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E20: रेनो ट्राइबर 2022 ई20-ईंधन के अनुकूल है या नहीं? वाहन मालिक की दुविधा पर कंपनी ने दिया आधिकारिक बयान
ऑटो डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: अमर शर्मा
Updated Wed, 27 Aug 2025 09:08 PM IST
सार
Renault Triber 2022 कार E20 ईंधन के लिए अनुकूल नहीं है, जिससे कार मालिकों को दुविधा का सामना करना पड़ रहा है। जानें क्यों ब्रांड और सरकार के रुख के बीच उपभोक्ताओं के लिए यह समस्या खड़ी हुई।
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Renault Triber
- फोटो : Renault
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विस्तार
भारत सरकार ने 2023 में देश में E20 ईंधन की डिलीवरी का शुभारंभ किया। इसके साथ ही सरकार ने दावा किया कि इथेनॉल-मिश्रित पेट्रोल (E20) कई तरह से देश और वाहन मालिकों के लिए फायदेमंद होगा। लेकिन हाल ही में सोशल मीडिया पर चर्चा तेज हो गई, जिसमें कई कार मालिकों ने दावा किया कि ई20 ईंधन इस्तेमाल करने के बाद उनकी कारों की माइलेज घट गई।
भारत ने E20 (ई20) ईंधन का लक्ष्य तय समय से लगभग पांच साल पहले ही पूरा कर लिया है। लेकिन कुछ चिंताएं अभी भी बनी हुई हैं।
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सरकार का रुख और आधिकारिक बयान
ई20 ईंधन को लेकर बढ़ती चर्चाओं के बीच, सरकार इसके फायदे लोगों तक पहुंचाने की कोशिश कर रही है। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने सोशल मीडिया एक्स पर एक आधिकारिक बयान जारी किया। जिसमें कहा गया, "इथेनॉल की ऊर्जा घनता पेट्रोल की तुलना में कम होने के कारण माइलेज में मामूली गिरावट हो सकती है। चार-पहिया वाहनों के लिए, जो E10 डिजाइन और E20 के लिए कैलिब्रेटेड हैं, माइलेज में लगभग 1-2 प्रतिशत गिरावट हो सकती है, और अन्य वाहनों में यह 3-6 प्रतिशत तक हो सकती है। यह मामूली गिरावट इंजन ट्यूनिंग और E20-फ्रेंडली मटेरियल के इस्तेमाल से कम की जा सकती है, जिसे प्रमुख वाहन निर्माता पहले ही अपना चुके हैं।
E20 की सुरक्षा मानक, जैसे कि जंग रोकने वाले पदार्थ और ईंधन सिस्टम के अनुकूल मटेरियल, BIS और ऑटोमोटिव इंडस्ट्री स्टैंडर्ड्स के अनुसार निर्धारित हैं। कुछ पुराने वाहनों में 20,000- 30,000 किलोमीटर के लंबे इस्तेमाल के बाद रबर पार्ट्स या गैसकेट बदलने की सलाह दी जा सकती है। यह बदलाव सस्ता है और नियमित सर्विसिंग के दौरान आसानी से किया जा सकता है।"
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ई20 ईंधन को लेकर बढ़ती चर्चाओं के बीच, सरकार इसके फायदे लोगों तक पहुंचाने की कोशिश कर रही है। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने सोशल मीडिया एक्स पर एक आधिकारिक बयान जारी किया। जिसमें कहा गया, "इथेनॉल की ऊर्जा घनता पेट्रोल की तुलना में कम होने के कारण माइलेज में मामूली गिरावट हो सकती है। चार-पहिया वाहनों के लिए, जो E10 डिजाइन और E20 के लिए कैलिब्रेटेड हैं, माइलेज में लगभग 1-2 प्रतिशत गिरावट हो सकती है, और अन्य वाहनों में यह 3-6 प्रतिशत तक हो सकती है। यह मामूली गिरावट इंजन ट्यूनिंग और E20-फ्रेंडली मटेरियल के इस्तेमाल से कम की जा सकती है, जिसे प्रमुख वाहन निर्माता पहले ही अपना चुके हैं।
E20 की सुरक्षा मानक, जैसे कि जंग रोकने वाले पदार्थ और ईंधन सिस्टम के अनुकूल मटेरियल, BIS और ऑटोमोटिव इंडस्ट्री स्टैंडर्ड्स के अनुसार निर्धारित हैं। कुछ पुराने वाहनों में 20,000- 30,000 किलोमीटर के लंबे इस्तेमाल के बाद रबर पार्ट्स या गैसकेट बदलने की सलाह दी जा सकती है। यह बदलाव सस्ता है और नियमित सर्विसिंग के दौरान आसानी से किया जा सकता है।"
📑Some articles/ reports in the media have raised concerns about the potential negative impact of 20% ethanol blending (E20) in petrol, particularly with regard to older vehicles and customer experience. These concerns, however, are largely unfounded and not supported by…
— Ministry of Petroleum and Natural Gas #MoPNG (@PetroleumMin) August 4, 2025
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Renault का उपभोक्ता को संदेश
हाल ही में हमें सोशल मीडिया एक्स पर एक यूजर (iAnkurThakur) द्वारा साझा किया गया एक पोस्ट काफी सुर्खियां बटोर रहा है। यह पोस्ट वाहन निर्माता Renault (रेनो) के कस्टमर केयर का आधिकारिक ईमेल का स्क्रीनशॉट है। ईमेल में ब्रांड ने स्पष्ट किया कि Renault Triber 2022 ई20 ईंधन के लिए अनुकूल नहीं है। और उपभोक्ता को सलाह दी गई है कि वे इस कार में ई20 ईंधन का इस्तेमाल न करें।
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हाल ही में हमें सोशल मीडिया एक्स पर एक यूजर (iAnkurThakur) द्वारा साझा किया गया एक पोस्ट काफी सुर्खियां बटोर रहा है। यह पोस्ट वाहन निर्माता Renault (रेनो) के कस्टमर केयर का आधिकारिक ईमेल का स्क्रीनशॉट है। ईमेल में ब्रांड ने स्पष्ट किया कि Renault Triber 2022 ई20 ईंधन के लिए अनुकूल नहीं है। और उपभोक्ता को सलाह दी गई है कि वे इस कार में ई20 ईंधन का इस्तेमाल न करें।
Renault advises against using E20 petrol in my 2022 car. What should I do now? This is a new car and we’ve done just 13000 kilometers in 3 years.@nitin_gadkari @PetroleumMin @HPCL @BPCLimited @ChairmanIOCL @IndianOilcl @volklub @kapsology pic.twitter.com/LJwcaa3oWW
— Ankur (@iAnkurThakur) August 25, 2025
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पुरानी बनाम नई कारें और समस्या
जबकि ज्यादातर ब्रांडों ने दावा किया है कि अप्रैल 2023 के बाद निर्मित वाहन ई20 अनुकूल हैं, उससे पहले निर्मित वाहनों में घटकों को नुकसान पहुंच सकता है। बावजूद इसके, सरकार उपभोक्ताओं को ई20 ईंधन इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित कर रही है।
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जबकि ज्यादातर ब्रांडों ने दावा किया है कि अप्रैल 2023 के बाद निर्मित वाहन ई20 अनुकूल हैं, उससे पहले निर्मित वाहनों में घटकों को नुकसान पहुंच सकता है। बावजूद इसके, सरकार उपभोक्ताओं को ई20 ईंधन इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित कर रही है।
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उपभोक्ता की दुविधा
इस स्थिति ने कार मालिकों को एक बड़ी दुविधा में डाल दिया है। अब सवाल उठता है कि कौन जिम्मेदार है - ब्रांड, जो वाहन ई20 के लिए तैयार नहीं था, या सरकार, जो उपभोक्ताओं को इसे इस्तेमाल करने के लिए कह रही है।
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इस स्थिति ने कार मालिकों को एक बड़ी दुविधा में डाल दिया है। अब सवाल उठता है कि कौन जिम्मेदार है - ब्रांड, जो वाहन ई20 के लिए तैयार नहीं था, या सरकार, जो उपभोक्ताओं को इसे इस्तेमाल करने के लिए कह रही है।
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रेनो इंडिया का बयान
इस पूरे मसले पर वाहन निर्माता ने अपना पक्ष रखते हुए मीडिया को बयान जारी किया है।
बयान में कहा गया है, "हाल ही में कई ग्राहकों ने यह सवाल उठाया कि जो गाड़ियां E10 फ्यूल (10% एथनॉल वाला पेट्रोल) के लिए टेस्ट और सर्टिफाई की गई हैं, क्या वे E20 फ्यूल (20% एथनॉल वाला पेट्रोल) पर चल सकती हैं या नहीं।
जब 2022 मॉडल की रेनो ट्राइबर का टाइप अप्रूवल और प्रोडक्शन टेस्ट किया गया था, उस समय सरकार के नियमों के अनुसार E10 फ्यूल को ही मानक ईंधन माना गया था।
इस पर स्पष्ट जवाब देने के लिए इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOC) और ARAI ने मिलकर एक ड्यूरबिलिटी टेस्ट किया। इसमें अलग-अलग फ्यूल कॉम्बिनेशन के साथ गाड़ियों की जांच हुई। खासतौर पर यह देखा गया कि E10 सर्टिफाइड गाड़ियों में E20 फ्यूल डालने से कोई दिक्कत होती है या नहीं।
इस स्टडी की ड्राफ्ट रिपोर्ट (MoPNG के लेटर No. P-13045(18)/19/2017-CC(E-13946) के आधार पर सभी ऑटो कंपनियों के साथ साझा की गई। इसमें यह साफ कहा गया कि वर्तमान में चल रही गाड़ियां E20 फ्यूल के लिए कम्पैटिबल हैं और E10-कॉम्प्लायंट गाड़ियों में E20 डालने से कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ता।
इस रिपोर्ट के आधार पर रेनो का कहना है कि कंपनी की गाड़ियां E10 सर्टिफाइड होने के बावजूद E20 फ्यूल पर बिना किसी बड़ी समस्या के चल सकती हैं। यानी ग्राहकों को इस बारे में चिंतित होने की जरूरत नहीं है।"
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इस पूरे मसले पर वाहन निर्माता ने अपना पक्ष रखते हुए मीडिया को बयान जारी किया है।
बयान में कहा गया है, "हाल ही में कई ग्राहकों ने यह सवाल उठाया कि जो गाड़ियां E10 फ्यूल (10% एथनॉल वाला पेट्रोल) के लिए टेस्ट और सर्टिफाई की गई हैं, क्या वे E20 फ्यूल (20% एथनॉल वाला पेट्रोल) पर चल सकती हैं या नहीं।
जब 2022 मॉडल की रेनो ट्राइबर का टाइप अप्रूवल और प्रोडक्शन टेस्ट किया गया था, उस समय सरकार के नियमों के अनुसार E10 फ्यूल को ही मानक ईंधन माना गया था।
इस पर स्पष्ट जवाब देने के लिए इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOC) और ARAI ने मिलकर एक ड्यूरबिलिटी टेस्ट किया। इसमें अलग-अलग फ्यूल कॉम्बिनेशन के साथ गाड़ियों की जांच हुई। खासतौर पर यह देखा गया कि E10 सर्टिफाइड गाड़ियों में E20 फ्यूल डालने से कोई दिक्कत होती है या नहीं।
इस स्टडी की ड्राफ्ट रिपोर्ट (MoPNG के लेटर No. P-13045(18)/19/2017-CC(E-13946) के आधार पर सभी ऑटो कंपनियों के साथ साझा की गई। इसमें यह साफ कहा गया कि वर्तमान में चल रही गाड़ियां E20 फ्यूल के लिए कम्पैटिबल हैं और E10-कॉम्प्लायंट गाड़ियों में E20 डालने से कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ता।
इस रिपोर्ट के आधार पर रेनो का कहना है कि कंपनी की गाड़ियां E10 सर्टिफाइड होने के बावजूद E20 फ्यूल पर बिना किसी बड़ी समस्या के चल सकती हैं। यानी ग्राहकों को इस बारे में चिंतित होने की जरूरत नहीं है।"
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