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Report: दिल्ली में प्रति 1000 लोगों पर वाहनों की संख्या घटी, मेट्रो और पब्लिक ट्रांस्पोर्ट पर बढ़ा भरोसा
ऑटो डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: नीतीश कुमार
Updated Fri, 26 Sep 2025 09:26 AM IST
सार
दिल्ली में हर 1,000 लोगों पर गाड़ियों की संख्या साल 2015-16 में 530 थी, जो 2023-24 में घटकर 373 रह गई। सड़क हादसे भी कम हुए हैं। वहीं, इस दौरान मेट्रो की सवारी दोगुनी से ज्यादा हो गई।
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Delhi Traffic
- फोटो : PTI
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विस्तार
दिल्ली में गाड़ियों की संख्या और लोगों के ट्रांसपोर्ट पैटर्न में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2015-16 में जहां हर 1,000 लोगों पर 530 गाड़ियां दर्ज थीं, वहीं 2023-24 तक यह आंकड़ा घटकर 373 पर आ गया। आर्थिक एवं सांख्यिकी निदेशालय द्वारा हाल ही में जारी सतत विकास लक्ष्यों की स्थिति पर दिल्ली राज्य फ्रेमवर्क संकेतक रिपोर्ट से पता चलता है कि डीटीसी और क्लस्टर बसों के बेड़े में भी इजाफा हुआ है।
सड़क हादसों में आई गिरावट
गाड़ियों की संख्या घटने का असर सड़क सुरक्षा पर भी पड़ा है। 2015 में जहां 8,085 सड़क हादसे हुए थे, वहीं 2021 तक यह घटकर 4,720 पर पहुंच गया। हालांकि, 2022 में यह आंकड़ा बढ़कर 5,560 हो गया। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक, 2015 में 9,880 लोग सड़क हादसों में घायल हुए या मारे गए थे, जो 2021 में घटकर 5,228 रह गए, लेकिन 2022 में बढ़कर 6,174 तक पहुंच गए।
डीटीसी और क्लस्टर बसों की संख्या बढ़ी
दिल्ली ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (DTC) और क्लस्टर बसों का बेड़ा 2015-16 में 5,842 था, जो 2023-24 में बढ़कर 7,485 हो गया। हालांकि, इन बसों में रोजाना सफर करने वालों की संख्या 45.9 लाख से घटकर 42.4 लाख रह गई।
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सड़क हादसों में आई गिरावट
गाड़ियों की संख्या घटने का असर सड़क सुरक्षा पर भी पड़ा है। 2015 में जहां 8,085 सड़क हादसे हुए थे, वहीं 2021 तक यह घटकर 4,720 पर पहुंच गया। हालांकि, 2022 में यह आंकड़ा बढ़कर 5,560 हो गया। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक, 2015 में 9,880 लोग सड़क हादसों में घायल हुए या मारे गए थे, जो 2021 में घटकर 5,228 रह गए, लेकिन 2022 में बढ़कर 6,174 तक पहुंच गए।
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डीटीसी और क्लस्टर बसों की संख्या बढ़ी
दिल्ली ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (DTC) और क्लस्टर बसों का बेड़ा 2015-16 में 5,842 था, जो 2023-24 में बढ़कर 7,485 हो गया। हालांकि, इन बसों में रोजाना सफर करने वालों की संख्या 45.9 लाख से घटकर 42.4 लाख रह गई।
Metro
- फोटो : सोशल मीडिया
मेट्रो पर बढ़ा भरोसा
बसों की सवारी कम होने के बावजूद दिल्ली मेट्रो ने इस दौरान शानदार ग्रोथ दर्ज की। 2015-16 में रोजाना 26.2 लाख लोग मेट्रो से सफर करते थे, जो 2023-24 में बढ़कर 57.80 लाख हो गया।
पब्लिक ट्रांसपोर्ट में उतार-चढ़ाव जारी
रिपोर्ट में बताया गया कि 2015-16 में 42.95% लोगों के पास पब्लिक ट्रांसपोर्ट तक पहुंच थी। यह 2022-23 में घटकर 40.80% रह गई। लेकिन 2023-24 में स्थिति सुधरी और यह आंकड़ा बढ़कर 45.83% हो गया।
सरकार ने रखा 2030 तक का लक्ष्य
दिल्ली सरकार ने 2030 तक सभी नागरिकों को सुरक्षित, किफायती, सुलभ और टिकाऊ ट्रांसपोर्ट सिस्टम उपलब्ध कराने का लक्ष्य तय किया है। इसमें महिलाओं, बच्चों, वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगों की जरूरतों पर खास ध्यान रखा जाएगा।
बसों की सवारी कम होने के बावजूद दिल्ली मेट्रो ने इस दौरान शानदार ग्रोथ दर्ज की। 2015-16 में रोजाना 26.2 लाख लोग मेट्रो से सफर करते थे, जो 2023-24 में बढ़कर 57.80 लाख हो गया।
पब्लिक ट्रांसपोर्ट में उतार-चढ़ाव जारी
रिपोर्ट में बताया गया कि 2015-16 में 42.95% लोगों के पास पब्लिक ट्रांसपोर्ट तक पहुंच थी। यह 2022-23 में घटकर 40.80% रह गई। लेकिन 2023-24 में स्थिति सुधरी और यह आंकड़ा बढ़कर 45.83% हो गया।
सरकार ने रखा 2030 तक का लक्ष्य
दिल्ली सरकार ने 2030 तक सभी नागरिकों को सुरक्षित, किफायती, सुलभ और टिकाऊ ट्रांसपोर्ट सिस्टम उपलब्ध कराने का लक्ष्य तय किया है। इसमें महिलाओं, बच्चों, वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगों की जरूरतों पर खास ध्यान रखा जाएगा।