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GST 2.0: जीएसटी सुधार से ऑटो सेक्टर और इससे जुड़ी इंडस्ट्री को बड़ा फायदा, जानें कैसे
ऑटो डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: अमर शर्मा
Updated Fri, 12 Sep 2025 05:26 PM IST
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सार
भारत सरकार ने हाल ही में जीएसटी दरों में बड़ा बदलाव किया है, जिससे दोपहिया वाहन, कारें, ट्रैक्टर, बसें, कमर्शियल व्हीकल्स और ऑटो पार्ट्स पर टैक्स कम कर दिया गया है।

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- फोटो : Freepik
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विस्तार
भारत सरकार ने हाल ही में जीएसटी दरों में बड़ा बदलाव किया है, जिससे दोपहिया वाहन, कारें, ट्रैक्टर, बसें, कमर्शियल व्हीकल्स और ऑटो पार्ट्स पर टैक्स कम कर दिया गया है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के मुताबिक, यह सुधार गाड़ियों को सस्ता बनाएगा, लॉजिस्टिक्स को बेहतर करेगा और शहरी व ग्रामीण दोनों बाजारों में मांग को बढ़ाएगा।
मंत्रालय ने कहा कि यह कदम एमएसएमई को मजबूती देगा, नए रोजगार पैदा करेगा और क्लीन व इफिशिएंट मोबिलिटी को बढ़ावा देगा। टैक्स ढांचे को आसान और स्थिर बनाकर यह सुधार मैन्युफैक्चरिंग की प्रतिस्पर्धा बढ़ाता है। किसानों और ट्रांसपोर्ट ऑपरेटर्स को सपोर्ट करता है और मेक इन इंडिया व पीएम गति शक्ति जैसे राष्ट्रीय अभियानों को मजबूत करता है।
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मंत्रालय ने कहा कि यह कदम एमएसएमई को मजबूती देगा, नए रोजगार पैदा करेगा और क्लीन व इफिशिएंट मोबिलिटी को बढ़ावा देगा। टैक्स ढांचे को आसान और स्थिर बनाकर यह सुधार मैन्युफैक्चरिंग की प्रतिस्पर्धा बढ़ाता है। किसानों और ट्रांसपोर्ट ऑपरेटर्स को सपोर्ट करता है और मेक इन इंडिया व पीएम गति शक्ति जैसे राष्ट्रीय अभियानों को मजबूत करता है।
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गाड़ियों की कीमतें होंगी कम
सबसे बड़ा असर दोपहिया वाहनों, छोटी कारों, ट्रैक्टरों, बसों और ट्रकों की कीमतों में कमी के रूप में दिखेगा। कीमतें घटने से मांग बढ़ेगी, जिससे मैन्युफैक्चरिंग, सेल्स, लॉजिस्टिक्स और सर्विस सेक्टर में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। साथ ही, एनबीएफसी, बैंकों और फिनटेक कंपनियों के जरिए कर्ज पर वाहन खरीद और आसान होगी।
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सबसे बड़ा असर दोपहिया वाहनों, छोटी कारों, ट्रैक्टरों, बसों और ट्रकों की कीमतों में कमी के रूप में दिखेगा। कीमतें घटने से मांग बढ़ेगी, जिससे मैन्युफैक्चरिंग, सेल्स, लॉजिस्टिक्स और सर्विस सेक्टर में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। साथ ही, एनबीएफसी, बैंकों और फिनटेक कंपनियों के जरिए कर्ज पर वाहन खरीद और आसान होगी।
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3.5 करोड़ नौकरियों पर असर
जीएसटी सुधार से ऑटो और इससे जुड़ी इंडस्ट्री में 3.5 करोड़ से ज्यादा नौकरियों को सपोर्ट मिलेगा। इससे टायर, बैटरी, ग्लास, स्टील, प्लास्टिक और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे छोटे उद्योगों को भी फायदा होगा। ड्राइवर, मैकेनिक, गिग वर्कर्स और सर्विस सेक्टर में भी रोजगार के मौके बढ़ेंगे।
इसके अलावा, पुराने और प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों की जगह नए, फ्यूल-इफिशिएंट वाहनों को अपनाने का प्रोत्साहन मिलेगा। बसों और पब्लिक ट्रांसपोर्ट के इस्तेमाल को भी बढ़ावा मिलेगा, जिससे जाम और प्रदूषण कम होगा।
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जीएसटी सुधार से ऑटो और इससे जुड़ी इंडस्ट्री में 3.5 करोड़ से ज्यादा नौकरियों को सपोर्ट मिलेगा। इससे टायर, बैटरी, ग्लास, स्टील, प्लास्टिक और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे छोटे उद्योगों को भी फायदा होगा। ड्राइवर, मैकेनिक, गिग वर्कर्स और सर्विस सेक्टर में भी रोजगार के मौके बढ़ेंगे।
इसके अलावा, पुराने और प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों की जगह नए, फ्यूल-इफिशिएंट वाहनों को अपनाने का प्रोत्साहन मिलेगा। बसों और पब्लिक ट्रांसपोर्ट के इस्तेमाल को भी बढ़ावा मिलेगा, जिससे जाम और प्रदूषण कम होगा।
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नई दरें और बदलाव
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- बाइक (350cc तक): जीएसटी 28% से घटाकर 18%
- छोटी कारें: जीएसटी 28% से घटाकर 18%
- ट्रैक्टर (<1800cc): जीएसटी 12% से घटाकर 5%
- ट्रैक्टर टायर व पार्ट्स: जीएसटी 18% से घटाकर 5%
- बसें (10+ सीटें): जीएसटी 28% से घटाकर 18%
- ऑटो पार्ट्स: ज्यादातर पर अब 18%
- वहीं, बड़ी और लग्ज़री कारों पर 40% की फ्लैट दर बनी रहेगी।
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जीएसटी संरचना हुई आसान
अब तक जीएसटी चार स्लैब (5%, 12%, 18%, 28%) में बंटा था। लेकिन 56वीं जीएसटी काउंसिल बैठक में इसे घटाकर दो मुख्य दरों पर लाया गया है- 5 प्रतिशत (मेरेट रेट) और 18 प्रतिशत (स्टैंडर्ड रेट), जबकि लग्जरी/सिन गुड्स के लिए 40 प्रतिशत की दर तय की गई है।
यह नया ढांचा 22 सितंबर 2025, नवरात्रि के पहले दिन से लागू होगा। इसे सरकार ने नेक्स्ट-जेन जीएसटी रेशनलाइजेशन कहा है। जो नागरिकों का टैक्स बोझ घटाने और अर्थव्यवस्था की रफ्तार बढ़ाने के मकसद से लागू किया गया है।
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यह नया ढांचा 22 सितंबर 2025, नवरात्रि के पहले दिन से लागू होगा। इसे सरकार ने नेक्स्ट-जेन जीएसटी रेशनलाइजेशन कहा है। जो नागरिकों का टैक्स बोझ घटाने और अर्थव्यवस्था की रफ्तार बढ़ाने के मकसद से लागू किया गया है।
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