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SUV: एसयूवी की बिक्री में उछाल सड़क सुरक्षा के लिए बुरी खबर है, जानें ग्लोबल एनसीएपी अध्यक्ष ने ऐसा क्यों कहा
ऑटो डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: अमर शर्मा
Updated Tue, 05 Dec 2023 07:35 PM IST
सार
ग्लोबल न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम (ग्लोबल एनसीएपी) के कार्यकारी अध्यक्ष डेविड वार्ड का कहना है, "विभिन्न देशों में हाल के अध्ययनों से पता चला है कि कार उद्योग का हर सेगमेंट में बड़ी और भारी एसयूवी बेचने का निरंतर प्रयास सड़क सुरक्षा के लिए बुरी खबर है। खासतौर से छोटे, ज्यादा कुशल वाहन चलाने वालों और कमजोर सड़क उपयोगकर्ताओं के लिए।"
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Global NCAP Crash Test
- फोटो : Global NCAP
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विस्तार
भारत को स्पोर्ट्स यूटिलिटी वाहनों (एसयूवी) के लिए अमेरिका की तरह के रास्ते को अपनाने से बचना चाहिए। क्योंकि वे अन्य छोटी कारों, पैदल चलने वालों और साइकिल चालकों के लिए सड़कों को कम सुरक्षित बनाते हैं। गौरतलब है कि भारत दुनिया में सबसे ज्यादा घातक सड़क दुर्घटनाओं वाले देशों में से एक है।
ग्लोबल न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम (ग्लोबल एनसीएपी) के कार्यकारी अध्यक्ष डेविड वार्ड का कहना है, "विभिन्न देशों में हाल के अध्ययनों से पता चला है कि कार उद्योग का हर सेगमेंट में बड़ी और भारी एसयूवी बेचने का निरंतर प्रयास सड़क सुरक्षा के लिए बुरी खबर है। खासतौर से छोटे, ज्यादा कुशल वाहन चलाने वालों और कमजोर सड़क उपयोगकर्ताओं के लिए। भारत जैसे देशों के लिए यह बेहद महत्वपूर्ण है कि सरकार बाजार को ऐसे वाहनों की ओर धकेले जो सभी सड़क उपयोगकर्ताओं के लिए उपयुक्त और सुरक्षित हों।''
वह सड़क यातायात शिक्षा संस्थान (आईआरटीई) द्वारा मंत्रालय की साझेदारी में आयोजित तीन दिवसीय "ग्लोबल रोड सेफ्टी इनिशिएटिव' कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। यह कार्यक्रम सड़क परिवहन और राजमार्ग, भारत सरकार, और एशिया और प्रशांत के लिए संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक आयोग (UNESCAP) और यूरोप के लिए संयुक्त राष्ट्र आर्थिक आयोग (UNECE) के सहयोग से आयोजित किया गया।
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ग्लोबल न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम (ग्लोबल एनसीएपी) के कार्यकारी अध्यक्ष डेविड वार्ड का कहना है, "विभिन्न देशों में हाल के अध्ययनों से पता चला है कि कार उद्योग का हर सेगमेंट में बड़ी और भारी एसयूवी बेचने का निरंतर प्रयास सड़क सुरक्षा के लिए बुरी खबर है। खासतौर से छोटे, ज्यादा कुशल वाहन चलाने वालों और कमजोर सड़क उपयोगकर्ताओं के लिए। भारत जैसे देशों के लिए यह बेहद महत्वपूर्ण है कि सरकार बाजार को ऐसे वाहनों की ओर धकेले जो सभी सड़क उपयोगकर्ताओं के लिए उपयुक्त और सुरक्षित हों।''
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वह सड़क यातायात शिक्षा संस्थान (आईआरटीई) द्वारा मंत्रालय की साझेदारी में आयोजित तीन दिवसीय "ग्लोबल रोड सेफ्टी इनिशिएटिव' कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। यह कार्यक्रम सड़क परिवहन और राजमार्ग, भारत सरकार, और एशिया और प्रशांत के लिए संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक आयोग (UNESCAP) और यूरोप के लिए संयुक्त राष्ट्र आर्थिक आयोग (UNECE) के सहयोग से आयोजित किया गया।
David Ward, Executive president Global NCAP
- फोटो : Social Media
वार्ड ने कहा, "भारत और अन्य देशों में एसयूवी की लगातार बढ़ती मांग एक बड़ी सड़क सुरक्षा और पर्यावरण चुनौती है। सरकारों को इन बड़े वाहनों की बिक्री को हतोत्साहित करना चाहिए। हाल के वर्षों में, कारें भारी, लंबी और ज्यादा पावरफुल हो गई हैं। कई अध्ययनों से पता चला है कि एसयूवी और पिक-अप वाहन लगभग किसी भी दुर्घटना में कमजोर सड़क उपयोगकर्ताओं के लिए ज्यादा घातक हैं।
उन्होंने कहा, "सड़क उपयोगकर्ताओं के लिए घातक चोटों का खतरा बढ़ जाता है क्योंकि वाहन की बोनट की ऊंचाई उनसे टकराने के कारण बढ़ गई है। उदाहरण के लिए, किसी पैदल यात्री या साइकिल चालक को 90 सेमी ऊंचे बोनट वाली कार से टक्कर लगने पर 10 सेमी ऊंचे बोनट वाले वाहन से टकराने की तुलना में घातक चोट लगने का जोखिम 30 प्रतिशत ज्यादा होता है। उन्होंने कहा, ''बड़ी एसयूवी ने मिड-साइज की एसयूवी की तुलना में अन्य सड़क उपयोगकर्ताओं के लिए गंभीर चोट के जोखिम को लगभग एक तिहाई बढ़ा दिया है।''
वार्ड ने कहा, "हर सेगमेंट में बड़ी और भारी एसयूवी बेचने के लिए कार उद्योग का निरंतर प्रयास सड़क सुरक्षा के लिए बुरी खबर है। लेकिन खासतौर से छोटे, ज्यादा कुशल वाहन चलाने वालों और कमजोर सड़क उपयोगकर्ताओं के लिए। भारत सरकार ने सड़क सुरक्षा बढ़ाने के लिए अधिकतम कदम उठाए हैं। हाल के कुछ वर्षों में जीएनसीएपी के अलावा किसी और के साथ साझेदारी के साथ भारत एनसीएपी का विकास शामिल है। भारत दुनियाभर की सबसे अच्छी चीजों पर नजर रखते हुए वैश्विक सड़क सुरक्षा प्रथाओं को अपना रहा है।"
उन्होंने कहा, "सड़क उपयोगकर्ताओं के लिए घातक चोटों का खतरा बढ़ जाता है क्योंकि वाहन की बोनट की ऊंचाई उनसे टकराने के कारण बढ़ गई है। उदाहरण के लिए, किसी पैदल यात्री या साइकिल चालक को 90 सेमी ऊंचे बोनट वाली कार से टक्कर लगने पर 10 सेमी ऊंचे बोनट वाले वाहन से टकराने की तुलना में घातक चोट लगने का जोखिम 30 प्रतिशत ज्यादा होता है। उन्होंने कहा, ''बड़ी एसयूवी ने मिड-साइज की एसयूवी की तुलना में अन्य सड़क उपयोगकर्ताओं के लिए गंभीर चोट के जोखिम को लगभग एक तिहाई बढ़ा दिया है।''
वार्ड ने कहा, "हर सेगमेंट में बड़ी और भारी एसयूवी बेचने के लिए कार उद्योग का निरंतर प्रयास सड़क सुरक्षा के लिए बुरी खबर है। लेकिन खासतौर से छोटे, ज्यादा कुशल वाहन चलाने वालों और कमजोर सड़क उपयोगकर्ताओं के लिए। भारत सरकार ने सड़क सुरक्षा बढ़ाने के लिए अधिकतम कदम उठाए हैं। हाल के कुछ वर्षों में जीएनसीएपी के अलावा किसी और के साथ साझेदारी के साथ भारत एनसीएपी का विकास शामिल है। भारत दुनियाभर की सबसे अच्छी चीजों पर नजर रखते हुए वैश्विक सड़क सुरक्षा प्रथाओं को अपना रहा है।"