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Bihar Journalist Murder Case: अदालत के सामने पेश हुई 'मृत' गवाह, सीबीआई को कारण बताओ नोटिस जारी

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मुजफ्फरपुर Published by: गौरव पाण्डेय Updated Fri, 03 Jun 2022 10:54 PM IST
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सार

24 मई को सीबीआई ने बादामी देवी को मृत घोषित कर दिया था और उनकी इसकी रिपोर्ट भी जमा की थी। पर आज वह अपने दस्तावेजों और हलफनामे के साथ पुलिस के सामने पेश हुईं।

Bihar Journalist Murder Case witness appeared before court who was declared dead by CBI
सांकेतिक तस्वीर - फोटो : सोशल मीडिया
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पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या के मामले में एक गवाह बादामी देवी को सीबीआई ने मृत घोषित कर दिया था। शुक्रवार को वह गवाह मुजफ्फरपुर अदालत के सामने पेश हुई। इसके बाद अदालत ने जांच कर रही सीबीआई को फर्जी मृत्यु रिपोर्ट जमा करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया है। 

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अतिरिक्त सत्र न्ययाधीश सह विशेष न्यायाधीश पुनीत कुमार गर्ग ने सीबीआई को नोटिस जारी किया और 20 जून से पहले जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। मामले की सुनवाई भी अब 20 जून को की जाएगी। राजीव रंजन की साल 2016 में पांच हमलावरों ने सिवान में गोली मार कर हत्या कर दी थी।
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24 मई को सीबीआई ने गवाह को मृत घोषित किया था
इससे पहले सीबीआई ने बादामी देवी से पूछताछ के लिए समन मांगा था, जिसे अदालत ने जारी किया था। हालांकि, 24 मई को सीबीआई ने बादामी देवी को मृत घोषित कर दिया था और उनकी इसकी रिपोर्ट भी जमा की थी। पर आज वह अपने दस्तावेजों और हलफनामे के साथ पुलिस के सामने पेश हुईं।

बादामी देवी ने अपने हलफनामे में कहा है कि मैं सिवान में अपने कसेरा टोली स्थिति आवास पर रह रही थी। मुझे मामले में गवाह बनाया गया था लेकिन कोई सीबीआई अधिकारी मुझे नहीं मिला। हालांकि, सीबीआई ने मुझे मृत घोषित कर दिया, जिसके बारे में मुझे अखबारों के माध्यम से जानकारी मिली।

याचिकाकर्ता के वकील ने सीबीआई पर उठाए सवाल
याचिकाकर्ताओं के वकील शरद सिन्हा ने अदालत से कहा कि शीर्ष जांच एजेंसी की ओर से इस तरह की हरकत संदिग्ध प्रतीत होती है। अब यह कहने में कोई हिचक नहीं रह गई है कि सीबीआई ने इस तरह का काम अन्य गवाहों के साथ भी किया होगा। उन्होंने कहा कि यह अजीब और हैरान करने वाला है।

बिहार सरकार ने 17 मई 2016 को यह मामला विस्तृत जांच के लिए सीबीआई को सौंपा था। सीबीआई ने 15 सितंबर 2016 को एक मामला दर्ज किया था और दिवंगत राजद सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन से पूछताछ की थी। हालांकि, शहाबुद्दीन ने दावा किया था कि वह घटना हुई थी उस समय वह जेल में थे।

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