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Motor Vehicle Aggregator Scheme 2023: जल्द आएगी नई कैब और बाइक एग्रीगेटर नीति, ईवी वाहनों को ऐसे मिलेगा फायदा

ऑटो डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: अमर शर्मा Updated Sat, 23 Sep 2023 07:31 PM IST
सार

इलेक्ट्रिक वाहनों को काफी जोरशोर से बढ़ावा दिया जा रहा है क्योंकि दिल्ली सरकार अपनी कैब-एंड-बाइक एग्रीगेटर नीति तैयार कर रही है, जो सीएनजी वाहनों के बजाए ईवी को शामिल करने के लिए पुरस्कृत करने के लिए तैयार है।

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Motor Vehicle Aggregator Scheme 2023 Delhi cab and bike aggregator policy
For Reference Only - फोटो : Uber
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विस्तार
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इलेक्ट्रिक वाहनों को काफी जोरशोर से बढ़ावा दिया जा रहा है क्योंकि दिल्ली सरकार अपनी कैब-एंड-बाइक एग्रीगेटर नीति तैयार कर रही है, जो सीएनजी वाहनों के बजाए ईवी को शामिल करने के लिए पुरस्कृत करने के लिए तैयार है।
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खबरों की मानें तो सरकार ने विभिन्न हितधारकों के सुझावों पर विचार करने के बाद नीति को अंतिम रूप दिया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, एक परिवहन अधिकारी ने कहा कि यह योजना "प्रदूषक भुगतान" सिद्धांत का पालन करती है। अधिकारी ने कहा, "उदाहरण के लिए, इलेक्ट्रिक टैक्सी के लिए लाइसेंस फीस शून्य हो सकता है लेकिन सीएनजी टैक्सी के लिए लाइसेंस फीस 650 रुपये हो सकता है।"
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इलेक्ट्रिक बाइक टैक्सियों के संचालन को हरी झंडी मिलने की उम्मीद है और कैब सर्विस के लिए सुरक्षा मानदंड सख्त हो सकते हैं। परिवहन विभाग के सूत्रों ने कहा कि ई-वाहन बेड़े के विस्तार के लिए समयबद्ध लक्ष्य निर्धारित किए जाएंगे।

परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि विभाग एक हफ्ते में नीति को अंतिम रूप देगा और इसे मुख्यमंत्री को भेजेगा। इसके बाद इसे अधिसूचित किया जाएगा।

परिवहन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि शहर में सभी बाइक टैक्सी और दोपहिया किराये की सेवाओं को इलेक्ट्रिक वाहनों का इस्तेमाल करना होगा। उन्होंने कहा, "विभाग ने जनता की प्रतिक्रिया देखी है जिसके बाद नीति को अंतिम रूप दिया गया।"

Motor Vehicle Aggregator Scheme 2023, मोटर वाहन एग्रीगेटर योजना 2023, किसी भी व्यक्ति या इकाई पर लागू होगी जो डिजिटल या इलेक्ट्रॉनिक माध्यम या किसी अन्य माध्यम से वाहनों के बेड़े का संचालन, ऑनबोर्ड या प्रबंधन करता है।

अधिकारी ने कहा कि इस नीति के तरह एग्रीगेटर्स के लिए पैनिक बटन लगाना अनिवार्य हो जाएगा और इन्हें आपात स्थिति के लिए दिल्ली पुलिस के हेल्पलाइन नंबर 112 के साथ इंटीग्रेट कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह योजना सेवा प्रदाताओं द्वारा समय पर उपभोक्ता शिकायत निवारण, वाहन फिटनेस लागू करने, प्रदूषण नियंत्रण और परमिट की वैधता सुनिश्चित करेगी।

अधिकारी ने कहा कि यदि ड्राइवर का प्रदर्शन खराब है तो उसे उपचारात्मक प्रशिक्षण दिया जाएगा।

यह योजना चरणबद्ध तरीके से इलेक्ट्रिक में परिवर्तन की अनुमति देती है। योजना के लागू होने के पहले 6 महीनों में पांच प्रतिशत नई कारों का इलेक्ट्रिक होना जरूरी है। योजना की अधिसूचना के चार साल बाद, सभी नए वाणिज्यिक दोपहिया और तिपहिया वाहनों को ईवी होना होगा। अधिसूचना के 5 साल बाद, सभी नए वाणिज्यिक चार पहिया वाहनों को ईवी होना होगा। अधिकारियों ने कहा कि एग्रीगेटर या सेवा प्रदाता को 1 अप्रैल, 2030 तक पूरी तरह से इलेक्ट्रिक बेड़े में स्विच करना होगा।
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