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Crash Test: आसान नहीं होता एक कार के लिए 5-Star रेटिंग पाना, देनी पड़ती है ये ‘अग्निपरीक्षा’
ऑटो डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: नीतीश कुमार
Updated Fri, 11 Apr 2025 06:14 PM IST
सार
कारों की क्रैश टेस्टिंग दुनिया की अलग-अलग संस्थाएं करती हैं। इनमें Global NCAP, Euro NCAP, ASEAN NCAP और अमेरिका की IIHS प्रमुख हैं। भारत में हाला ही में Bharat NCAP ने कारों की टेस्टिंग शुरू की है।
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क्रैश टेस्ट से मिलती है सेफ्टी रेटिंग
- फोटो : BNCAP
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विस्तार
Car Safety Test: जब भी कोई कार खरीदने की बात आती है तो लोग सबसे पहले उसकी माइलेज, फीचर्स और कीमत को देखते हैं। लेकिन आजकल सेफ्टी भी एक अहम फैक्टर बन चुका है। खासकर तब, जब बाजार में Global NCAP और Bharat NCAP जैसी संस्थाएं किसी कार को सेफ्टी के आधार पर 5-Star रेटिंग देती हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर किसी कार को यह 5 स्टार रेटिंग कैसे मिलती है? इसके पीछे कितनी कठिन और खतरनाक टेस्टिंग होती है? आइए आपको बताते हैं वो पूरा प्रोसेस, जिसे पास करने के बाद कोई कार सेफ्टी में चैंपियन बनती है।
पहले जानिए कौन करता है टेस्ट
कारों की क्रैश टेस्टिंग दुनिया की अलग-अलग संस्थाएं करती हैं। इनमें Global NCAP, Euro NCAP, ASEAN NCAP और अमेरिका की IIHS प्रमुख हैं। भारत में हाला ही में Bharat NCAP ने कारों की टेस्टिंग शुरू की है। ये सभी एजेंसियां कार की सुरक्षा का मूल्यांकन अलग-अलग क्रैश सिचुएशन्स में करती हैं और फिर एक स्कोर के आधार पर उसे 0 से 5 स्टार तक की रेटिंग देती हैं।
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पहले जानिए कौन करता है टेस्ट
कारों की क्रैश टेस्टिंग दुनिया की अलग-अलग संस्थाएं करती हैं। इनमें Global NCAP, Euro NCAP, ASEAN NCAP और अमेरिका की IIHS प्रमुख हैं। भारत में हाला ही में Bharat NCAP ने कारों की टेस्टिंग शुरू की है। ये सभी एजेंसियां कार की सुरक्षा का मूल्यांकन अलग-अलग क्रैश सिचुएशन्स में करती हैं और फिर एक स्कोर के आधार पर उसे 0 से 5 स्टार तक की रेटिंग देती हैं।
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खतरनाक टेस्ट्स से गुजरती है कारें
- फोटो : BNCAP
खतरनाक टेस्ट्स से गुजरती है कारें
1. फ्रंट इम्पैक्ट टेस्ट
इस टेस्ट में कार को करीब 64 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से एक ठोस दीवार से टकराया जाता है। कार का 40% हिस्सा दिवार से टकराता है। इससे यह देखा जाता है कि टक्कर की स्थिति में ड्राइवर और आगे बैठे यात्री कितने सुरक्षित रहते हैं।
2. साइड इम्पैक्ट टेस्ट
इसमें एक भारी वस्तु को 50 km/h की स्पीड से कार के साइड में टकराया जाता है। यह टेस्ट इस बात को परखता है कि बगल में बैठे यात्री को साइड टक्कर के दौरान कितनी चोट लग सकती है।
3. पोल टेस्ट
कुछ एजेंसियां जैसे Euro NCAP इस टेस्ट में कार को स्लाइड कर एक खंभे से टकराती हैं। यह स्थिति उन हादसों को दर्शाती है, जब कार किसी पेड़ या खंभे से साइड में जाकर टकरा जाती है।
4. पेडिस्ट्रियन टेस्ट
इसमें जांचा जाता है कि अगर कार किसी पैदल व्यक्ति से टकराए, तो उसे सिर, पैर या शरीर के अन्य हिस्सों में कितनी चोट लग सकती है।
5. चाइल्ड सेफ्टी टेस्ट
इस टेस्ट में चाइल्ड डमी को कार में बैठाया जाता है और उनकी सेफ्टी का मूल्यांकन किया जाता है। इसमें ISOFIX चाइल्ड सीट्स, सीट बेल्ट की स्थिति और एयरबैग की परफॉर्मेंस को देखा जाता है।
1. फ्रंट इम्पैक्ट टेस्ट
इस टेस्ट में कार को करीब 64 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से एक ठोस दीवार से टकराया जाता है। कार का 40% हिस्सा दिवार से टकराता है। इससे यह देखा जाता है कि टक्कर की स्थिति में ड्राइवर और आगे बैठे यात्री कितने सुरक्षित रहते हैं।
2. साइड इम्पैक्ट टेस्ट
इसमें एक भारी वस्तु को 50 km/h की स्पीड से कार के साइड में टकराया जाता है। यह टेस्ट इस बात को परखता है कि बगल में बैठे यात्री को साइड टक्कर के दौरान कितनी चोट लग सकती है।
3. पोल टेस्ट
कुछ एजेंसियां जैसे Euro NCAP इस टेस्ट में कार को स्लाइड कर एक खंभे से टकराती हैं। यह स्थिति उन हादसों को दर्शाती है, जब कार किसी पेड़ या खंभे से साइड में जाकर टकरा जाती है।
4. पेडिस्ट्रियन टेस्ट
इसमें जांचा जाता है कि अगर कार किसी पैदल व्यक्ति से टकराए, तो उसे सिर, पैर या शरीर के अन्य हिस्सों में कितनी चोट लग सकती है।
5. चाइल्ड सेफ्टी टेस्ट
इस टेस्ट में चाइल्ड डमी को कार में बैठाया जाता है और उनकी सेफ्टी का मूल्यांकन किया जाता है। इसमें ISOFIX चाइल्ड सीट्स, सीट बेल्ट की स्थिति और एयरबैग की परफॉर्मेंस को देखा जाता है।
मजबूत कारों को मिलती है 5 स्टार रेटिंग
- फोटो : BNCAP
कार में कितने एयरबैग हैं, सीटबेल्ट्स में प्रीटेंशनर है या नहीं, क्या ISOFIX चाइल्ड माउंट्स मौजूद हैं, ये सभी चीजें कार की रेटिंग को प्रभावित करती हैं। कई बार ADAS जैसे एडवांस फीचर्स भी पॉइंट्स बढ़ाने में मदद करते हैं।
कैसे तय होती है 5-Star रेटिंग?
क्रैश टेस्ट्स के बाद कार को चार प्रमुख श्रेणियों में स्कोर दिया जाता है, जिनमें एडल्ट ऑक्यूपेंट प्रोटेक्शन, चाइल्ड ऑक्यूपेंट प्रोटेक्शन, पैदल यात्री सुरक्षा और सेफ्टी असिस्टेंस शामिल होते हैं। इन सभी का कुल स्कोर मिलाकर स्टार रेटिंग दी जाती है। अगर कोई कार हर मोर्चे पर बेहतर प्रदर्शन करती है तो उसे 5-Star रेटिंग मिलती है।
तो अगली बार जब भी आप कोई कार खरीदें, तो माइलेज और लुक्स के साथ यह भी देखिए कि उस कार को कितने स्टार्स की सेफ्टी रेटिंग मिली है।
कैसे तय होती है 5-Star रेटिंग?
क्रैश टेस्ट्स के बाद कार को चार प्रमुख श्रेणियों में स्कोर दिया जाता है, जिनमें एडल्ट ऑक्यूपेंट प्रोटेक्शन, चाइल्ड ऑक्यूपेंट प्रोटेक्शन, पैदल यात्री सुरक्षा और सेफ्टी असिस्टेंस शामिल होते हैं। इन सभी का कुल स्कोर मिलाकर स्टार रेटिंग दी जाती है। अगर कोई कार हर मोर्चे पर बेहतर प्रदर्शन करती है तो उसे 5-Star रेटिंग मिलती है।
तो अगली बार जब भी आप कोई कार खरीदें, तो माइलेज और लुक्स के साथ यह भी देखिए कि उस कार को कितने स्टार्स की सेफ्टी रेटिंग मिली है।