India Pakistan: जम्मू में शहीद हुए बिहार के रामबाबू प्रसाद, सीएम नीतीश ने 50 लाख रुपये देने का किया एलान
Bihar News: सेना के जवान रामबाबू प्रसाद के शहादत की खबर से गांव ही नहीं पूरे सीवान में मातम पसर गया। गांव में रामबाबू के घर पर लोगों की भीड़ जुटी हुई है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।


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जम्मू में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पाकिस्तान के तनाव के दौरान बीएसएफ के जवान रामबाबू प्रसाद शहीद हो गए। वह बिहार के सीवान के वासिलपुर इलाके के रहने वाले थे। वर्ष 2018 में भारतीय सेना में शामिल हुए रामबाबू जम्मू-कश्मीर में भारत-पाकिस्तान सीमा पर तैनात थे। दोनों देशों के बीच सीज़फायर होने के बावजूद सोमवार को अत्याधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम एस-400 संचालित करते समय गंभीर रूप से घायल हो गए। अस्पताल में भर्ती करवाया गया लेकिन, इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। रामबाबू के शहादत की खबर से गांव ही नहीं पूरे सीवान में मातम पसर गया। गांव में रामबाबू के घर पर लोगों की भीड़ जुटी हुई है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। ग्रामीण उन्हें ढांढस बंधा रहे हैं। आज शाम तक उनका पार्थिव शरीर गांव आ सकता है।
इधर, बीएसएफ जवान रामबाबू सिंह के शहीद होने पर मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है और कहा है कि उनकी शहादत को देश हमेशा याद रखेगा। वह इस घटना से काफी मर्माहत हैं। मुख्यमंत्री ने वीर सपूत की शहादत पर उनके परिजनों को दुख की इस घड़ी में धैर्य धारण करने की शक्ति प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि शहीद जवान रामबाबू सिंह के निकटतम आश्रित को राज्य सरकार की ओर से 50 लाख रुपये की सम्मान राशि दी जायेगी, साथ ही शहीद जवान रामबाबू सिंह का राज्य सरकार की ओर से पुलिस सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जायेगा।
चार माह की गर्भवती है पत्नी
शहीद के ससुर सुभाष चंद्र शर्मा ने बताया कि उनकी बेटी अंजली की शादी रामबाबू से 14 दिसंबर 2024 को हुई थी। अंजली एयर इंडिया में कार्यरत हैं और इस समय चार माह की गर्भवती हैं। सोमवार को दोपहर 11 बजे तक दोनों के बीच फोन पर बातचीत हुई थी। इसके कुछ ही घंटों बाद सेना द्वारा घटना की सूचना दी गई। ससुर का कहना है कि जब सीमा पर सीज़फायर लागू है, तब इस प्रकार की घटना चिंताजनक और सवाल खड़े करने वाली है। परिजनों का कहना है कि छह महीना पहले ही रामबाबू की शादी हुई थी। लेकिन, दुश्मनों की गोली ने नई दुल्हन का सुहाग उजाड़ दिया। रामबाबू ने भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव खत्म होने के बाद पत्नी से मिलने का वादा किया था। लेकिन, ऐसा नहीं हो पाया।
शहीद BSF जवान का पार्थिव शरीर पहुंचा गांव, अंतिम दर्शन के लिए उमड़े लोग

रामबाबू के चाचा शशिकांत पासवान ने जानकारी दी कि वे दो भाइयों में छोटे थे और स्नातक तक शिक्षित थे। बड़े भाई अखिलेश सिंह झारखंड के हजारीबाग में रेलवे में लोकोपायलट के पद पर कार्यरत हैं। चार महीने पहले ही रामबाबू का विवाह हुआ था। उनकी पत्नी इस हृदयविदारक सूचना से अनजान थीं और उन्हें केवल घायल होने की जानकारी देकर मंगलवार सुबह मायके धनबाद से गांव लाया गया। शहीद रामबाबू के पिता रामविचार प्रसाद, जो पूर्व उपमुखिया थे, का निधन दो वर्ष पूर्व हो चुका है। मां की तबीयत पहले से ही खराब है, जिस कारण उन्हें भी अब तक यह दुखद समाचार नहीं दिया गया है।
बुधवार दोपहर आएगा पार्थिव शरीर
शहीद की शहादत की जानकारी मिलते ही क्षेत्रीय प्रशासन हरकत में आया। अनुमंडल पदाधिकारी सुनील कुमार और एसडीपीओ अजय सिंह शहीद के घर पहुंचे और परिजनों से मुलाकात कर हर संभव मदद का आश्वासन दिया। गांव में शहीद के अंतिम दर्शन की तैयारी शुरू हो चुकी है। पार्थिव शरीर बुधवार की दोपहर तीन से चार बजे तक गांव पहुंचने की संभावना है। शोक में डूबे गांव में लोगों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई है।