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ऑटो सेक्टर के लिए खुशखबरी: दूर होगा सेमीकंडक्टर संकट, भारत सरकार ने चिप बनाने के लिए 76 हजार करोड़ रुपये की योजना को दी मंजूरी
ऑटो डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: अमर शर्मा
Updated Wed, 15 Dec 2021 09:55 PM IST
सार
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को देश में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले बोर्ड उत्पादन के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) योजना को मंजूरी दे दी है। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने यह जानकारी दी।
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Semiconductor Chip
- फोटो : Pixabay
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विस्तार
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को देश में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले बोर्ड उत्पादन के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) योजना को मंजूरी दे दी है। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने यह जानकारी दी। पीएलआई योजना में अगले 5 से 6 वर्षों में देश में सेमीकंडक्टर निर्माण में 76,000 करोड़ रुपये के निवेश का खाका तैयार किया गया है।
यह भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण को लुभाने के लिए नवंबर 2020 में घोषित 50,000 करोड़ रुपये की पीएलआई योजना में जोड़ा गया है। पीएलआई योजना में बड़े पैमाने पर ऑटोमोबाइल विनिर्माण, ऑटो घटक निर्माण और इलेक्ट्रिक वाहन इकोसिस्टम डेवलपर्स भी शामिल हैं।
निर्णय के बारे में बोलते हुए, दूरसंचार और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इससे माइक्रोचिप्स के डिजाइन, निर्माण, पैकिंग और टेस्टिंग में मदद मिलेगी और एक कंप्लीट इकोसिस्टम विकसित होगा।
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यह भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण को लुभाने के लिए नवंबर 2020 में घोषित 50,000 करोड़ रुपये की पीएलआई योजना में जोड़ा गया है। पीएलआई योजना में बड़े पैमाने पर ऑटोमोबाइल विनिर्माण, ऑटो घटक निर्माण और इलेक्ट्रिक वाहन इकोसिस्टम डेवलपर्स भी शामिल हैं।
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निर्णय के बारे में बोलते हुए, दूरसंचार और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इससे माइक्रोचिप्स के डिजाइन, निर्माण, पैकिंग और टेस्टिंग में मदद मिलेगी और एक कंप्लीट इकोसिस्टम विकसित होगा।
सेमीकंडक्टर चिप
- फोटो : pixabay
भारत में चिप निर्माण के लिए इस पीएलआई योजना से देश के ऑटो सेक्टर को काफी मदद मिलने की उम्मीद है। बाकी वैश्विक ऑटो उद्योग की तरह, भारतीय ऑटो क्षेत्र को भी चिप की कमी के कारण बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ा, जो कि कोविड -19 महामारी के कारण उभरा।
प्रतीकात्मक तस्वीर
- फोटो : iStock
पिछले साल लॉकडाउन के तहत लगे प्रतिबंधों से आवाजाही लगभग बंद हो गई थी। जिससे दुनिया के ज्यादातर हिस्सों में कंज्यूमर टेक उत्पादों की खपत बढ़ गई और निर्माताओं से चिप्स की मांग में काफी बढ़ोतरी हुई है। चिप निर्माताओं ने भी अपनी उत्पादन क्षमता को उसी के मुताबिक स्थानांतरित कर दिया। बाद में जब ऑटो उद्योग ने फिर से कामकाज शुरू किया और माइक्रोचिप्स की मांग में काफी इजाफा हुआ, तो एक बड़ा संकट पैदा हुआ क्योंकि चिप निर्माता मांग को पूरा करने में नाकाम थे।
Microchip
- फोटो : For Reference Only
तब से स्थानीय चिप निर्माण इकोसिस्टम के निर्माण के बारे में चर्चा हुई जो ऑटो उद्योग और अन्य प्रासंगिक क्षेत्रों का भी समर्थन कर सके। माइक्रोचिप निर्माण क्षेत्र के लिए नई मंजूर की गई पीएलआई योजना के साथ, चिंता का समाधान होने की उम्मीद है।
सेमीकंडक्टर पीएलआई योजना का समय बहुत महत्वपूर्ण है। यह ऐसे समय में आया है जब दुनिया भर की कंपनियां सेमीकंडक्टर की कमी से जूझ रही हैं जो कई महीनों से चल रही है।
सेमीकंडक्टर पीएलआई योजना का समय बहुत महत्वपूर्ण है। यह ऐसे समय में आया है जब दुनिया भर की कंपनियां सेमीकंडक्टर की कमी से जूझ रही हैं जो कई महीनों से चल रही है।