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Bihar News: बिहार के इस जिले में केंद्रीय विद्यालय निर्माण का रास्ता साफ, खत्म होगा छह साल का लंबा इंतजार
न्यूूज डेस्क, अमर उजाला, सुपौल
Published by: अरविंद कुमार
Updated Wed, 26 Feb 2025 08:46 PM IST
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सार
Kendriya vidyalaya: केंद्र सरकार ने वर्ष 2019 में ही सुपौल में केंद्रीय विद्यालय को स्वीकृति प्रदान की थी। वीरपुर स्थित एसएसबी 45वीं बटालियन मुख्यालय में पांच एकड़ जमीन चिह्नित हुई। लेकिन स्टांप ड्यूटी और निबंधन शुल्क के 33 लाख रुपये की वजह से निर्माण पर ग्रहण लगा रहा। अब राज्य कैबिनेट ने इस शुल्क की छूट को स्वीकृति दे दी है।

वीरपुर, एसएसबी
- फोटो : अमर उजाला

विस्तार
सुपौल में केंद्रीय विद्यालय की स्थापना का बीते 6 सालों से चला आ रहा लंबा इंतजार अब खत्म होने वाला है। राज्य सरकार की हरी झंडी मिलने के बाद अब केंद्रीय विद्यालय निर्माण का रास्ता साफ हो चुका है। राज्य कैबिनेट ने मंगलवार को विद्यालय के लिए चिह्नित 05 एकड़ जमीन के 99 वर्षों के लीज के लिए स्टांप ड्यूटी एवं निबंधन शुल्क के 33 लाख रुपए की छूट को स्वीकृति दी है।
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दरअसल, वर्ष 2019 में ही केंद्र सरकार ने सुपौल में केंद्रीय विद्यालय के निर्माण की स्वीकृति दी थी। इसके बाद राज्य सरकार द्वारा एसएसबी 45वीं बटालियन के वीरपुर मुख्यालय में 05 एकड़ जमीन चिह्नित की गई। केंद्र सरकार से भी इस जमीन पर निर्माण को स्वीकृति मिल गई। लेकिन इसके बाद जमीन ट्रांसफर के लिए स्टांप ड्यूटी और निबंधन शुल्क को लेकर मामला केंद्र और राज्य सरकार के बीच अटका रहा। इस बीच 21 जुलाई 2022 को केंद्रीय गृह मंत्री ने अपने वेलफेयर फंड से इस राशि के भुगतान का आश्वासन भी दिया। जमीन के लीज के लिए सरकार को कुल 33 लाख 250 रुपए का स्टांप ड्यूटी और निबंधन शुल्क जमा करना था। लेकिन भुगतान नहीं हो सका। जिसकी वजह से स्वीकृति के बावजूद केंद्रीय विद्यालय का निर्माण आरंभ नहीं हो सका था।
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मंगलवार को बिहार कैबिनेट ने स्टांप ड्यूटी और निबंधन शुल्क में छूट को मिली स्वीकृति के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही केंद्रीय विद्यालय निर्माण के लिए निविदा सहित अन्य प्रक्रियाएं आरंभ हो जाएंगी। गौरतलब है कि केंद्रीय विद्यालय स्वीकृति के बावजूद लंबे समय से निर्माण आरंभ नहीं होने से स्थानीय लोगों में काफी नाराजगी थी। इसको लेकर कई बार स्थानीय स्तर पर आंदोलन भी हुए। वहीं कई बार स्थानीय सांसद दिलेश्वर कामैत ने भी लोकसभा में इसको लेकर आवाज उठाई।
सुपौल और पूर्णिया में केंद्रीय विद्यालय का रास्ता साफ
राज्य कैबिनेट ने मंगलवार को सुपौल के वीरपुर स्थित एसएसबी 45वीं बटालियन मुख्यालय में नए केंद्रीय विद्यालय के भवन निर्माण हेतु 99 वर्ष के लीज पर 05 एकड़ जमीन ट्रांसफर हेतु देय स्टांप ड्यूटी एवं निबंधन शुल्क का कुल 33 लाख तथा पूर्णिया के वायु सेना स्टेशन स्थित केंद्रीय विद्यालय के भवन निर्माण हेतु चिह्नित 12.91 एकड़ जमीन 99 वर्षों के लीज पर केंद्रीय विद्यालय के संगठन के पक्ष में ट्रांसफर करने हेतु देय स्टांप ड्यूटी एवं निबंधन शुल्क का कुल 44 लाख 88 हजार 160 रुपए छूट प्रदान करने का निर्णय लिया है। आपको बता दें कि सुपौल में जमीन लीज से संबंधित फीस में छूट के लिए बीते 10 जनवरी को जिलाधिकारी कौशल कुमार ने प्रस्ताव भेजा था। जबकि पूर्णिया की जमीन से संबंधित प्रस्ताव वहां के जिलाधिकारी ने 03 जनवरी को भेजा था।
24.75 लाख की थी स्टांप ड्यूटी, 8.25 लाख का निबंधन शुल्क
राज्य कैबिनेट की स्वीकृति मिलने के बाद अब केंद्रीय विद्यालय निर्माण हेतु चिह्नित 05 एकड़ जमीन के 99 वर्ष के लीज ट्रांसफर के लिए केंद्रीय विद्यालय संगठन को कोई शुल्क नहीं देना होगा। राज्य सरकार के मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग द्वारा इस बाबत जारी पत्र में बताया गया है कि सुपौल जिले के बसंतपुर अंचल क्षेत्र अंतर्गत वीरपुर मौजा के थाना नंबर 05 वार्ड नंबर 13 में 05 एकड़ जमीन चिह्नित किया गया है। जिसके लीज ट्रांसफर के लिए स्टांप ड्यूटी के रूप में 24.75 लाख और निबंधन शुल्क के तौर पर 8.25 लाख रुपए जमा होना था। राज्य सरकार ने उम्मीद जताई है कि केंद्रीय विद्यालय के निर्माण के बाद सुपौल में एसएसबी और पूर्णिया में वायु सेना के जवानों के बच्चों के अलावा स्थानीय बच्चों को भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सकेगी। साथ ही केंद्रीय विद्यालय के आसपास के इलाके में रियल स्टेट और अन्य व्यवसायिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।
अगले सप्ताह हो जाएगा जमीन का लीज रजिस्ट्रेशन
इधर, सुपौल जिलाधिकारी कौशल कुमार ने बताया कि वीरपुर में स्वीकृत नए निबंधन कार्यालय का काम पूर्ण हो चुका है। मार्च के प्रथम सप्ताह में निबंधन कार्यालय चालू होने की उम्मीद है। इसके लिए तकनीकी बिंदुओं पर काम चल रहा है। वीरपुर में निबंधन कार्यालय की शुरुआत होते ही केंद्रीय विद्यालय के लिए चिह्नित जमीन का लीज रजिस्ट्रेशन कराया जाएगा। इसके आगे भवन निर्माण से संबंधित कार्य केंद्रीय विद्यालय संगठन को कराना है। उम्मीद है कि निर्माण कार्य की भी शुरुआत जल्द ही होगी।