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US: एच-1बी और एच-4 वीजा आवेदकों के लिए सोशल मीडिया जांच का नियम आज से लागू, पब्लिक करनी होगी प्राइवेसी सेटिंग
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, वॉशिंगटन।
Published by: निर्मल कांत
Updated Mon, 15 Dec 2025 09:19 AM IST
सार
US: अमेरिका का डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन 15 दिसंबर यानी आज से एच-1बी और एच-4 वीजा आवेदकों की सख्त जांच करेगा और अनिवार्य रूप से उनकी सोशल मीडिया प्रोफाइल की समीक्षा करेगा। इसका मकसद वीजा प्रक्रिया को सख्त बनाना और राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करना है। अब आवेदकों को अपनी सोशल मीडिया प्रोफाइल सार्वजनिक रखनी होगी, ताकि जांच आसानी से हो सके।
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अमेरिकी वीजा नियमों में बदलाव
- फोटो : अमर उजाला ग्राफिक
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विस्तार
अमेरिका का डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन 15 दिसंबर से एच-1बी वीजा और उसके आश्रित एच-4 वीजा आवेदकों के लिए कड़ी स्क्रीनिंग (जांच) प्रक्रिया लागू करेगा। इसके तहत अब इन वीजा श्रेणियों के सभी आवेदकों की सोशल मीडिया प्रोफाइल की भी जांच की जाएगी। अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा है कि इस फैसले का उद्देश्य वीजा प्रक्रिया को और अधिक सख्त तथा राष्ट्रीय सुरक्षा के अनुरूप बनाना है। नए निर्देशों के तहत इन सभी श्रेणियों के आवेदकों को अपनी सोशल मीडिया प्रोफाइल की प्राइवेसी सेटिंग पब्लिक रखने के लिए कहा गया है, ताकि जांच प्रक्रिया सुचारु रूप से की जा सके।
विदेश विभाग के अनुसार, अब एच-1बी और एच-4 वीजा आवेदकों की ऑनलाइन मौजूदगी की समीक्षा अनिवार्य होगी। इससे पहले यह व्यवस्था केवल एफ, एम और जे श्रेणी के वीजा यानी छात्रों और एक्सचेंज विजिटर्स पर लागू थी। इस फैसले के बाद भारत में कई एच-1बी वीजा धारकों के साक्षात्कार पुनर्निर्धारित किए गए हैं। विदेश विभाग ने स्पष्ट किया कि अमेरिकी वीजा कोई अधिकार नहीं, बल्कि एक विशेषाधिकार है और हर वीजा निर्णय राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा होता है।
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विभाग ने कहा कि सभी उपलब्ध सूचनाओं का इस्तेमाल यह सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है कि कोई भी आवेदक अमेरिका की सुरक्षा या सार्वजनिक हित के लिए खतरा न बने। यह कदम ट्रंप प्रशासन की सख्त आव्रजन नीति का हिस्सा है। प्रशासन पहले ही एच-1बी वीजा कार्यक्रम में कथित दुरुपयोग को रोकने के लिए कई उपाय कर चुका है। भारतीय पेशेवर, विशेषकर आईटी विशेषज्ञ और डॉक्टर, एच-1बी वीजा धारकों का बड़ा हिस्सा हैं।
इस निर्णय से भारतीय पेशेवरों में चिंता बढ़ गई है। सबसे अधिक भारतीय आईटी पेशेवर एच-1बी वीजा के लिए आवेदन करते हैं। इसी महीने भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संसद में एच-1बी वीजा के लिए नियम में बदलाव पर कहा था कि वीजा आवेदकों की जांच मेजबान देश का अधिकार है। उन्होंने कहा, वीजा जारी करना किसी सरकार का संप्रभु अधिकार है। उन्होंने कहा कि अमेरिका की स्थिति स्पष्ट है। अमेरिकी सरकार के अनुसार हर वीजा पर निर्णय एक राष्ट्रीय सुरक्षा का फैसला है। जयशंकर ने कहा कि अमेरिकी सरकार आवेदकों की ऑनलाइन गतिविधियों की जांच करने का इरादा रखती है।
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विदेश विभाग के अनुसार, अब एच-1बी और एच-4 वीजा आवेदकों की ऑनलाइन मौजूदगी की समीक्षा अनिवार्य होगी। इससे पहले यह व्यवस्था केवल एफ, एम और जे श्रेणी के वीजा यानी छात्रों और एक्सचेंज विजिटर्स पर लागू थी। इस फैसले के बाद भारत में कई एच-1बी वीजा धारकों के साक्षात्कार पुनर्निर्धारित किए गए हैं। विदेश विभाग ने स्पष्ट किया कि अमेरिकी वीजा कोई अधिकार नहीं, बल्कि एक विशेषाधिकार है और हर वीजा निर्णय राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा होता है।
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इस निर्णय से भारतीय पेशेवरों में चिंता बढ़ गई है। सबसे अधिक भारतीय आईटी पेशेवर एच-1बी वीजा के लिए आवेदन करते हैं। इसी महीने भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संसद में एच-1बी वीजा के लिए नियम में बदलाव पर कहा था कि वीजा आवेदकों की जांच मेजबान देश का अधिकार है। उन्होंने कहा, वीजा जारी करना किसी सरकार का संप्रभु अधिकार है। उन्होंने कहा कि अमेरिका की स्थिति स्पष्ट है। अमेरिकी सरकार के अनुसार हर वीजा पर निर्णय एक राष्ट्रीय सुरक्षा का फैसला है। जयशंकर ने कहा कि अमेरिकी सरकार आवेदकों की ऑनलाइन गतिविधियों की जांच करने का इरादा रखती है।
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