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E20 Fuel: पुरानी गाड़ी में डलवा रहे हैं E20 पेट्रोल? बाइक कंपनी ने बताया इथेनॉल से इंजन को बचाने का तरीका
ऑटो डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: नीतीश कुमार
Updated Fri, 15 Aug 2025 01:49 PM IST
सार
How To Protect Old Vehicles From E20 Petrol: सरकार E20 पेट्रोल को बढ़ावा दे रही है, लेकिन पुराने इंजनों पर इसके असर को लेकर लोगों में चिंता है। अब Bajaj Auto ने BS-3 और उससे पुरानी बाइक्स को सुरक्षित रखने का आसान और कम खर्चीला तरीका बताया है।
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E20 पेट्रोल से पुरानी गाड़ियों पर हो रहा असर
- फोटो : AI
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विस्तार
भारत सरकार ने पेट्रोल में 20% तक इथेनॉल मिलाने (E20) का लक्ष्य 2025 में पूरा कर लिया है। अब देश के लगभग हर पेट्रोल पंप पर E20 (20% इथेनॉल मिश्रित) पेट्रोल मिल रहा है। इसका मकसद कार्बन उत्सर्जन घटाना और पर्यावरणीय लक्ष्यों को पूरा करना है। हालांकि, हाल के दिनों में सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने शिकायत की कि इथेनॉल ब्लेंडेड पेट्रोल पुरानी बाइक्स और कारों के इंजनों को नुकसान पहुंचा सकता है।
सरकार का कहना है कि पुराने वाहनों में कोई बड़ा परफॉर्मेंस ड्रॉप, माइलेज में भारी गिरावट या इंजन को नुकसान नहीं होता। हालांकि, सरकार ने इस बात सें इंकार भी नहीं किया है कि E20 पेट्रोल से माइलेज में कमी नहीं आ रही है। पेट्रोलियम मंत्रालय ने साफ कहा है कि पुरानी गाड़ियों को E20 फ्यूल से चलाने पर माइलेज में 3-6% की कमी आ सकती है। मंत्रालय ने यह भी कहा है कि कुछ गाड़ियों में हर 20-30 हजार किलोमीटर पर रबर पार्ट्स और इंजन गैसकेट बदलवाने पड़ सकते हैं। यानी E20 के साथ कुछ तकनीकी चुनौतियां जरूर हैं, जो खासकर BS-3 और उससे पुराने वाहनों के साथ है।
यह भी पढ़ें: अब डीजल में 10% बायोफ्यूल मिलाने की तैयारी, ऊर्जा आयात पर निर्भरता कम करना लक्ष्य
इस कंपनी ने दिया समाधान
E20 फ्यूल से गाड़ी को कैसे चलाना है और किन बातों का ध्यान रखना है, इसके बारे में बजाज ऑटो ने बयान दिया है। KTM 160 Duke लॉन्च के दौरान Bajaj Auto के रिसर्च एंड डेवलपमेंट एक्सपर्ट्स ने बताया कि BS-3 और उससे पुराने इंजन भी E20 पेट्रोल पर चल सकते हैं, लेकिन इथेनॉल की हाइग्रोस्कोपिक प्रॉपर्टी (हवा से नमी सोखने की क्षमता) के कारण इंजन चेंबर, बटरफ्लाई वाल्व और रबर पार्ट्स पर चिपचिपा पदार्थ जम जाता है जो फ्यूल इंजेक्टर जैसे कंपोनेंट्स को खराब कर सकता है।
कंपनी ने बताया कि एक फुल टैंक पेट्रोल में 40ml फ्यूल सिस्टम क्लीनर (Fuel System Cleaner) को डालकर बाइक चलाई जा सकती है। यह क्लीनर आसानी से पेट्रोल पंप और सर्विस सेंटर पर मिल जाता है और इसकी कीमत लगभग 80-100 रुपये होती है। इससे इंजन के कंबशन चेंबर में इथेनॉल के हानिकारक प्रभाव काफी कम हो जाते हैं।
यह भी पढ़ें: आपकी गाड़ी E20 पेट्रोल के लिए तैयार है या नहीं? ऐसे करें पहचान
अफवाहों पर सरकार का बयान
माइलेज कम होने के दावों पर पेट्रोलियम मंत्रालय का कहना है कि यह काफी हद तक ड्राइविंग हैबिट्स, मेंटेनेंस, टायर प्रेशर, अलाइनमेंट और AC लोड जैसी चीजो पर निर्भर करता है, सिर्फ फ्यूल टाइप पर नहीं। मंत्रालय का कहना है कि इथेनॉल-मिश्रित पेट्रोल को लेकर फैलाया जा रहा डर बेबुनियाद है। मंत्रालय का आरोप है कि कुछ लोग गलत जानकारी देकर और इंश्योरेंस को लेकर डर फैलाकर इस योजना को पटरी से उतारने की कोशिश कर रहे हैं। मंत्रालय ने यह भी बताया कि कई निर्माता 2009 से ही E20-कम्पैटिबल गाड़ियां बना रहे हैं, जिनमें माइलेज पर कोई खास असर नहीं पड़ता।
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सरकार का कहना है कि पुराने वाहनों में कोई बड़ा परफॉर्मेंस ड्रॉप, माइलेज में भारी गिरावट या इंजन को नुकसान नहीं होता। हालांकि, सरकार ने इस बात सें इंकार भी नहीं किया है कि E20 पेट्रोल से माइलेज में कमी नहीं आ रही है। पेट्रोलियम मंत्रालय ने साफ कहा है कि पुरानी गाड़ियों को E20 फ्यूल से चलाने पर माइलेज में 3-6% की कमी आ सकती है। मंत्रालय ने यह भी कहा है कि कुछ गाड़ियों में हर 20-30 हजार किलोमीटर पर रबर पार्ट्स और इंजन गैसकेट बदलवाने पड़ सकते हैं। यानी E20 के साथ कुछ तकनीकी चुनौतियां जरूर हैं, जो खासकर BS-3 और उससे पुराने वाहनों के साथ है।
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इस कंपनी ने दिया समाधान
E20 फ्यूल से गाड़ी को कैसे चलाना है और किन बातों का ध्यान रखना है, इसके बारे में बजाज ऑटो ने बयान दिया है। KTM 160 Duke लॉन्च के दौरान Bajaj Auto के रिसर्च एंड डेवलपमेंट एक्सपर्ट्स ने बताया कि BS-3 और उससे पुराने इंजन भी E20 पेट्रोल पर चल सकते हैं, लेकिन इथेनॉल की हाइग्रोस्कोपिक प्रॉपर्टी (हवा से नमी सोखने की क्षमता) के कारण इंजन चेंबर, बटरफ्लाई वाल्व और रबर पार्ट्स पर चिपचिपा पदार्थ जम जाता है जो फ्यूल इंजेक्टर जैसे कंपोनेंट्स को खराब कर सकता है।
कंपनी ने बताया कि एक फुल टैंक पेट्रोल में 40ml फ्यूल सिस्टम क्लीनर (Fuel System Cleaner) को डालकर बाइक चलाई जा सकती है। यह क्लीनर आसानी से पेट्रोल पंप और सर्विस सेंटर पर मिल जाता है और इसकी कीमत लगभग 80-100 रुपये होती है। इससे इंजन के कंबशन चेंबर में इथेनॉल के हानिकारक प्रभाव काफी कम हो जाते हैं।
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अफवाहों पर सरकार का बयान
माइलेज कम होने के दावों पर पेट्रोलियम मंत्रालय का कहना है कि यह काफी हद तक ड्राइविंग हैबिट्स, मेंटेनेंस, टायर प्रेशर, अलाइनमेंट और AC लोड जैसी चीजो पर निर्भर करता है, सिर्फ फ्यूल टाइप पर नहीं। मंत्रालय का कहना है कि इथेनॉल-मिश्रित पेट्रोल को लेकर फैलाया जा रहा डर बेबुनियाद है। मंत्रालय का आरोप है कि कुछ लोग गलत जानकारी देकर और इंश्योरेंस को लेकर डर फैलाकर इस योजना को पटरी से उतारने की कोशिश कर रहे हैं। मंत्रालय ने यह भी बताया कि कई निर्माता 2009 से ही E20-कम्पैटिबल गाड़ियां बना रहे हैं, जिनमें माइलेज पर कोई खास असर नहीं पड़ता।