन्होंने अमेरिकी संसद को भी संबोधित किया। हालांकि, इस साल की शुरुआत में जब अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की सरकार आई तो यूक्रेन के रूस से जंग जारी रखने का भविष्य संकट में दिखने लगा।
दरअसल, ट्रंप लगातार रूस-यूक्रेन संघर्ष को रुकवाने का दावा करते रहे। साथ ही उनके समर्थक- 'मेक अमेरिका ग्रेट अगेन' (MAGA) आधार ने रूस के खिलाफ युद्ध जारी रखने के लिए यूक्रेन को अमेरिकी आर्थिक मदद न देने का आह्वान शुरू कर दिया। इसके चलते ट्रंप प्रशासन में शुरुआत से ही यूक्रेन और जेलेंस्की को लेकर एक तनाव बना रहा। हालांकि, इस पूरे तनाव को विवाद में बदलने का काम किया जेलेंस्की के फरवरी में हुए व्हाइट हाउस दौरे ने।
अमेरिका में डेमोक्रेटिक पार्टी की सरकार के दौरान बाइडन प्रशासन ने वोलोदिमीर जेलेंस्की का राष्ट्रपति के रूप में जबरदस्त समर्थन किया। जेलेंस्की न सिर्फ व्हाइट हाउस में मेहमान बने, बल्कि उन्होंने अमेरिकी संसद को भी संबोधित किया। हालांकि, इस साल की शुरुआत में जब अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की सरकार आई तो यूक्रेन के रूस से जंग जारी रखने का भविष्य संकट में दिखने लगा।
दरअसल, ट्रंप लगातार रूस-यूक्रेन संघर्ष को रुकवाने का दावा करते रहे। साथ ही उनके समर्थक- 'मेक अमेरिका ग्रेट अगेन' (MAGA) आधार ने रूस के खिलाफ युद्ध जारी रखने के लिए यूक्रेन को अमेरिकी आर्थिक मदद न देने का आह्वान शुरू कर दिया। इसके चलते ट्रंप प्रशासन में शुरुआत से ही यूक्रेन और जेलेंस्की को लेकर एक तनाव बना रहा। हालांकि, इस पूरे तनाव को विवाद में बदलने का काम किया जेलेंस्की के फरवरी में हुए व्हाइट हाउस दौरे ने।
दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ बैठक में वोलोदिमीर जेलेंस्की घिर गए। पहले अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वैंस ने उन्हें मदद के लिए ट्रंप का शुक्रिया अदा न करने के लिए निशाने पर लिया। इसके बाद जब जेलेंस्की ने वैंस के जवाब दिया तो ट्रंप ने यूक्रेनी राष्ट्रपति पर युद्ध को भड़काने और दुनिया को तीसरे विश्व युद्ध की तरफ धकेलने के आरोप लगा दिए। ट्रंप, वैंस और जेलेंस्की के बीच रार इस कदर बढ़ गई थी कि व्हाइट हाउस में यूक्रेनी प्रतिनिधिमंडल के लिए रखा गया लंच भी रद्द कर दिया गया और राजनयिकों को लौटा दिया गया। इतना ही नहीं अमेरिका ने आगे यूक्रेन को पहुंचाई जाने वाली आर्थिक और हथियारों की मदद को भी रोकने की बात कह दी।
इसके अलावा ट्रंप के समर्थन में रिपब्लिकन नेताओं की फौज ने जेलेंस्की को निशाना बनाना शुरू कर दिया। रिपब्लिकन पार्टी के नेता और ट्रंप के करीबी सांसद लिंडसे ग्राहम ने इस दौरान जेलेंस्की से यूक्रेन के राष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने तक की मांग कर दी थी और कहा था कि उन्हें नहीं लगता कि अमेरिका आगे कभी जेलेंस्की के साथ काम कर पाएगा। इसके बाद से ही ट्रंप प्रशासन में जेलेंस्की को हटाने की चर्चाएं शुरू हो गई थीं। व्हाइट हाउस के गलियारों में इसके तरीकों और योजना पर भी चहल-पहल रही।
इसके अलावा ट्रंप के समर्थन में रिपब्लिकन नेताओं की फौज ने जेलेंस्की को निशाना बनाना शुरू कर दिया। रिपब्लिकन पार्टी के नेता और ट्रंप के करीबी सांसद लिंडसे ग्राहम ने इस दौरान जेलेंस्की से यूक्रेन के राष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने तक की मांग कर दी थी और कहा था कि उन्हें नहीं लगता कि अमेरिका आगे कभी जेलेंस्की के साथ काम कर पाएगा। इसके बाद से ही ट्रंप प्रशासन में जेलेंस्की को हटाने की चर्चाएं शुरू हो गई थीं। व्हाइट हाउस के गलियारों में इसके तरीकों और योजना पर भी चहल-पहल रही।
यूक्रेनी राष्ट्रपति पद पर किसे बिठाना चाहता था अमेरिका, क्यों धरी रह गई योजना?
द गार्डियन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, जेलेंस्की को यूक्रेन के राष्ट्रपति पद से हटाने और उनकी जगह नए चेहरे के तौर पर अमेरिका ने कुछ पश्चिमी देशों से बात की। इन चर्चाओं के बाद जिस नाम पर सहमति बनी, वह थे- वैलेरी जैलुझनी। वैलेरी रूस के खिलाफ युद्ध में शुरुआत से ही यूक्रेन के सेनाध्यक्ष के रूप में भूमिका में रहे। हालांकि, 2024 में जेलेंस्की ने कुछ टकरावों के बाद उन्हें हटा दिया और ब्रिटेन में यूक्रेन के राजदूत के तौर पर भूमिका सौंप दी।
व्हाइट हाउस में जेलेंस्की और ट्रंप के बीच बहस भड़कने की एक वजह उपराष्ट्रपति जेडी वैंस थे। ऐसे में जेलेंस्की को हटाकर वैलेरी को यूक्रेन का राष्ट्रपति बनाने का जिम्मा भी उन्होंने ही संभाला। बताया जाता है कि जेडी वैंस और उनकी टीम ने वैलेरी से बात करने के लिए कई बार ब्रिटेन स्थित दूतावास में फोन किया और उनसे बात करने की कोशिश की। इतना ही नहीं वैलेरी तक पहुंचने के लिए वैंस की टीम ने कई राजनयिक और अन्य जरियों को आजाया। लेकिन यूक्रेन के पूर्व सेनाध्यक्ष ने अमेरिका से बात करने से इनकार कर दिया। इतना ही नहीं वैलेरी ने इसकी चर्चा जेलेंस्की के चीफ ऑफ स्टाफ से भी की। यानी उन्होंने सीधे तौर पर यूक्रेनी राष्ट्रपति को अमेरिका के प्रयासों की सूचना दे दी।
द गार्डियन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, जेलेंस्की को यूक्रेन के राष्ट्रपति पद से हटाने और उनकी जगह नए चेहरे के तौर पर अमेरिका ने कुछ पश्चिमी देशों से बात की। इन चर्चाओं के बाद जिस नाम पर सहमति बनी, वह थे- वैलेरी जैलुझनी। वैलेरी रूस के खिलाफ युद्ध में शुरुआत से ही यूक्रेन के सेनाध्यक्ष के रूप में भूमिका में रहे। हालांकि, 2024 में जेलेंस्की ने कुछ टकरावों के बाद उन्हें हटा दिया और ब्रिटेन में यूक्रेन के राजदूत के तौर पर भूमिका सौंप दी।
व्हाइट हाउस में जेलेंस्की और ट्रंप के बीच बहस भड़कने की एक वजह उपराष्ट्रपति जेडी वैंस थे। ऐसे में जेलेंस्की को हटाकर वैलेरी को यूक्रेन का राष्ट्रपति बनाने का जिम्मा भी उन्होंने ही संभाला। बताया जाता है कि जेडी वैंस और उनकी टीम ने वैलेरी से बात करने के लिए कई बार ब्रिटेन स्थित दूतावास में फोन किया और उनसे बात करने की कोशिश की। इतना ही नहीं वैलेरी तक पहुंचने के लिए वैंस की टीम ने कई राजनयिक और अन्य जरियों को आजाया। लेकिन यूक्रेन के पूर्व सेनाध्यक्ष ने अमेरिका से बात करने से इनकार कर दिया। इतना ही नहीं वैलेरी ने इसकी चर्चा जेलेंस्की के चीफ ऑफ स्टाफ से भी की। यानी उन्होंने सीधे तौर पर यूक्रेनी राष्ट्रपति को अमेरिका के प्रयासों की सूचना दे दी।
वैलेरी सेना प्रमुख से लेकर राजदूत तक के कार्यकाल में सरकार के प्रति लगातार वफादार रहे हैं। इसकी झलक फरवरी में तब देखने को मिली थी, जब जेलेंस्की व्हाइट हाउस में ट्रंप से हुई बहस के मुद्दे पर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री किएर स्टार्मर से चर्चा करने और उनका समर्थन लेने पहुंचे थे। बताया जाता है कि युद्ध के क्षेत्र में उनका जेलेंस्की से जो भी विवाद था, लेकिन इसके बावजूद वे अपने राष्ट्रपति के खिलाफ ट्रंप की टीम के साथ जाने के लिए तैयार नहीं थे। ऐसे में वे जेलेंस्की के ब्रिटेन दौरे पर पहुंचने के साथ ही उन्हें लेने लंदन के एयरपोर्ट पहुंचे। इतना ही नहीं वैलेरी ने अपनी और जेलेंस्की की हाथ मिलाते हुए फोटो भी पोस्ट की, जिसमें उन्होंने लिखा, "आगे का रास्ता आसान नहीं होगा, लेकिन हम हर चुनौती को साथ पार कर जाएंगे।" माना जाता है कि उन्होंने इस पोस्ट के जरिए अमेरिका को संदेश दे दिया था कि यूक्रेन के लिए इस मुश्किल घड़ी में वे जेलेंस्की के साथ खड़े हैं।
जेलेंस्की संग बैठक में बोले ट्रंप: रूस-यूक्रेन जंग के लिए बाइडन जिम्मेदार,अब त्रिपक्षीय वार्ता के संकेत
जेलेंस्की संग बैठक में बोले ट्रंप: रूस-यूक्रेन जंग के लिए बाइडन जिम्मेदार,अब त्रिपक्षीय वार्ता के संकेत

वैलेरी जैलुझनी सेना प्रमुख के तौर पर रूस से जंग में अग्रणी भूमिका के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने यूक्रेनी सेना में सुधार के साथ इसे नाटो के स्तर का बनाने के प्रयासों पर जोर दिया है। इतना ही नहीं वैलेरी यूक्रेनी सेना को सोवियत ढंग से अलग करने के भी पक्षधर रहे हैं। रूस ने जब फरवरी 2022 में यूक्रेन पर हमला किया था, तब वैलेरी को रूसी टैंकों को रोकने और उन्हें तबाह करने के लिए तकनीक के इस्तेमाल को बढ़ावा देने वाले सेना प्रमुख के तौर पर पहचाना गया। रूस जैसे ताकतवर देश की सेना को लंबे समय तक रोकने की वजह से उन्हें पश्चिमी मीडिया में 'आयरन जनरल' की पहचान मिली।
हालांकि, बाद में कुछ सैन्य फैसलों को लेकर राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की और वैलेरी के बीच विवाद उभरने लगे। आधिकारिक तौर पर तो जैलुझनी का इस्तीफा स्वास्थ्य कारणों से हुआ और जेलेंस्की ने उन्हें 'हीरो ऑफ द यूक्रेन' अवॉर्ड देकर सम्मानित किया, लेकिन पर्दे के पीछे दोनों में जबरदस्त मतभेद थे। जेलेंस्की ने इस बीच जैलुझनी को राजनयिक जिम्मेदारी सौंपी और मार्च 2024 में उन्हें ब्रिटेन में यूक्रेन के राजदूत के तौर पर तैनात कर दिया। अगले ही साल उन्हें अंतरराष्ट्रीय समुद्री संगठन (आईएमओ) का स्थायी प्रतिनिधि बना दिया गया। एक तरह से देखा जाए तो जेलेंस्की ने रूस से संघर्ष के बीच वैलेरी को पश्चिमी देशों से रिश्ते बनाए रखने की अहम जिम्मेदारी सौंपी।
Volodymyr Zelensky: ट्रंप के साथ बैठक को जेलेंस्की ने बताया बेहतरीन बातचीत, बोले- सुरक्षा गारंटी पर हुई चर्चा
Volodymyr Zelensky: ट्रंप के साथ बैठक को जेलेंस्की ने बताया बेहतरीन बातचीत, बोले- सुरक्षा गारंटी पर हुई चर्चा
...तो जेलेंस्की के लिए चुनौती पेश नहीं करेंगे वैलेरी?
अमेरिका और कुछ पश्चिमी देशों की कोशिश के बावजूद वैलेरी जेलुझनी की तरफ से अब तक यूक्रेन की राजनीति में उतरने की कोई मंशा नहीं जताई गई है। चौंकाने वाली बात यह है कि यूक्रेन में राष्ट्रपति उम्मीदवार के तौर पर वैलेरी को पहली पसंद बताया जा रहा है। हालांकि, वे खुद अपने आप को सियासी तौर पर तैयार नहीं बताते।
रिपोर्ट्स की मानें तो वैलेरी को यूक्रेन की राजनीति में उतरने के कई प्रस्ताव खुद यूक्रेन के नेताओं की तरफ से मिले हैं। इनमें सांसद, सिविल सोसाइटी से जुड़े कार्यकर्ता और बड़े कारोबारी शामिल हैं। इतना ही नहीं डोनाल्ड ट्रंप के पूर्व सलाहकार पॉल मैनाफोर्ट ने भी वैलेरी को भविष्य में उनके चुनाव अभियान में मदद करने की पेशकश की है, लेकिन यूक्रेनी राजनयिक ने इन सभी पेशकशों को ठुकरा दिया। वैलेरी न तो राजनीतिक सवालों से जुड़े इंटरव्यू में हिस्सा लेते हैं और न ही ऐसे कार्यक्रमों को संबोधित करते हैं, जहां उनसे राजनीतिक मंशाओं को लेकर सवाल किए जा सकें। यहां तक कि बीते महीने, जब वैलेरी यूक्रेन में थे, तब जेलेंस्की सरकार के खिलाफ प्रदर्शन जारी थे। हालांकि, यूक्रेन के इस पूर्व सैनिक ने सार्वजनिक तौर पर कोई बयान नहीं दिया।
अमेरिका और कुछ पश्चिमी देशों की कोशिश के बावजूद वैलेरी जेलुझनी की तरफ से अब तक यूक्रेन की राजनीति में उतरने की कोई मंशा नहीं जताई गई है। चौंकाने वाली बात यह है कि यूक्रेन में राष्ट्रपति उम्मीदवार के तौर पर वैलेरी को पहली पसंद बताया जा रहा है। हालांकि, वे खुद अपने आप को सियासी तौर पर तैयार नहीं बताते।
रिपोर्ट्स की मानें तो वैलेरी को यूक्रेन की राजनीति में उतरने के कई प्रस्ताव खुद यूक्रेन के नेताओं की तरफ से मिले हैं। इनमें सांसद, सिविल सोसाइटी से जुड़े कार्यकर्ता और बड़े कारोबारी शामिल हैं। इतना ही नहीं डोनाल्ड ट्रंप के पूर्व सलाहकार पॉल मैनाफोर्ट ने भी वैलेरी को भविष्य में उनके चुनाव अभियान में मदद करने की पेशकश की है, लेकिन यूक्रेनी राजनयिक ने इन सभी पेशकशों को ठुकरा दिया। वैलेरी न तो राजनीतिक सवालों से जुड़े इंटरव्यू में हिस्सा लेते हैं और न ही ऐसे कार्यक्रमों को संबोधित करते हैं, जहां उनसे राजनीतिक मंशाओं को लेकर सवाल किए जा सकें। यहां तक कि बीते महीने, जब वैलेरी यूक्रेन में थे, तब जेलेंस्की सरकार के खिलाफ प्रदर्शन जारी थे। हालांकि, यूक्रेन के इस पूर्व सैनिक ने सार्वजनिक तौर पर कोई बयान नहीं दिया।
इसके बावजूद यूक्रेन में जैलुझनी की राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवारी की चर्चाएं जोरों पर हैं। जेलेंस्की के कई विरोधियों का कहना है कि अगर जैलुझनी ने वैंस के फोन का जवाब दिया होता तो वे यूक्रेन में राजनीतिक बदलावों को संभव करा सकते थे। लेकिन वे अपने राजनीतिक करियर को लेकर फिलहाल गंभीर नहीं हैं।
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