बांका में दिखी आस्था की मिसाल: मामा की नौकरी लगी, तो पूरा परिवार निकला सुल्तानगंज से देवघर तक दंडवत यात्रा पर
Bihar: मंगल सिंह ने बताया कि वह पिछले 12 वर्षों से बाबा धाम की यात्रा करते आ रहे हैं, लेकिन इस बार की यात्रा खास है क्योंकि इसमें पूरे परिवार की आस्था और संकल्प शामिल है। दंडवत यात्रा के दौरान लोग रास्ते में रुक-रुक कर इस परिवार को देख रहे हैं।

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कांवड़ यात्रा में इस बार आस्था और रिश्तों की अनोखी मिसाल देखने को मिल रही है। लखीसराय जिले के सूर्यगढ़ा निवासी मंगल सिंह अपने बेटे और बेटी के साथ 105 किलोमीटर लंबी दंडवत यात्रा पर निकले हैं। सुल्तानगंज से गंगाजल लेकर तीनों तपती धूप में दंडवत करते हुए देवघर स्थित बाबा धाम की ओर बढ़ रहे हैं।

परिवार की यह विशेष यात्रा एक मन्नत के पूरा होने पर की जा रही है। दरअसल, मंगल सिंह के भांजे रोहित कुमार का हाल ही में सीमा सुरक्षा बल में चयन हुआ है। परिवार ने मन्नत मांगी थी कि चयन होने पर वे दंडवत यात्रा करेंगे। अब जब मन्नत पूरी हो गई है, तो मंगल सिंह, उनके बेटे राज कुमार और बेटी आरती कुमारी आस्था का यह कठिन सफर तय कर रहे हैं।
मंगल सिंह ने बताया कि वह पिछले 12 वर्षों से बाबा धाम की यात्रा करते आ रहे हैं, लेकिन इस बार की यात्रा खास है क्योंकि इसमें पूरे परिवार की आस्था और संकल्प शामिल है। दंडवत यात्रा के दौरान लोग रास्ते में रुक-रुक कर इस परिवार को देख रहे हैं। कोई पानी पिला रहा है, तो कोई छांव में कुछ देर बैठने का आग्रह कर रहा है। श्रद्धालुओं का कहना है कि यह दृश्य भावुक कर देने वाला है।
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बच्चों के चेहरे पर थकावट साफ झलक रही है, लेकिन आस्था की चमक थकान पर भारी दिख रही है। श्रद्धालुओं के बीच यह परिवार इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है। गौरतलब है कि सावन के महीने में लाखों श्रद्धालु सुल्तानगंज से जल लेकर बाबा बैद्यनाथ धाम पहुंचते हैं। इनमें से कुछ लोग पैदल यात्रा करते हैं, तो कुछ कांवड़ लेकर। मगर दंडवत यात्रा करने वालों की संख्या बेहद कम होती है और यह यात्रा कठिनतम मानी जाती है।