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Bihar Election 2025: '20 सीटें नहीं दी तो 100 सीटों पर उतारेंगे प्रत्याशी'- मांझी का एलान, एनडीए में भूचाल
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, गयाजी
Published by: आदित्य आनंद
Updated Sun, 14 Sep 2025 01:58 PM IST
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सार
Bihar Election Update : तो क्या राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में टूट का संकट सामने आ गया है? चिराग पासवान अलग सीटों पर अड़े हैं और जीतन राम मांझी ने 20 सीटें नहीं मिलने पर 100 विधानसभा क्षेत्रों में प्रत्याशी उतारने का एलान कर दिया है।

केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
केंद्र की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार के मंत्री और हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) के प्रमुख जीतन राम मांझी ने बिहार की राजनीति में खलबली मचा दी है। लोकसभा चुनाव के कुछ समय पहले महागठबंधन से निकल कर एनडीए में लौटे जीतन राम मांझी ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए सीट बंटवारे केा लेकर बड़ा बयान दे दिया है। मांझी ने कहा कि उनकी पार्टी को अगर 20 सीटों पर मौका नहीं दिया गया तो वह 100 प्रत्याशियों को उतारेंगे।

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केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि वह एनडीए के प्रति समर्पित हैं और लोकसभा चुनाव में भी हर बात स्वीकार की थी। इस गठबंधन में प्रतिष्ठा मिली है, लेकिन हमारे लिए मेहनत करने वाले कार्यकर्ताओं की भी कुछ उम्मीदें हैं। यह उम्मीदें पूरी करने का बिहार विधानसभा चुनाव एक मौका है और हम एनडीए को जिताने के लिए हर तरह से ताकत झोंकने को तैयार भी हैं। लेकिन, इस बार चुनाव में एनडीए के अंदर हमें बिहार की 20 सीटें चाहिए। हमने यह मांग रखी है। बात कर रहे हैं। लेकिन, अगर बात नहीं बनी तो 100 सीटों पर भी प्रत्याशी उतार सकते हैं।
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इस बार करो या मरो का लोगों का यह मुद्दा है
केन्द्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि अगर मान लिया जाए हमको हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा अधिकृत करता है, तो हम जरूर फैसला लेंगे। फैसला में हमारा एक ही चीज है कि हम चाहते हैं, हमारा हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा हर हालत में मान्यता प्राप्त कर ले। मान्यता प्राप्त करने के लिए हमको 8 सीट विधानसभा में चाहिए या पोलिंग का 6% टोटल वोट चाहिए। हमारे साथ दो प्रस्थिति है। आठ सीट जीतने के लिए हमको काम से कम 15 से 20 सीट मिलेगा तभी ना हम इस दायरे में आ सकते हैं। हम सभी सीट तो जीत जाएंगे, ऐसा तो है नहीं। अगर 60% स्कोरिंग सीट माना जाए तो भी कहा जाएगा। तब 15 सीट की बात आती है। अगर 15 सीट हमको मिलेगा और 8 सीट जीत जाएंगे तो एक प्रावधान यह है। नहीं तो हम भी 50 या 100 सीट पर लड़ेंगे। बिहार में हर जगह हमारा दस हजार और 15 हजार वोटर है। जीत करके 6% हम वोट ले आएंगे और हम मान्यता प्राप्त कर लेंगे। 10 वर्ष हमारी पार्टी का हो गया। निबंधित पार्टी रहने में हम अपमानित समझते हैं। इसलिए इस बार करो या मरो का लोगों का यह मुद्दा है।
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पैसा के बल पर लोग मीटिंग करते हैं
जीतन राम मांझी ने कहा कि उन लोगों को आभास मिल गया होगा कि जीतन राम मांझी का प्रभाव क्या है। पैसा के बल पर लोग मीटिंग करते हैं। 500 रुपये और 1000 रुपये गाड़ी बिहार से मंगा लेते हैं। तब जिंदाबाद का नारा लगता है। लेकिन, हम तो एक पैसा खर्च नहीं करते हैं। सब अपने लोग आते हैं। हम जहां जाते हैं वहां 10000 की भीड़ 12000 की भीड़ आती है। इस चीज को एनडीए के लोग समझते हैं। हम समझते हैं कि यह समझ करके जो जिताऊ पार्टी है। उसका सीट वह अनुमान करेंगे और हमको लगता है अच्छे मात्रा में सीट मिलेगी। यह हमारा लक्ष्य है।
मांझी ने 2020 में सात सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे
पिछले बिहार चुनाव 2020 में हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा ने सात सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे। उनमें से चार पर जीत मिली थी, जबकि एक सीट पर इसके प्रत्याशी की जमानत जब्त हो गई थी। जहां हम-से ने प्रत्यशी दिए थे, वहां इसे 0.38 प्रतिशत वोट मिले थे। इस चुनाव में हम-से को तीन सीटों का फायदा हुआ था। इसके पहले उसके महज एक विधायक थे। 2020 के चुनाव में जीतन राम मांझी भी विधायक बने थे और उनके बेटे भी। जब 2020 के जनादेश से अलग होकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार महागठबंधन में चले गए थे तो मांझी उनके साथ रहे थे। बाद में नीतीश-मांझी के बीच गतिरोध बढ़ा और वह मुख्यमंत्री के पहले भारतीय जनता पार्टी के साथ वापस आ गए। 2024 के लोकसभा चुनाव में उन्हें एनडीए ने संसदीय चुनाव में उतरने का मौका दिया और वह जीते तो सांसद के साथ केंद्रीय मंत्री भी बने। उनकी छोड़ी हुई विधानसभा सीट उप चुनाव में भी उनके पास ही रह गई।