सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   Automobiles News ›   India’s 2026 Roadways Blueprint: Barrier-Free Tolling, New Expressways and Tough Road Safety Law Ahead

Road Transport: 2026 के लिए सड़क परिवहन मंत्रालय का बड़ा रोडमैप, नए टोल सिस्टम और सड़क सुरक्षा कानून की तैयारी

ऑटो डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: अमर शर्मा Updated Fri, 26 Dec 2025 03:35 PM IST
सार

भारत का रोड ट्रांसपोर्ट मंत्रालय हाईवे बनाने, उनके पेमेंट और रेगुलेट करने के तरीके में एक बड़े बदलाव के लिए माहौल तैयार कर रहा है, और 2026 सुधारों के लिए एक अहम साल के तौर पर उभर रहा है।

विज्ञापन
India’s 2026 Roadways Blueprint: Barrier-Free Tolling, New Expressways and Tough Road Safety Law Ahead
टोल टेक्स - फोटो : अमर उजाला डिजिटल
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

भारत में हाईवे और सड़क परिवहन का चेहरा आने वाले वर्षों में तेजी से बदलने वाला है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने 2026 को सुधारों का अहम पड़ाव बनाने की तैयारी कर ली है। इस एजेंडे के दो बड़े स्तंभ हैं। पहला, देशभर में बिना रुकावट वाला टोल सिस्टम लागू करना। और दूसरा, सड़क दुर्घटनाओं में हो रही मौतों को देखते हुए एक नया रोड सेफ्टी बिल लाना। इसके साथ ही, बड़े पैमाने पर एक्सप्रेसवे और रणनीतिक परियोजनाओं को पूरा करने का लक्ष्य भी तय किया गया है।
Trending Videos


यह भी पढ़ें - High Court: ड्राइविंग लाइसेंस एक्सपायर होने के बाद भी 30 दिन तक वैध, हाईकोर्ट का आदेश- बीमा कंपनी को देना होगा हर्जाना
विज्ञापन
विज्ञापन

नए एक्सप्रेसवे लंबी दूरी की यात्रा को देंगे नई रफ्तार
अगले एक साल में कई बड़े और बहुप्रतीक्षित हाईवे प्रोजेक्ट पूरे होने वाले हैं, जो देश में लंबी दूरी की यात्रा को पूरी तरह बदल सकते हैं। 1,362 किलोमीटर लंबा दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे नवंबर 2026 तक पूरी तरह चालू होने की उम्मीद है, जो देश की सबसे महत्वाकांक्षी सड़क परियोजनाओं में से एक है।

यह भी पढ़ें - Year Ender 2025: साल 2025 में भारत में सबसे ज्यादा बिकने वाली 10 कारें, कार बाजार की बदली तस्वीर, लेकिन ट्रेंड वही रहा

India’s 2026 Roadways Blueprint: Barrier-Free Tolling, New Expressways and Tough Road Safety Law Ahead
Delhi Mumbai Expressway - फोटो : X/@PMOIndia
इसके अलावा अमृतसर-जामनगर हाईवे दिसंबर 2026 तक, बंगलूरू-चेन्नई एक्सप्रेसवे जून 2026 तक, अहमदाबाद-धोलेरा एक्सप्रेसवे मार्च 2026 तक, इंदौर-हैदराबाद हाईवे मई 2026 तक और दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे जनवरी 2026 तक पूरा होने की संभावना है। इन सभी परियोजनाओं से यात्रा समय घटेगा, लॉजिस्टिक्स बेहतर होंगे और मौजूदा सड़कों पर ट्रैफिक का दबाव कम होगा।

इसी कड़ी में अप्रैल 2026 में 13 किलोमीटर लंबी जोजिला टनल के उद्घाटन की योजना है। यह एशिया की सबसे लंबी टनल मानी जा रही है और इसके शुरू होने से श्रीनगर और लेह के बीच सालभर संपर्क बना रहेगा। फिलहाल खराब मौसम में जहां इस रास्ते पर तीन घंटे तक लग जाते हैं, वहीं टनल के बाद यह दूरी करीब 20 मिनट में तय हो सकेगी।

यह भी पढ़ें - Year Ender 2025: इस साल लॉन्च हुईं ये पांच बेहतरीन क्रूजर बाइक्स, आराम, स्टाइल और दमदार परफॉर्मेंस का नया दौर

बिना बैरियर टोल सिस्टम से हजारों करोड़ की बचत की उम्मीद
सड़क निर्माण के साथ-साथ मंत्रालय टोल वसूली व्यवस्था में भी बड़ा बदलाव करने जा रहा है। सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के मुताबिक, देशभर में बिना रुकावट वाला, बैरियर-फ्री टोल सिस्टम लागू करने की तैयारी शुरू हो चुकी है। और इसके पहले चरण के लिए 10 टेंडर जारी किए गए हैं।

गडकरी के अनुसार, मौजूदा व्यवस्था में जहां टोल वसूली की लागत करीब 15 फीसदी तक पहुंच जाती है, वहीं नए सिस्टम में इसे घटाकर लगभग 3 फीसदी किया जा सकेगा। सालाना 50 से 60 हजार करोड़ रुपये के टोल कलेक्शन पर इससे करीब 8,000 करोड़ रुपये तक की बचत संभव है। साथ ही टोल प्लाजा पर लगने वाला समय भी बचेगा और लीकेज पर लगाम लगेगी।

यह भी पढ़ें - Cab Advance Tip: राइड-हेलिंग एप पर सरकार की सख्ती, 'एडवांस टिपिंग' पर लगाई रोक, जानें डिटेल्स

यह भी पढ़ें - Petrol Pump: भारत का पेट्रोल पंप नेटवर्क एक लाख के पार, दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा, जानें कौन हैं टॉप दो देश

India’s 2026 Roadways Blueprint: Barrier-Free Tolling, New Expressways and Tough Road Safety Law Ahead
टोल टैक्स - फोटो : Adobe Stock
यह नया सिस्टम ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन कैमरों, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और FASTag (फास्टैग) तकनीक पर आधारित होगा। वाहन बिना रुके गुजरेंगे और डिजिटल पहचान के आधार पर टोल कटेगा। नियम तोड़ने पर ई-नोटिस भेजे जाएंगे। और लगातार भुगतान न करने पर फास्टैग सस्पेंड करने से लेकर VAHAN रिकॉर्ड से जुड़ी कार्रवाई भी हो सकती है। इससे पहले 2025 में निजी वाहन मालिकों को सालाना फास्टैग पास की सुविधा दी गई थी। जिससे 3,000 रुपये में 200 टोल क्रॉस किए जा सकते हैं।

यह भी पढ़ें - Suzuki Fronx: न्यूजीलैंड में सुजुकी फ्रॉन्क्स की बिक्री पर रोक, ANCAP टेस्ट में मिली सिर्फ 1-स्टार रेटिंग 

यह भी पढ़ें - Pollution Challan: दिल्ली की हवा में सबसे ज्यादा जहर कौन घोल रहा है? इस 'विलेन' के बारे में आपने शायद ही सोचा होगा! 

नया सड़क सुरक्षा बिल लाने की तैयारी
हाईवे नेटवर्क के विस्तार के बावजूद सड़क सुरक्षा एक गंभीर चुनौती बनी हुई है। गडकरी ने माना कि पहले के प्रयास सफल नहीं हो सके, इसलिए अब एक नया रोड सेफ्टी बिल तैयार किया जा रहा है। जिसे संसद के अगले सत्र में पेश करने की कोशिश होगी।

भारत में हर साल करीब 5 लाख सड़क दुर्घटनाएं होती हैं, जिनमें लगभग 1.8 लाख लोगों की जान चली जाती है। इनमें से करीब 66 फीसदी मृतक 18 से 34 साल की उम्र के होते हैं। मंत्री ने इसे बेहद चिंताजनक बताते हुए कहा कि तमाम कोशिशों के बावजूद मौतों का आंकड़ा कम नहीं हो पा रहा है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 2024 में सड़क हादसों में मौतें 2.3 फीसदी बढ़कर 1.77 लाख से ज्यादा हो गईं, यानी रोज औसतन 485 जानें जा रही हैं।

यह भी पढ़ें - Bharat Taxi: एक जनवरी से इस शहर से भारत टैक्सी एप की होगी शुरुआत, जानें हर जरूरी बात 

यह भी पढ़ें - Bharat Taxi: अमित शाह ने कहा- 'भारत टैक्सी' का मुनाफे सीधे ड्राइवरों को मिलेगा, यात्रियों की बढ़ेगी सुविधा 

India’s 2026 Roadways Blueprint: Barrier-Free Tolling, New Expressways and Tough Road Safety Law Ahead
टोल प्लाजा - फोटो : AI
निवेश और प्रोजेक्ट अवॉर्ड पर भी फोकस
आने वाले समय में मंत्रालय सड़क परियोजनाओं के अवॉर्ड की रफ्तार भी बढ़ाने की योजना बना रहा है। 2025-26 में करीब 12,000 किलोमीटर और 2026-27 में 13,000 से 13,500 किलोमीटर सड़क परियोजनाओं के अवॉर्ड का लक्ष्य रखा गया है। इसके साथ ही मार्च 2026 से पहले एक पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट शुरू करने की भी तैयारी है। जिससे राष्ट्रीय राजमार्गों की परिसंपत्तियों से मूल्य निकाला जा सके और निवेशकों को लंबी अवधि का विकल्प मिले।

हालांकि, चुनौतियां भी कम नहीं हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक करीब 4.2 लाख करोड़ रुपये की लागत वाली 649 हाईवे परियोजनाएं अब भी देरी का शिकार हैं। इनमें जमीन अधिग्रहण, ठेकेदारों की दिक्कतें, वन और पर्यावरण मंजूरी तथा यूटिलिटी शिफ्टिंग जैसी समस्याएं प्रमुख कारण बनी हुई हैं। इसके बावजूद मंत्रालय 2026 को सड़क परिवहन सुधारों का निर्णायक साल बनाने की दिशा में आगे बढ़ता दिख रहा है।



यह भी पढ़ें - GRAP: दिल्ली से ग्रैप-4 हटा, जानें बीएस3, बीएस4 पेट्रोल और बीएस4 डीजल वाहन में क्या चल सकता है और क्या नहींं
विज्ञापन
विज्ञापन
सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट अमर उजाला पर पढ़ें ऑटोमोबाइल समाचार से जुड़ी ब्रेकिंग अपडेट। ऑटोमोबाइल जगत की अन्य खबरें जैसे लेटेस्ट कार न्यूज़, लेटेस्ट बाइक न्यूज़, सभी कार रिव्यू और बाइक रिव्यू आदि से संबंधित ब्रेकिंग न्यूज़
 
रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें अमर उजाला हिंदी न्यूज़ APP अपने मोबाइल पर।
Amar Ujala Android Hindi News APP Amar Ujala iOS Hindi News APP
विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed