US Visa Rule Change: अब एच-1बी और एच-4 वीजा लेना आसान नहीं, भारतीय आवेदकों को लग सकती है देरी; जानिए सबकुछ
US Visa Rule Change: अमेरिका ने एच-1बी और एच-4 वीजा आवेदकों के लिए सोशल मीडिया जांच बढ़ा दी है। जिसकी वजह से अब वीजा प्रोसेसिंग में अतिरिक्त समय लग सकता है। जिससे हजारों भारतीय प्रोफेशनल्स प्रभावित होंगे। जानिए अमेरिकी वीजा प्रक्रिया और सख्त क्यों?
विस्तार
अमेरिका में काम करने का सपना देख रहे हजारों भारतीय प्रोफेशनल्स के लिए चिंता बढ़ गई है। अमेरिकी दूतावास ने एच-1बी और एच-4 वीजा आवेदकों के लिए कड़ी जांच की घोषणा करते हुए चेतावनी जारी की है कि वीजा प्रोसेसिंग में अतिरिक्त समय लग सकता है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने 15 दिसंबर से सभी एच-1बी और एच-4 वीजा आवेदकों की ऑनलाइन और सोशल मीडिया उपस्थिति की समीक्षा को अनिवार्य कर दिया है। यह जांच अब दुनिया भर के सभी देशों और सभी राष्ट्रीयताओं के आवेदकों पर लागू होगी।
सोशल मीडिया जांच बढ़ी, इंटरव्यू टले
अमेरिकी दूतावास ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर जारी बयान में कहा कि वीजा आवेदकों को जल्द से जल्द आवेदन करने की सलाह दी जाती है और उन्हें लंबे प्रोसेसिंग समय के लिए तैयार रहना चाहिए। इस फैसले का सीधा असर भारत में पहले से तय हजारों एच-1बी वीजा इंटरव्यू पर पड़ा है। दिसंबर के मध्य के बाद जिन आवेदकों के इंटरव्यू तय थे, उन्हें मार्च और मई तक की नई तारीखें दी जा रही हैं। कई लोग भारत आ चुके हैं और अब वैध वीजा न होने के कारण अमेरिका वापस नहीं लौट पा रहे हैं।
WORLDWIDE ALERT FOR H-1B AND H-4 VISA APPLICANTS
— U.S. Embassy India (@USAndIndia) December 22, 2025
Beginning December 15, the Department of State expanded online presence reviews to ALL H-1B and H-4 applicants as part of standard visa screening. This vetting is being conducted globally for ALL applicants of ALL nationalities… pic.twitter.com/qMrMrOvqy0
अमेरिका की इस नई नीति का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी आवेदक अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा या सार्वजनिक सुरक्षा के लिए खतरा न बने। भारत में अमेरिकी दूतावास ने 10 दिसंबर को कहा था कि अब एच-1बी धारकों और उनके आश्रितों (एच-4) के लिए भी यह जांच अनिवार्य होगी। एच-1बी वीजा का व्यापक रूप से अमेरिकी प्रौद्योगिकी कंपनियों की ओर से इस्तेमाल किया जाता है। भारतीय पेशेवर इस वीजा के प्राप्तकर्ताओं के सबसे बड़े समूहों में से एक हैं।
भारत में अमेरिकी दूतावास ने H-1B और H-4 वीजा आवेदकों के लिए एक्स पर एक पोस्ट में वैश्विक अलर्ट जारी किया है। इसमें कहा गया है कि 15 दिसंबर से विदेश विभाग ने मानक वीजा स्क्रीनिंग के हिस्से के रूप में ऑनलाइन समीक्षा को व्यापक बना दिया है। यह उपाय इन वीजा के लिए आवेदन करने वाले सभी राष्ट्रीयताओं के आवेदकों पर विश्व स्तर पर लागू होता है। एच-1बी वीजा अमेरिकी टेक कंपनियों के लिए बेहद अहम है। इसमें भारतीय आईटी प्रोफेशनल्स, इंजीनियर और डॉक्टर सबसे बड़ी संख्या में शामिल हैं। नए नियमों से सैकड़ों भारतीय प्रवासी अनिश्चितता में फंस गए हैं।
क्यों सख्त हुई अमेरिका की जांच?
अमेरिकी दूतावास के अनुसार, यह कदम एच-1बी वीजा के कथित दुरुपयोग को रोकने और राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने के लिए उठाया गया है। हालांकि, दूतावास ने यह भी कहा कि अमेरिका अब भी दुनिया के सर्वश्रेष्ठ टैलेंट को अवसर देना चाहता है। अमेरिकी दूतावास लगातार यह दोहराता रहा है कि अमेरिका वीजा एक विशेषाधिकार है, अधिकार नहीं। इससे पहले भी छात्र वीजा (F, M, J) के लिए सोशल मीडिया अकाउंट को सार्वजनिक करने की सलाह दी गई थी।
राज्यसभा में एक लिखित जवाब में विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने बताया कि अमेरिका अब हर वीजा फैसले को राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा निर्णय मान रहा है। एच-1बी और एच-4 वीजा समेत कई वीजा श्रेणियों में जांच बढ़ने से अपॉइंटमेंट शेड्यूल प्रभावित हो रहे हैं।
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अब जानिए आगे क्या करें आवेदक?
विशेषज्ञों के मुताबिक, मौजूदा हालात में एच-1बी और एच-4 वीजा आवेदकों को अतिरिक्त सतर्कता बरतनी होगी। उन्हें सलाह दी जा रही है कि वे अपने सोशल मीडिया प्रोफाइल को साफ, सुसंगत और सार्वजनिक रखें, ताकि वीजा जांच के दौरान किसी तरह की आपत्ति न आए। इसके साथ ही, आवेदन प्रक्रिया में संभावित देरी को देखते हुए जल्द से जल्द आवेदन करना और अपनी यात्रा व वापसी की योजनाओं में लचीलापन रखना बेहद जरूरी हो गया है। कुल मिलाकर, एच-1बी और एच-4 वीजा प्रक्रिया अब पहले की तुलना में कहीं अधिक सख्त और समय लेने वाली हो गई है, जिसका सीधा असर सबसे ज्यादा भारतीय प्रोफेशनल्स पर पड़ रहा है।