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Bihar Election: 'मैं होता तो इस्तीफा दे देता', कांग्रेस की करारी हार पर प्रदेशाध्यक्ष पर बरसे पूर्व सांसद

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, औरंगाबाद Published by: अमर उजाला ब्यूरो Updated Sat, 15 Nov 2025 05:32 PM IST
सार

Bihar Election: निखिल कुमार ने कहा कि चुनाव हमेशा संगठन के तहत लड़े जाते हैं। संगठन का हर पदाधिकारी उस प्रक्रिया का हिस्सा होता है, लेकिन चुनाव को कुशलता और प्रभावी तरीके से संचालित कराने की सबसे बड़ी जिम्मेदारी संगठन के मुखिया की होती है।

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निखिल कुमार - फोटो : अमर उजाला डिजिटल
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विस्तार
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बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में कांग्रेस की करारी हार के बाद पार्टी के भीतर घमासान तेज हो गया है। पूर्व राज्यपाल और औरंगाबाद के पूर्व सांसद तथा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता निखिल कुमार ने इसे लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने बिना नाम लिए प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि वह यह नहीं कहते कि राजेश ने अच्छा काम नहीं किया, लेकिन अगर वह प्रदेश अध्यक्ष होते तो हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए तुरंत इस्तीफा दे देते।

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निखिल कुमार ने कहा कि चुनाव हमेशा संगठन के तहत लड़े जाते हैं। संगठन का हर पदाधिकारी उस प्रक्रिया का हिस्सा होता है, लेकिन चुनाव को कुशलता और प्रभावी तरीके से संचालित कराने की सबसे बड़ी जिम्मेदारी संगठन के मुखिया की होती है। ऐसे में यह कहना पर्याप्त नहीं है कि किसी एक व्यक्ति की गलती से चुनाव हारे। उन्होंने कहा कि अगर संगठन कहीं कमजोर पड़ता है तो उसकी जिम्मेदारी सामूहिक होती है, इसलिए हम सभी इस हार के लिए जिम्मेदार हैं। हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि नेतृत्व की भूमिका सबसे अहम होती है और वहां त्रुटि होने पर सवाल उठना स्वाभाविक है।

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उन्होंने यह भी कहा कि राहुल गांधी बिहार संगठन का हिस्सा नहीं हैं। बिहार का संगठन सिर्फ बिहार तक सीमित है और स्थानीय नेतृत्व की जिम्मेदारी होती है कि वह चुनावी रणनीति को सही तरीके से लागू करे। निखिल कुमार ने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार का प्रदर्शन संतोषजनक नहीं रहा है। अगर वही स्थिति उनके कार्यकाल में आई होती, तो वह एक पल भी देर किए बिना इस्तीफा दे देते।


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कांग्रेस के प्रदर्शन की बात करें तो 2020 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने 19 सीटें जीती थीं। लेकिन 2025 के चुनाव में राहुल गांधी की वोट अधिकार यात्रा के बाद उम्मीद की जा रही थी कि कांग्रेस कम से कम दोगुनी सीटें जीत लेगी। इसी आत्मविश्वास में पार्टी ने महागठबंधन में दबाव बनाकर 61 सीटों पर उम्मीदवार उतारे, लेकिन नतीजे बिलकुल उलट निकले। कांग्रेस मात्र छह सीटों पर सिमटकर रह गई। इतना ही नहीं, प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार अपनी ही सीट कुटुम्बा से हार गए, जबकि उनके बगल वाली औरंगाबाद सीट से दो बार के विधायक आनंद शंकर सिंह भी इस बार जीत की हैट्रिक पूरी नहीं कर सके। इस तरह औरंगाबाद की दोनों सीटों पर कांग्रेस का पूरी तरह सफाया हो गया।

ऐसे में प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार पर इस्तीफे का दबाव बढ़ गया है। शनिवार को नई दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर हुई बैठक में राहुल गांधी, केसी वेणुगोपाल, अजय माकन समेत कई वरिष्ठ नेताओं ने भाग लिया। बैठक में हार के कारणों और भविष्य की रणनीति पर चर्चा हुई। इसमें बिहार संगठन को लेकर भी गहन मंथन हुआ। अब माना जा रहा है कि बिहार कांग्रेस की समीक्षा बैठक जल्द बुलायी जा सकती है। इस बैठक में राजेश कुमार से इस्तीफे की मांग की जा सकती है या वह बैठक से पहले भी इस्तीफा दे सकते हैं।

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