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NCAP: क्या अब हर कार का होगा क्रैश टेस्ट? ग्लोबल NCAP ने की सेफ्टी लेबल को अनिवार्य बनाने की अपील
ऑटो डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: नीतीश कुमार
Updated Tue, 27 May 2025 07:01 AM IST
सार
सड़क सुरक्षा को लेकर एक बड़ी पहल की गई है। ग्लोबल NCAP और लैटिन NCAP ने सभी नए वाहनों के लिए अनिवार्य वाहन सुरक्षा लेबलिंग लागू करने की सिफारिश की है, जिससे ग्राहक खरीदारी से पहले वाहनों की सुरक्षा रेटिंग को आसानी से समझ सकें।
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Crash Test
- फोटो : BNCAP
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विस्तार
इस सप्ताह जर्मनी में आयोजित इंटरनेशनल ट्रांसपोर्ट फोरम (ITF) समिट के दौरान ग्लोबल NCAP और लैटिन NCAP ने एक संयुक्त रिपोर्ट जारी कर दुनिया भर की सरकारों से अपील की है कि वे सभी नए वाहनों पर अनिवार्य वाहन सुरक्षा लेबलिंग को लागू करें। रिपोर्ट में कहा गया है कि एनकैप (NCAP) द्वारा दी जाने वाली स्टार रेटिंग जैसी प्रणालियां बेहद प्रभावी और सरल होती हैं, जिससे आम ग्राहक भी जटिल सुरक्षा आंकड़ों को आसानी से समझ सकते हैं।
सुरक्षा जानकारी के बिना निर्णय ले रहे ग्राहक
रिपोर्ट के मुताबिक, जैसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पर एनर्जी एफिशिएंसी लेबल या खाने-पीने की चीजों पर न्यूट्रिशन फैक्ट दिए जाते हैं, वैसे ही वाहनों पर सुरक्षा लेबलिंग से ग्राहकों को शोरूम में ही वाहन की सुरक्षा जानकारी मिल सकेगी। इससे ग्राहक बेहतर और सुरक्षित विकल्प चुन सकेंगे। यह जानकारी निर्माता कंपनियों को भी प्रेरित करेगी कि वे सुरक्षित वाहनों के निर्माण को प्राथमिकता दें। अनिवार्य लेबलिंग के ज़रिए खराब प्रदर्शन करने वाले वाहनों को भी सुरक्षा मानकों की जांच से बचने का मौका नहीं मिलेगा।
बढ़ता सड़क दुर्घटनाओं का जोखिम
रिपोर्ट में बताया गया है कि वर्ष 2000 से अब तक करीब दो अरब वाहन तैयार हो चुके हैं, लेकिन इनमें से कई में बुनियादी सुरक्षा फीचर्स तक नहीं होते। ऐसे वाहनों के चलते दुनियाभर में सड़क दुर्घटनाओं में मौतों और गंभीर चोटों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। खासकर विकासशील और मध्यम आय वाले देशों में यह स्थिति ज्यादा चिंताजनक है।
ग्लोबल और लैटिन एनकैप का मानना है कि वाहन सुरक्षा लेबलिंग तभी प्रभावशाली हो सकती है जब इसे सरकारों का समर्थन मिले। खासकर सड़क परिवहन मंत्रालय जैसे संबंधित विभाग इस दिशा में नीतिगत पहल कर सकते हैं। रिपोर्ट में यह भी सुझाव दिया गया है कि वाहन सुरक्षा लेबलिंग को मौजूदा फ्यूल एफिशिएंसी लेबलिंग के साथ एकीकृत किया जा सकता है, जिससे लागत में कमी और कार्यान्वयन में तेजी आएगी।
स्टार रेटिंग को बनाएं आधार
जहां-जहां राष्ट्रीय NCAP प्रोग्राम मौजूद हैं, वहां उनके द्वारा दी गई स्टार रेटिंग को ही सुरक्षा लेबलिंग का आधार बनाया जाए। साथ ही जिन देशों में यह स्कीम स्वैच्छिक रूप से चल रही है, उन्हें इसे जल्द से जल्द अनिवार्य करना चाहिए। यह एक किफायती लेकिन प्रभावशाली तरीका है जिससे ग्राहक जागरूक होंगे और वाहन निर्माता जिम्मेदार बनेंगे।
ग्लोबल एनकैप के सीईओ रिचर्ड वुड्स ने कहा, “NCAP प्रोग्राम दुनियाभर में वाहन सुरक्षा को लोकतांत्रिक बना रहे हैं। यदि वाहन सुरक्षा लेबलिंग अनिवार्य हो जाती है तो इससे ग्राहक सही और सुरक्षित वाहन का चुनाव कर सकेंगे।” वहीं लैटिन एनकैप के महासचिव अलेजांद्रो फुरास ने कहा कि यह प्रस्ताव उपभोक्ताओं के व्यवहार को सीधे प्रभावित करेगा और सरकारों को इस दिशा में जल्दी कदम उठाने चाहिए।
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सुरक्षा जानकारी के बिना निर्णय ले रहे ग्राहक
रिपोर्ट के मुताबिक, जैसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पर एनर्जी एफिशिएंसी लेबल या खाने-पीने की चीजों पर न्यूट्रिशन फैक्ट दिए जाते हैं, वैसे ही वाहनों पर सुरक्षा लेबलिंग से ग्राहकों को शोरूम में ही वाहन की सुरक्षा जानकारी मिल सकेगी। इससे ग्राहक बेहतर और सुरक्षित विकल्प चुन सकेंगे। यह जानकारी निर्माता कंपनियों को भी प्रेरित करेगी कि वे सुरक्षित वाहनों के निर्माण को प्राथमिकता दें। अनिवार्य लेबलिंग के ज़रिए खराब प्रदर्शन करने वाले वाहनों को भी सुरक्षा मानकों की जांच से बचने का मौका नहीं मिलेगा।
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बढ़ता सड़क दुर्घटनाओं का जोखिम
रिपोर्ट में बताया गया है कि वर्ष 2000 से अब तक करीब दो अरब वाहन तैयार हो चुके हैं, लेकिन इनमें से कई में बुनियादी सुरक्षा फीचर्स तक नहीं होते। ऐसे वाहनों के चलते दुनियाभर में सड़क दुर्घटनाओं में मौतों और गंभीर चोटों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। खासकर विकासशील और मध्यम आय वाले देशों में यह स्थिति ज्यादा चिंताजनक है।
ग्लोबल और लैटिन एनकैप का मानना है कि वाहन सुरक्षा लेबलिंग तभी प्रभावशाली हो सकती है जब इसे सरकारों का समर्थन मिले। खासकर सड़क परिवहन मंत्रालय जैसे संबंधित विभाग इस दिशा में नीतिगत पहल कर सकते हैं। रिपोर्ट में यह भी सुझाव दिया गया है कि वाहन सुरक्षा लेबलिंग को मौजूदा फ्यूल एफिशिएंसी लेबलिंग के साथ एकीकृत किया जा सकता है, जिससे लागत में कमी और कार्यान्वयन में तेजी आएगी।
स्टार रेटिंग को बनाएं आधार
जहां-जहां राष्ट्रीय NCAP प्रोग्राम मौजूद हैं, वहां उनके द्वारा दी गई स्टार रेटिंग को ही सुरक्षा लेबलिंग का आधार बनाया जाए। साथ ही जिन देशों में यह स्कीम स्वैच्छिक रूप से चल रही है, उन्हें इसे जल्द से जल्द अनिवार्य करना चाहिए। यह एक किफायती लेकिन प्रभावशाली तरीका है जिससे ग्राहक जागरूक होंगे और वाहन निर्माता जिम्मेदार बनेंगे।
ग्लोबल एनकैप के सीईओ रिचर्ड वुड्स ने कहा, “NCAP प्रोग्राम दुनियाभर में वाहन सुरक्षा को लोकतांत्रिक बना रहे हैं। यदि वाहन सुरक्षा लेबलिंग अनिवार्य हो जाती है तो इससे ग्राहक सही और सुरक्षित वाहन का चुनाव कर सकेंगे।” वहीं लैटिन एनकैप के महासचिव अलेजांद्रो फुरास ने कहा कि यह प्रस्ताव उपभोक्ताओं के व्यवहार को सीधे प्रभावित करेगा और सरकारों को इस दिशा में जल्दी कदम उठाने चाहिए।