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Trump: 'ट्रंप के हस्तक्षेप के बाद ही भारत-पाकिस्तान में संघर्ष विराम हुआ', अमेरिकी सरकार ने अदालत में दी दलील
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, वॉशिंगटन
Published by: नितिन गौतम
Updated Thu, 29 May 2025 11:18 AM IST
सार
लुटनिक ने कहा कि अब अगर अदालत राष्ट्रपति की कार्यकारी शक्तियों पर रोक लगाने का फैसला करती है तो इससे राष्ट्रपति की पेशकश की वैधता पर भारत-पाकिस्तान द्वारा सवाल उठाए जा सकते हैं। लुटनिक ने कहा कि IEEPA अमेरिकी राष्ट्रपति को आर्थिक और वाणिज्यिक चैनलों के माध्यम से राष्ट्रीय आपात स्थितियों से निपटने की शक्ति देता है।
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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप
- फोटो : एएनआई (फाइल)
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विस्तार
अमेरिका की ट्रंप सरकार ने अब न्यूयॉर्क की एक अदालत में बताया है कि भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम राष्ट्रपति ट्रंप के हस्तक्षेप के बाद ही हुआ। गौरतलब है कि ट्रंप कई बार ये दावा कर चुके हैं, लेकिन भारत का कहना है कि संघर्ष विराम के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच ही सहमति बनी थी और इसमें तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं है। अब ट्रंप सरकार ने अमेरिका की एक अदालत में भी ऐसा ही दावा किया है।
क्या है पूरा मामला
अमेरिका की संघीय अदालत 'यूएस कोर्ट ऑफ इंटरनेशनल ट्रेड' ने ट्रंप द्वारा विभिन्न देशों पर टैरिफ लगाने के फैसले की आलोचना की थी। अमेरिकी अदालत ने कहा कि टैरिफ लगाने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति ने अपनी कार्यकारी शक्तियों का गलत इस्तेमाल किया। ट्रंप ने गलत तरीके से इंटरनेशनल इमरजेंसी इकॉमिक पावर एक्ट के तहत मिली कार्यकारी शक्तियों का इस्तेमाल किया। बीते हफ्ते इस मामले की सुनवाई के दौरान अमेरिका के वाणिज्य मंत्री हावर्ड लुटनिक ने ट्रंप का समर्थन करते हुए कहा कि राष्ट्रपति के हस्तक्षेप के बाद ही भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम हुआ।
अमेरिकी सरकार ने अदालत में क्या कहा
लुटनिक ने कहा कि 'राष्ट्रपति ट्रंप ने राष्ट्रीय सुरक्षा और अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए विभिन्न देशों पर टैरिफ लगाने का फैसला किया था।' लुटनिक ने कहा कि 'अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में राष्ट्रपति की क्षमता को अहम बनाए रखने के लिए टैरिफ लगाना जरूरी है। उदाहरण के लिए भारत और पाकिस्तान दो परमाणु शक्ति संपन्न देश हैं और 13 दिन पहले दोनों के बीच संघर्ष छिड़ा हुआ था। 10 मई 2025 को दोनों देशों के बीच संघर्ष विराम हुआ। यह संघर्ष विराम राष्ट्रपति ट्रंप के हस्तक्षेप के बाद हुआ। ट्रंप ने ही दोनों देशों को लड़ाई टालने के लिए अमेरिका के साथ व्यापार की पेशकश की थी।'
ये भी पढ़ें- Pakistan: 'हम हमला करते उससे पहले ही भारत ने...' तुर्किये में शहबाज का कबूलनामा; मुनीर को सबके सामने किया खड़ा
लुटनिक ने कहा कि अब अगर अदालत राष्ट्रपति की कार्यकारी शक्तियों पर रोक लगाने का फैसला करती है तो इससे राष्ट्रपति की पेशकश की वैधता पर भारत-पाकिस्तान द्वारा सवाल उठाए जा सकते हैं। लुटनिक ने कहा कि IEEPA अमेरिकी राष्ट्रपति को आर्थिक और वाणिज्यिक चैनलों के माध्यम से राष्ट्रीय आपात स्थितियों से निपटने की शक्ति देता है। लुटनिक ने कहा, 'राष्ट्रपति ट्रम्प की IEEPA का उपयोग करने की क्षमता को अमान्य करने से राष्ट्रपति ट्रम्प की राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी नीतियां पटरी से उतर सकती हैं, साथ ही उभरते हुए विदेशी खतरों का जवाब देने की राष्ट्रपति की क्षमता को भी भारी नुकसान होगा।
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क्या है पूरा मामला
अमेरिका की संघीय अदालत 'यूएस कोर्ट ऑफ इंटरनेशनल ट्रेड' ने ट्रंप द्वारा विभिन्न देशों पर टैरिफ लगाने के फैसले की आलोचना की थी। अमेरिकी अदालत ने कहा कि टैरिफ लगाने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति ने अपनी कार्यकारी शक्तियों का गलत इस्तेमाल किया। ट्रंप ने गलत तरीके से इंटरनेशनल इमरजेंसी इकॉमिक पावर एक्ट के तहत मिली कार्यकारी शक्तियों का इस्तेमाल किया। बीते हफ्ते इस मामले की सुनवाई के दौरान अमेरिका के वाणिज्य मंत्री हावर्ड लुटनिक ने ट्रंप का समर्थन करते हुए कहा कि राष्ट्रपति के हस्तक्षेप के बाद ही भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम हुआ।
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अमेरिकी सरकार ने अदालत में क्या कहा
लुटनिक ने कहा कि 'राष्ट्रपति ट्रंप ने राष्ट्रीय सुरक्षा और अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए विभिन्न देशों पर टैरिफ लगाने का फैसला किया था।' लुटनिक ने कहा कि 'अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में राष्ट्रपति की क्षमता को अहम बनाए रखने के लिए टैरिफ लगाना जरूरी है। उदाहरण के लिए भारत और पाकिस्तान दो परमाणु शक्ति संपन्न देश हैं और 13 दिन पहले दोनों के बीच संघर्ष छिड़ा हुआ था। 10 मई 2025 को दोनों देशों के बीच संघर्ष विराम हुआ। यह संघर्ष विराम राष्ट्रपति ट्रंप के हस्तक्षेप के बाद हुआ। ट्रंप ने ही दोनों देशों को लड़ाई टालने के लिए अमेरिका के साथ व्यापार की पेशकश की थी।'
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लुटनिक ने कहा कि अब अगर अदालत राष्ट्रपति की कार्यकारी शक्तियों पर रोक लगाने का फैसला करती है तो इससे राष्ट्रपति की पेशकश की वैधता पर भारत-पाकिस्तान द्वारा सवाल उठाए जा सकते हैं। लुटनिक ने कहा कि IEEPA अमेरिकी राष्ट्रपति को आर्थिक और वाणिज्यिक चैनलों के माध्यम से राष्ट्रीय आपात स्थितियों से निपटने की शक्ति देता है। लुटनिक ने कहा, 'राष्ट्रपति ट्रम्प की IEEPA का उपयोग करने की क्षमता को अमान्य करने से राष्ट्रपति ट्रम्प की राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी नीतियां पटरी से उतर सकती हैं, साथ ही उभरते हुए विदेशी खतरों का जवाब देने की राष्ट्रपति की क्षमता को भी भारी नुकसान होगा।