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GST: "दोपहिया वाहन लग्जरी नहीं, जरूरत की चीज," डिमांड बढ़ाने के लिए बजट में टैक्स कम करने की उठी मांग
ऑटो डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: नीतीश कुमार
Updated Mon, 27 Jan 2025 05:27 PM IST
सार
देश में कार और बाइक्स पर लगाए जाने वाले टैक्स के कारण ग्राहकों की खरीदने की क्षमता (क्रय शक्ति) पर असर पड़ रहा है। इसके वजह से शहरी और ग्रामीण, दोनों क्षेत्रों में वाहनों की मांग में कमी देखी जा रही है।
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मोटरइकिलों की मांग हुई कम
- फोटो : BMW
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विस्तार
देश में ऑटोमोबाइल की बिक्री और मांग में स्थिरता से चिंतित ऑटो इंडस्ट्री की दिग्गज कंपनियों ने इस मुद्दे पर चर्चा फिर से शुरू कर दी है। देश में कार और बाइक्स पर लगाए जाने वाले टैक्स के कारण ग्राहकों की खरीदने की क्षमता (क्रय शक्ति) पर असर पड़ रहा है। इसके वजह से शहरी और ग्रामीण, दोनों क्षेत्रों में वाहनों की मांग में कमी देखी जा रही है। पिछले साल फेस्टिव सीजन में भी वाहन कंपनियों की बिक्री उम्मीद से कम हुई।
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दोपहिया वाहन हैं किफायती विकल्प
- फोटो : अमर उजाला
मोटरसाइकिल की बिक्री हुई कम
इन सभी मुद्दों को रेखांकित करते हुए होंडा मोटरसाइकिल एंड स्कूटर इंडिया (HMSI) के निदेशक (सेल्स एंड मार्केटिंग) योगेश माथुर ने कहा कि दोपहिया वाहन (Two-Wheeler) मौजूदा दौर में एक जरूरत हैं, न कि विलासिता की वस्तु और इन वाहनों पर टैक्स को कम किया जाना चाहिए, ताकि उनकी पहुंच आम आदमी तक आसान हो सके। पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि उद्योग अगले वित्त वर्ष में सिंगल डिजिट की बढ़ोतरी दर्ज कर सकता है। बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2025 को आम बजट पेश करने वाली हैं।
माथुर ने कहा कि मध्यम आय वर्ग के लोगों को फिर से खर्च करने में सक्षम बनाने के लिए आयकर को कम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि चालू वित्तीय वर्ष में स्कूटर से मुकाबले मोटरसाइकिलों का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा। इसकी वजह मानसून में कमी के कारण ग्रामीण बाजारों में मांग में नरमी है।
इन सभी मुद्दों को रेखांकित करते हुए होंडा मोटरसाइकिल एंड स्कूटर इंडिया (HMSI) के निदेशक (सेल्स एंड मार्केटिंग) योगेश माथुर ने कहा कि दोपहिया वाहन (Two-Wheeler) मौजूदा दौर में एक जरूरत हैं, न कि विलासिता की वस्तु और इन वाहनों पर टैक्स को कम किया जाना चाहिए, ताकि उनकी पहुंच आम आदमी तक आसान हो सके। पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि उद्योग अगले वित्त वर्ष में सिंगल डिजिट की बढ़ोतरी दर्ज कर सकता है। बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2025 को आम बजट पेश करने वाली हैं।
माथुर ने कहा कि मध्यम आय वर्ग के लोगों को फिर से खर्च करने में सक्षम बनाने के लिए आयकर को कम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि चालू वित्तीय वर्ष में स्कूटर से मुकाबले मोटरसाइकिलों का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा। इसकी वजह मानसून में कमी के कारण ग्रामीण बाजारों में मांग में नरमी है।
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Two Wheelers
- फोटो : iStock
लग्जरी नहीं, जरूरत हैं दोपहिया वाहन
माथुर ने कहा कि दोपहिया वाहन लग्जरी नहीं, बल्कि लोगों की जरूरत हैं, इसलिए इनपर 28% जीएसटी लगाना सही नहीं है। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में जीएसटी और इनकम टैक्स की अधिक दरों की वजह से ऑटो इंडस्ट्री मांग की कमी का सामना कर रहा है। अगर इनकम की दरों में कटौती हो तो लोगों के पास खर्च करने के लिए अधिक पैसे होंगे। उन्होंने कहा कि नए नियमों के अनुपालन से ऑटो इंडस्ट्री लागत में बढ़ोतरी का सामना कर रही है। बीएस 4 से बीएस 6 में ट्रांजिशन और अब OBD-2 नियमों के अनुपालन से लागत में बढ़ोतरी हो गई है। ऐसे में ग्राहकों तक पहुंचने वाला उत्पाद महंगा हो जाता है। अगर जीएसटी दर में कटौती की जाए तो लोगों को थोड़ी राहत मिल सकती है।
कनेक्टिविटी की समस्या को दूर करते हैं टू-व्हीलर
उन्होंने कहा कि वर्तमान में भारत में अंतिम मील तक कनेक्टिविटी नहीं है और यहां तक कि सार्वजनिक परिवहन भी बढ़ती आबादी, विशेषकर शहरी क्षेत्रों के लिए पर्याप्त नहीं है। ऐसे में दोपहिया वाहन करोड़ों लोगों के लिए परिवहन का सुविधाजनक और किफायती साधन हैं।
माथुर ने कहा कि दोपहिया वाहन लग्जरी नहीं, बल्कि लोगों की जरूरत हैं, इसलिए इनपर 28% जीएसटी लगाना सही नहीं है। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में जीएसटी और इनकम टैक्स की अधिक दरों की वजह से ऑटो इंडस्ट्री मांग की कमी का सामना कर रहा है। अगर इनकम की दरों में कटौती हो तो लोगों के पास खर्च करने के लिए अधिक पैसे होंगे। उन्होंने कहा कि नए नियमों के अनुपालन से ऑटो इंडस्ट्री लागत में बढ़ोतरी का सामना कर रही है। बीएस 4 से बीएस 6 में ट्रांजिशन और अब OBD-2 नियमों के अनुपालन से लागत में बढ़ोतरी हो गई है। ऐसे में ग्राहकों तक पहुंचने वाला उत्पाद महंगा हो जाता है। अगर जीएसटी दर में कटौती की जाए तो लोगों को थोड़ी राहत मिल सकती है।
कनेक्टिविटी की समस्या को दूर करते हैं टू-व्हीलर
उन्होंने कहा कि वर्तमान में भारत में अंतिम मील तक कनेक्टिविटी नहीं है और यहां तक कि सार्वजनिक परिवहन भी बढ़ती आबादी, विशेषकर शहरी क्षेत्रों के लिए पर्याप्त नहीं है। ऐसे में दोपहिया वाहन करोड़ों लोगों के लिए परिवहन का सुविधाजनक और किफायती साधन हैं।
टू-व्हीलर पर लगाता है 28% जीएसटी
- फोटो : HMSI
कितना है टू-व्हीलर पर टैक्स
जीएसटी की मौजूदा व्यवस्था के तहत, 350cc इंजन क्षमता तक के दोपहिया वाहनों पर 28 प्रतिशत जीएसटी और 350cc से अधिक क्षमता के दोपहिया वाहनों पर 3 प्रतिशत के अतिरिक्त सेस के साथ कुल 31 प्रतिशत जीएसटी लगाया जाता है। माथुर ने कहा कि हम मौजूदा वित्तीय वर्ष में दोपहिया वाहनों की बिक्री में 10-12 प्रतिशत की बढ़ोतरी की उम्मीद कर रहे हैं।
जीएसटी की मौजूदा व्यवस्था के तहत, 350cc इंजन क्षमता तक के दोपहिया वाहनों पर 28 प्रतिशत जीएसटी और 350cc से अधिक क्षमता के दोपहिया वाहनों पर 3 प्रतिशत के अतिरिक्त सेस के साथ कुल 31 प्रतिशत जीएसटी लगाया जाता है। माथुर ने कहा कि हम मौजूदा वित्तीय वर्ष में दोपहिया वाहनों की बिक्री में 10-12 प्रतिशत की बढ़ोतरी की उम्मीद कर रहे हैं।