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Car Insurance: क्या कम ड्राइव करने वालों के लिए कार बीमा का 'जितना चलाओ, उतना भरो' पॉलिसी सस्ता पड़ता है?
ऑटो डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: अमर शर्मा
Updated Fri, 24 Oct 2025 07:52 PM IST
सार
अगर आप अपनी कार बहुत कम चलाते हैं, तो "जितना चलाओ, उतना भरो" नीति से बीमा का भुगतान कर सकते हैं। इसमें आपका प्रीमियम आपकी कार के इस्तेमाल पर निर्भर करता है। यानी जितना कम चलाएंगे, उतना कम भुगतान करेंगे।
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Car Insurance
- फोटो : Freepik
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विस्तार
अब तक भारत में कार इंश्योरेंस का सिस्टम लगभग एक जैसा रहा है। हर साल तय रकम भरनी होती है, जो कार के मॉडल, उम्र, इंजन साइज और रजिस्ट्रेशन के शहर पर निर्भर करती है। लेकिन अगर आप अपनी कार बहुत कम चलाते हैं, तो? यही सोच है "Pay-as-you-drive" यानी "जितना चलाओ, उतना भरो" नीति के पीछे। इसमें आपका प्रीमियम आपकी कार के इस्तेमाल पर निर्भर करता है। यानी जितना कम चलाएंगे, उतना कम भुगतान करेंगे। अमेरिका और यूरोप जैसे देशों में यह मॉडल पहले से लोकप्रिय है, और अब भारत में भी कुछ इंश्योरेंस कंपनियां इसे अपनाने लगी हैं।
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कैसे काम करती है Pay-as-you-drive पॉलिसी
भारत में IRDAI (इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया) की मंजूरी के बाद कुछ बीमा कंपनियां ऐसी योजनाएं दे रही हैं, जहां आप किलोमीटर या समय अवधि के हिसाब से कवरेज चुन सकते हैं।
उदाहरण के लिए, आप 3,000 किमी या 5,000 किमी की सालाना पॉलिसी ले सकते हैं, जिसका प्रीमियम सामान्य पॉलिसी से कम होगा। कुछ इंश्योरर्स जीपीएस ट्रैकर, टेलीमैटिक्स डिवाइस या मोबाइल एप के जरिए आपकी ड्राइविंग रिकॉर्ड करते हैं। अगर तय किलोमीटर से ज्यादा ड्राइव करते हैं, तो आपको टॉप-अप लेना पड़ता है या आपकी पॉलिसी स्टैंडर्ड प्रीमियम में बदल जाती है।
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भारत में IRDAI (इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया) की मंजूरी के बाद कुछ बीमा कंपनियां ऐसी योजनाएं दे रही हैं, जहां आप किलोमीटर या समय अवधि के हिसाब से कवरेज चुन सकते हैं।
उदाहरण के लिए, आप 3,000 किमी या 5,000 किमी की सालाना पॉलिसी ले सकते हैं, जिसका प्रीमियम सामान्य पॉलिसी से कम होगा। कुछ इंश्योरर्स जीपीएस ट्रैकर, टेलीमैटिक्स डिवाइस या मोबाइल एप के जरिए आपकी ड्राइविंग रिकॉर्ड करते हैं। अगर तय किलोमीटर से ज्यादा ड्राइव करते हैं, तो आपको टॉप-अप लेना पड़ता है या आपकी पॉलिसी स्टैंडर्ड प्रीमियम में बदल जाती है।
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कब और किनके लिए फायदेमंद है यह पॉलिसी
यह पॉलिसी खासकर उन लोगों के लिए बनाई गई है जो कम ड्राइविंग करते हैं। जैसे रिटायर्ड लोग जो वीकेंड पर ही कार निकालते हैं, या वे लोग जो ज्यादातर पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करते हैं। अगर आप साल में 6,000 से 7,000 किमी से कम ड्राइव करते हैं, तो आपको 10-25 प्रतिशत तक का प्रीमियम बचत मिल सकती है। उदाहरण के लिए, अगर आप सालाना 12,000 रुपये का बीमा भरते हैं, तो ऐसी पॉलिसी से 2,000-3,000 रुपये की बचत हो सकती है।
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यह पॉलिसी खासकर उन लोगों के लिए बनाई गई है जो कम ड्राइविंग करते हैं। जैसे रिटायर्ड लोग जो वीकेंड पर ही कार निकालते हैं, या वे लोग जो ज्यादातर पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करते हैं। अगर आप साल में 6,000 से 7,000 किमी से कम ड्राइव करते हैं, तो आपको 10-25 प्रतिशत तक का प्रीमियम बचत मिल सकती है। उदाहरण के लिए, अगर आप सालाना 12,000 रुपये का बीमा भरते हैं, तो ऐसी पॉलिसी से 2,000-3,000 रुपये की बचत हो सकती है।
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लेकिन कुछ सीमाएं और सावधानियां भी हैं
हालांकि डिस्काउंट सुनने में लुभावना है, पर इसमें कुछ कमियां भी हैं। हर कंपनी Pay-as-you-drive नहीं देती, और कई बार इसमें कुछ एड-ऑन कवर शामिल नहीं होते। अगर आप तय किलोमीटर से ज्यादा ड्राइव करते हैं, तो क्लेम प्रोसेस मुश्किल हो सकता है या अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ सकता है।
साथ ही, जीपीएस या एप से मॉनिटरिंग कुछ लोगों को दखलअंदाजी जैसी लग सकती है। क्योंकि यह आपकी ड्राइविंग आदतों को भी ट्रैक करता है। और अगर आपकी लाइफस्टाइल बदल जाए, जैसे रोज ऑफिस जाना शुरू करें, तो यह पॉलिसी फायदेमंद नहीं रह जाती।
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हालांकि डिस्काउंट सुनने में लुभावना है, पर इसमें कुछ कमियां भी हैं। हर कंपनी Pay-as-you-drive नहीं देती, और कई बार इसमें कुछ एड-ऑन कवर शामिल नहीं होते। अगर आप तय किलोमीटर से ज्यादा ड्राइव करते हैं, तो क्लेम प्रोसेस मुश्किल हो सकता है या अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ सकता है।
साथ ही, जीपीएस या एप से मॉनिटरिंग कुछ लोगों को दखलअंदाजी जैसी लग सकती है। क्योंकि यह आपकी ड्राइविंग आदतों को भी ट्रैक करता है। और अगर आपकी लाइफस्टाइल बदल जाए, जैसे रोज ऑफिस जाना शुरू करें, तो यह पॉलिसी फायदेमंद नहीं रह जाती।
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IRDAI और बीमा कंपनियों की पहल
साल 2022 में IRDAI ने इस तरह की यूसेज-बेस्ड मोटर इंश्योरेंस पॉलिसी को मंजूरी दी थी ताकि बाजार में नए इनोवेशन को बढ़ावा मिले। इसके बाद कई कंपनियों ने अपनी-अपनी योजनाएं लॉन्च कीं। नियामक संस्था का मानना है कि इससे बीमा ज्यादा पर्सनलाइज्ड और फेयर बनेगा, न कि हर किसी पर एक जैसा प्रीमियम। बीमा कंपनियों के लिए भी यह तरीका युवा और टेक-सेवी ग्राहकों को जोड़ने का एक आधुनिक तरीका बन गया है।
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साल 2022 में IRDAI ने इस तरह की यूसेज-बेस्ड मोटर इंश्योरेंस पॉलिसी को मंजूरी दी थी ताकि बाजार में नए इनोवेशन को बढ़ावा मिले। इसके बाद कई कंपनियों ने अपनी-अपनी योजनाएं लॉन्च कीं। नियामक संस्था का मानना है कि इससे बीमा ज्यादा पर्सनलाइज्ड और फेयर बनेगा, न कि हर किसी पर एक जैसा प्रीमियम। बीमा कंपनियों के लिए भी यह तरीका युवा और टेक-सेवी ग्राहकों को जोड़ने का एक आधुनिक तरीका बन गया है।
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क्या आपको यह पॉलिसी लेनी चाहिए
अगर आप वाकई सालभर में बहुत कम कार चलाते हैं, तो Pay-as-you-drive पॉलिसी एक स्मार्ट ऑप्शन है। यह आपकी कम ड्राइविंग का ईनाम देती है और आपको लगता है कि आप जरूरत से ज्यादा पैसे नहीं भर रहे।
लेकिन अगर परिवार के दूसरे सदस्य कार ज्यादा इस्तेमाल करते हैं, या लंबी यात्राएं करनी पड़ती हैं, तो यह फायदा जल्दी खत्म हो सकता है। ऐसे में एक रेगुलर कॉम्प्रिहेंसिव इंश्योरेंस पॉलिसी बेहतर और झंझट-मुक्त विकल्प साबित होती है।
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अगर आप वाकई सालभर में बहुत कम कार चलाते हैं, तो Pay-as-you-drive पॉलिसी एक स्मार्ट ऑप्शन है। यह आपकी कम ड्राइविंग का ईनाम देती है और आपको लगता है कि आप जरूरत से ज्यादा पैसे नहीं भर रहे।
लेकिन अगर परिवार के दूसरे सदस्य कार ज्यादा इस्तेमाल करते हैं, या लंबी यात्राएं करनी पड़ती हैं, तो यह फायदा जल्दी खत्म हो सकता है। ऐसे में एक रेगुलर कॉम्प्रिहेंसिव इंश्योरेंस पॉलिसी बेहतर और झंझट-मुक्त विकल्प साबित होती है।
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कुछ आम सवाल
1. इंश्योरेंस कंपनी मेरी ड्राइविंग कैसे ट्रैक करती है?
कुछ कंपनियां कार के ओडोमीटर रीडिंग लेती हैं, जबकि कुछ डिवाइस या मोबाइल एप से दूरी मापती हैं। ज्यादातर मामलों में यह सिस्टम ऑटोमेटेड होता है, और आप एप में अपनी यूसेज देख सकते हैं।
2. अगर तय किलोमीटर से ज्यादा चल गया तो?
आपको या तो टॉप-अप पैक खरीदना होगा या आपकी पॉलिसी नॉर्मल रेट पर बदल जाएगी। इसलिए इसे खरीदने से पहले शर्तें जरूर पढ़ें।
3. क्या यह पॉलिसी पूरे भारत में उपलब्ध है?
अभी नहीं। यह ज्यादातर मेट्रो शहरों में मिल रही है, जहां बीमा कंपनियाँ वाहनों की मॉनिटरिंग आसानी से कर सकती हैं। और डिजिटल सिस्टम ज्यादा अपनाया जा रहा है।
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2. अगर तय किलोमीटर से ज्यादा चल गया तो?
आपको या तो टॉप-अप पैक खरीदना होगा या आपकी पॉलिसी नॉर्मल रेट पर बदल जाएगी। इसलिए इसे खरीदने से पहले शर्तें जरूर पढ़ें।
3. क्या यह पॉलिसी पूरे भारत में उपलब्ध है?
अभी नहीं। यह ज्यादातर मेट्रो शहरों में मिल रही है, जहां बीमा कंपनियाँ वाहनों की मॉनिटरिंग आसानी से कर सकती हैं। और डिजिटल सिस्टम ज्यादा अपनाया जा रहा है।
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