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रूस के साथ एस-400 समझौता रद्द करे भारत, नहीं तो करना पड़ेगा प्रतिबंधो का सामना: अमेरिका

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला Published by: शिल्पा ठाकुर Updated Sat, 22 Jun 2019 10:08 AM IST
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US asked India to scrap S-400 Deal with Russia or risk CAATSA sanctions
प्रतीकात्मक तस्वीर - फोटो : File Photo

अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो की अगले हफ्ते होने वाली भारत यात्रा से पहले वाशिंगटन ने एस-400 मिसाइल समझौते को लेकर एक बार फिर भारत को चेतावनी दी है। वाशिंगटन ने भारत से कहा है कि रूस के साथ इस समझौते को रद्द किया जाए, नहीं तो फिर काटसा प्रतिबंधों के लिए तैयार रहें।


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ये बात विदेश विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को हुई कान्फ्रेंस में कही है। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि अमेरिका विकल्पों को देखने के लिए भारत को प्रोत्साहित करेगा।

बता दें एस-400 रक्षा प्रणाली सौदे के बाद अमेरिका भारत पर प्रतिबंध लगा सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि अमेरिकी कांग्रेस ने रूस से हथियारों की खरीद को रोकने के लिए काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सेंक्शंस एक्ट (सीएएटीएसए) यानी काटसा कानून बनाया था। इसी कानून के तहत अमेरिका प्रतिबंध लगा सकता है। 

अधिकारी ने पोम्पियो के 25-27 जून तक विभिन्न देशों के दौरों का ब्योरा दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूसरी बार सरकार बनने के बाद ये अमेरिका के ट्रंप प्रशासन की ओर से पहला दौरा है। पोम्पियो भारत के अलावा श्रीलंका की यात्रा पर भी जाएंगे। इसके बाद वह दक्षिण कोरिया की यात्रा पर जाएंगे। फिर वह ओसाका में जी 20 सम्मेलन में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ शिरकत करेंगे।

एस-400 समझौते पर एक सवाल पूछे जाने पर अधिकारी ने कहा कि अमेरिका भारत से आग्रह करता है कि वह रूस के साथ लेनदेन को त्याग दे क्योंकि इससे काटसा का उल्लंघन होने का रिस्क है। अधिकारी ने कहा कि ट्रंप प्रशासन ने भारत के साथ रक्षा अनुसंधान की गुणवत्ता और मात्रा के साथ सैन्य क्षमता को बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं।

भारत के साथ अमेरिका के रक्षा समझौते पर बोलते हुए अधिकारी ने कहा कि अमेरिका ने भारत को सशस्त्र यूएवी सी गार्जियन की पेशकश भी की, जिससे देश उस उच्च तकनीक वाला पहला गैर-संधि साझेदार बना। अधिकारी ने यह भी कहा कि अमेरिका ने सितंबर 2019 में टू प्लस टू बैठक के दौरान भी घोषणा की थी कि अमेरिका ने इस प्रक्रिया को आसान किया है और भारत को सामरिक व्यापार प्राधिकरण टियर -1 का दर्जा दिया है। जो नाटो के सदस्यों की तरह ही लाभ देगा।

अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो इस महीने भारत दौरे पर आएंगे। इस दौरान वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात करेंगे। ट्रंप प्रशासन ने भारत पर वेनेजुएला और ईरान से तेल ना खरीदने का दबाव बनाया है, तब से दोनों देशों के बीच व्यापार को लेकर चिंता थोड़ी बढ़ गई है।

भारत पर मानदंडों को ठीक से ना मानने का आरोप लगाते हुए ट्रंप प्रशासन ने भारत को विशेष तरजीह वाले राष्ट्रों यानी जीएसपी की सूची से भी बाहर कर दिया है। ऐसे में पोम्पियो की ये यात्रा काफी अहम मानी जा रही है।

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