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JLR Cyber Attack: साइबर अटैक से ठप हुई Jaguar Land Rover की प्रोडक्शन लाइन, हर हफ्ते हो रहा 500 करोड़ का घाटा
ऑटो डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: नीतीश कुमार
Updated Fri, 26 Sep 2025 01:02 PM IST
सार
Jaguar Land Rover Cyber Attack: जगुआर लैंड रोवर (JLR) पर साइबर अटैक के बाद कंपनी की वैश्विक प्रोडक्शन लाइन्स हफ्तों से ठप पड़ी हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक इस घटना से कंपनी को हफ्तेभर में 50 मिलियन पाउंड तक का नुकसान हो रहा है। शक है कि इसके पीछे टीन हैकर्स का हाथ है।
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महीनेभर से प्रभावित है प्रोडक्शन
- फोटो : JLR
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विस्तार
जगुआर लैंड रोवर (JLR) साइबर अटैक की चपेट में आने के बाद अब बड़ी मुश्किलों का सामना कर रही है। इस हमले की वजह से कंपनी की वैश्विक प्रोडक्शन लाइन्स पूरी तरह ठप हो गईं और इसका सीधा असर उसकी पैरेंट कंपनी टाटा मोटर्स पर भी पड़ रहा है। अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट्स के मुताबिक, जेएलआर का उत्पादन लगभग एक महीने से प्रभावित है।
कितना बड़ा है नुकसान?
हालांकि कंपनी ने आधिकारिक तौर पर नुकसान का आंकड़ा साझा नहीं किया है, लेकिन फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार नुकसान करीब 2 बिलियन पाउंड (लगभग 20,000 करोड़ रुपये) तक पहुंच सकता है। वहीं, बीबीसी का दावा है कि JLR को हर हफ्ते लगभग 50 मिलियन पाउंड (लगभग 500 करोड़ रुपये) का घाटा हो रहा है। इस बीच कंपनी के 33,000 कर्मचारियों में से कई को घर पर ही रहने को कहा गया है।
हैकर्स ने खुद ली जिम्मेदारी
बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक "स्कैटर्ड लैप्सस हंटर्स" नाम के हैकर्स ने इस अटैक की जिम्मेदारी ली है। "स्कैटर्ड लैप्सस हंटर्स" नाम से एक टेलीग्राम ग्रुप ने एक मैसेज में अटैक की जिम्मेदारी ली और बाद में उसे डिलीट कर दिया। ये ग्रुप टेलीग्राम पर JLR की इंटरनल नेटवर्क के स्क्रीनशॉट शेयर कर अपनी सफलता का दावा कर रहे थे। इनमें से एक पोस्ट में लिखा था, "मेरी नई कार कहां है, लैंड रोवर?"
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कितना बड़ा है नुकसान?
हालांकि कंपनी ने आधिकारिक तौर पर नुकसान का आंकड़ा साझा नहीं किया है, लेकिन फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार नुकसान करीब 2 बिलियन पाउंड (लगभग 20,000 करोड़ रुपये) तक पहुंच सकता है। वहीं, बीबीसी का दावा है कि JLR को हर हफ्ते लगभग 50 मिलियन पाउंड (लगभग 500 करोड़ रुपये) का घाटा हो रहा है। इस बीच कंपनी के 33,000 कर्मचारियों में से कई को घर पर ही रहने को कहा गया है।
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हैकर्स ने खुद ली जिम्मेदारी
बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक "स्कैटर्ड लैप्सस हंटर्स" नाम के हैकर्स ने इस अटैक की जिम्मेदारी ली है। "स्कैटर्ड लैप्सस हंटर्स" नाम से एक टेलीग्राम ग्रुप ने एक मैसेज में अटैक की जिम्मेदारी ली और बाद में उसे डिलीट कर दिया। ये ग्रुप टेलीग्राम पर JLR की इंटरनल नेटवर्क के स्क्रीनशॉट शेयर कर अपनी सफलता का दावा कर रहे थे। इनमें से एक पोस्ट में लिखा था, "मेरी नई कार कहां है, लैंड रोवर?"
टीन हैकर ग्रुप का सामने आया नाम
- फोटो : Jaguar
कौन हैं ये हैकर्स?
माना जा रहा है कि ये हैकर्स ज्यादातर टीनएजर्स हैं, जो पहले मार्क्स एंड स्पेंसर, हार्रोड और को-ऑप जैसे यूके रिटेलर्स को निशाना बना चुके हैं। ये "द कॉम" नाम की अंडरग्राउंड साइबर कम्युनिटी से जुड़े हुए बताए जाते हैं।
स्कैटर्ड लैप्सस हंटर्स दरअसल कई कुख्यात हैकिंग ग्रुप्स जैसे साइनी हंटर्स, लैप्सस और स्कैटर्ड स्पाइडर्स का मेल है, जो हाल के वर्षों में हाई-प्रोफाइल साइबर हमलों के लिए सुर्खियों में रहे हैं। अब ये गिरोह जेएलआर से फिरौती मांगने की कोशिश कर रहा है, हालांकि अभी तक कस्टमर डेटा चोरी या मैलवेयर इंस्टॉल होने की पुष्टि नहीं हुई है।
डेटा चोरी के ठोस सबूत नहीं
साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स का कहना है कि कई बार हैकर्स अपने कारनामों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करते हैं। अब तक इन्होंने सिर्फ दो तस्वीरें साझा की हैं, जिनमें एक कार चार्जिंग समस्या की इंटरनल गाइडलाइन और दूसरी कंप्यूटर लॉग्स से संबंधित हैं। हालांकि, ये इंटरनल एक्सेस दिखाते हैं, लेकिन डेटा चोरी का ठोस सबूत अभी नहीं है।
कंपनी ने कहा कि वह साइबर सिक्योरिटी विशेषज्ञों, NCSC और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ मिलकर 24 घंटे काम कर रही है ताकि ऑपरेशन्स को सुरक्षित तरीके से दोबारा शुरू किया जा सके।
टाइमलाइन से समझें कैसे बढ़ता गया संकट
31 अगस्त: JLR साइबर हमले की चपेट में आया।
2 सितंबर: JLR ने इस घटना का खुलासा किया और सिस्टम को बंद करने की घोषणा की।
10 सितंबर: JLR ने एक और बयान जारी किया, जिसमें कहा गया कि वे वैश्विक एप्लिकेशन को फिर से शुरू करने के लिए विशेषज्ञों के साथ काम कर रहे हैं। उन्होंने यह भी जोड़ा कि कुछ डेटा प्रभावित हुआ है।
16 सितंबर: JLR ने घोषणा की कि साइबर घटना की फोरेंसिक जांच जारी रहने के कारण उत्पादन विराम को 24 सितंबर तक बढ़ाया जा रहा है।
23 सितंबर: JLR ने कहा कि परिचालन को चरणबद्ध तरीके से फिर से शुरू करने के लिए समयरेखा तय करने के उद्देश्य से उत्पादन अब 1 अक्टूबर तक रोक दिया गया है।
माना जा रहा है कि ये हैकर्स ज्यादातर टीनएजर्स हैं, जो पहले मार्क्स एंड स्पेंसर, हार्रोड और को-ऑप जैसे यूके रिटेलर्स को निशाना बना चुके हैं। ये "द कॉम" नाम की अंडरग्राउंड साइबर कम्युनिटी से जुड़े हुए बताए जाते हैं।
स्कैटर्ड लैप्सस हंटर्स दरअसल कई कुख्यात हैकिंग ग्रुप्स जैसे साइनी हंटर्स, लैप्सस और स्कैटर्ड स्पाइडर्स का मेल है, जो हाल के वर्षों में हाई-प्रोफाइल साइबर हमलों के लिए सुर्खियों में रहे हैं। अब ये गिरोह जेएलआर से फिरौती मांगने की कोशिश कर रहा है, हालांकि अभी तक कस्टमर डेटा चोरी या मैलवेयर इंस्टॉल होने की पुष्टि नहीं हुई है।
डेटा चोरी के ठोस सबूत नहीं
साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स का कहना है कि कई बार हैकर्स अपने कारनामों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करते हैं। अब तक इन्होंने सिर्फ दो तस्वीरें साझा की हैं, जिनमें एक कार चार्जिंग समस्या की इंटरनल गाइडलाइन और दूसरी कंप्यूटर लॉग्स से संबंधित हैं। हालांकि, ये इंटरनल एक्सेस दिखाते हैं, लेकिन डेटा चोरी का ठोस सबूत अभी नहीं है।
कंपनी ने कहा कि वह साइबर सिक्योरिटी विशेषज्ञों, NCSC और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ मिलकर 24 घंटे काम कर रही है ताकि ऑपरेशन्स को सुरक्षित तरीके से दोबारा शुरू किया जा सके।
टाइमलाइन से समझें कैसे बढ़ता गया संकट
31 अगस्त: JLR साइबर हमले की चपेट में आया।
2 सितंबर: JLR ने इस घटना का खुलासा किया और सिस्टम को बंद करने की घोषणा की।
10 सितंबर: JLR ने एक और बयान जारी किया, जिसमें कहा गया कि वे वैश्विक एप्लिकेशन को फिर से शुरू करने के लिए विशेषज्ञों के साथ काम कर रहे हैं। उन्होंने यह भी जोड़ा कि कुछ डेटा प्रभावित हुआ है।
16 सितंबर: JLR ने घोषणा की कि साइबर घटना की फोरेंसिक जांच जारी रहने के कारण उत्पादन विराम को 24 सितंबर तक बढ़ाया जा रहा है।
23 सितंबर: JLR ने कहा कि परिचालन को चरणबद्ध तरीके से फिर से शुरू करने के लिए समयरेखा तय करने के उद्देश्य से उत्पादन अब 1 अक्टूबर तक रोक दिया गया है।