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Car Safety: GNCAP की अपील- 5-स्टार सेफ्टी रेटिंग वाली हों कॉर्पोरेट फ्लीट, बहुत अहम है वजह
ऑटो डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: अमर शर्मा
Updated Sat, 03 May 2025 08:35 PM IST
सार
आज की दुनिया में गाड़ियों की सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा बन चुकी है। हर देश में सड़क हादसों को कम करने के लिए सरकारें और कार कंपनियां कई कदम उठा रही हैं।
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Car Crash Test
- फोटो : GNCAP
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विस्तार
आज की दुनिया में गाड़ियों की सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा बन चुकी है। हर देश में सड़क हादसों को कम करने के लिए सरकारें और कार कंपनियां कई कदम उठा रही हैं। इन्हीं कोशिशों में एक बड़ा नाम है Global NCAP (GNCAP) (जीएनसीएपी) - जो नई गाड़ियों की सुरक्षा जांचने और रेटिंग देने वाली एक अंतरराष्ट्रीय संस्था है। अब GNCAP ने कॉर्पोरेट फ्लीट ऑपरेटरों यानी कंपनियों की गाड़ियों के लिए एक खास अपील की है।
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कंपनियों को कहा गया - सुरक्षित गाड़ियां चुनें
जीएनसीएपी ने हाल ही में फ्लीटसेफ नाम की एक अपडेटेड गाइड जारी की है। इस गाइड के मुताबिक, दुनियाभर में जितनी सड़क दुर्घटनाएं होती हैं, उनमें से करीब एक-तिहाई ऐसे हादसे होते हैं जो काम के दौरान सफर करते समय होते हैं। यानी जब कर्मचारी कंपनी के काम के लिए गाड़ी चला रहे होते हैं। ऐसे में GNCAP चाहता है कि कंपनियां अपने स्टाफ के लिए ज्यादा सुरक्षित यानी 5-स्टार रेटिंग वाली गाड़ियां चुनें।
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जीएनसीएपी ने हाल ही में फ्लीटसेफ नाम की एक अपडेटेड गाइड जारी की है। इस गाइड के मुताबिक, दुनियाभर में जितनी सड़क दुर्घटनाएं होती हैं, उनमें से करीब एक-तिहाई ऐसे हादसे होते हैं जो काम के दौरान सफर करते समय होते हैं। यानी जब कर्मचारी कंपनी के काम के लिए गाड़ी चला रहे होते हैं। ऐसे में GNCAP चाहता है कि कंपनियां अपने स्टाफ के लिए ज्यादा सुरक्षित यानी 5-स्टार रेटिंग वाली गाड़ियां चुनें।
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टू-व्हीलर सुरक्षा को लेकर भारत पर खास फोकस
जीएनसीएपी ने यह भी बताया कि भारत जैसे देश में टू-व्हीलर से जुड़ी दुर्घटनाएं बेहद आम हैं। भारत में 44 प्रतिशत सड़क हादसों में मौतें दोपहिया वाहनों से होती हैं। जीएनसीएपी के अध्यक्ष डेविड वॉर्ड का कहना है कि जो बाइक 50 किमी प्रति घंटे से ज्यादा की रफ्तार पकड़ सकती हैं या जिनका इंजन 50cc से ज्यादा है, उनमें एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम (ABS) अनिवार्य किया जाना चाहिए। इससे ब्रेक लगाते वक्त गाड़ी फिसलने की संभावना काफी कम हो जाएगी।
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जीएनसीएपी ने यह भी बताया कि भारत जैसे देश में टू-व्हीलर से जुड़ी दुर्घटनाएं बेहद आम हैं। भारत में 44 प्रतिशत सड़क हादसों में मौतें दोपहिया वाहनों से होती हैं। जीएनसीएपी के अध्यक्ष डेविड वॉर्ड का कहना है कि जो बाइक 50 किमी प्रति घंटे से ज्यादा की रफ्तार पकड़ सकती हैं या जिनका इंजन 50cc से ज्यादा है, उनमें एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम (ABS) अनिवार्य किया जाना चाहिए। इससे ब्रेक लगाते वक्त गाड़ी फिसलने की संभावना काफी कम हो जाएगी।
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भारत में अब है अपना सेफ्टी टेस्टिंग सिस्टम
GNCAP के भारत फोकस के चलते अब देश में भी अपना एक सुरक्षा रेटिंग सिस्टम बन चुका है, जिसे Bharat NCAP (BNCAP) (बीएनसीएपी) कहा जाता है। इस पहल के बाद कई मेड-इन-इंडिया गाड़ियों को 5-स्टार सेफ्टी रेटिंग भी मिल चुकी है। अब अगला कदम है ट्रक और भारी वाहनों की सुरक्षा जांच शुरू करना, जिस पर काम चल रहा है।
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GNCAP के भारत फोकस के चलते अब देश में भी अपना एक सुरक्षा रेटिंग सिस्टम बन चुका है, जिसे Bharat NCAP (BNCAP) (बीएनसीएपी) कहा जाता है। इस पहल के बाद कई मेड-इन-इंडिया गाड़ियों को 5-स्टार सेफ्टी रेटिंग भी मिल चुकी है। अब अगला कदम है ट्रक और भारी वाहनों की सुरक्षा जांच शुरू करना, जिस पर काम चल रहा है।
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ट्रक ड्राइवरों के लिए सरकार उठा रही बड़े कदम
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में कहा कि सरकार ट्रक ड्राइवरों की कार्य अवधि तय करने के लिए एक नया कानून ला रही है। अभी की स्थिति ये है कि ट्रक ड्राइवर दिन में 13-14 घंटे तक गाड़ी चलाते हैं, जो उनके लिए बेहद थकाऊ और खतरनाक है। ड्राइवरों की कमी को देखते हुए सरकार देशभर में 32 अत्याधुनिक ड्राइविंग इंस्टीट्यूट्स खोलने की योजना भी बना रही है।
इसके अलावा, ड्राइवर केबिन में एयर कंडीशनिंग अब अनिवार्य कर दिया गया है। साथ ही, एडवांस्ड ड्राइवर असिस्टेंस सिस्टम (ADAS) को भी अनिवार्य किया गया है, जिससे ड्राइवरों को सुरक्षित तरीके से गाड़ी चलाने में मदद मिलेगी।
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