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Bihar News: रात के अंधेरे में सरकारी एंबुलेंस से मरीजों की हेराफेरी, प्राइवेट अस्पताल भेजने की कोशिश क्यों?

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, वैशाली Published by: तरुणेंद्र चतुर्वेदी Updated Mon, 15 Dec 2025 01:01 PM IST
सार

वैशाली के हाजीपुर में सरकारी एंबुलेंस से रेफर की गई गर्भवती महिला को बीच रास्ते प्राइवेट अस्पताल भेजने की कोशिश का मामला सामने आया है। परिजनों और आशा कार्यकर्ता के विरोध के बाद मरीज को सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया।

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Serious questions raised on the health system in Bihar due to case of misuse of ambulance services.
एंबुलेंस सेवाओं के दुरुपयोग का मामला हुआ उजागर। - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। सरकारी अस्पतालों में दलालों की सक्रियता और एंबुलेंस सेवाओं के दुरुपयोग का मामला हाजीपुर से सामने आया है, जहां रात के अंधेरे में सरकारी एंबुलेंस कर्मियों पर मरीज को प्राइवेट अस्पताल भेजने की कोशिश का आरोप लगा है।

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मामला सारण जिले के परसा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से जुड़ा है। जानकारी के अनुसार, प्रसव पीड़ा के बाद परसा थाना क्षेत्र के बनकेरवा निवासी कुंदन कुमार की 20 वर्षीय पत्नी रविना कुमारी को परसा पीएचसी में भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों द्वारा जांच के बाद रविवार देर रात करीब 11 बजे महिला को हाजीपुर सदर अस्पताल रेफर किया गया।

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परिवार का आरोप है कि सरकारी एंबुलेंस से हाजीपुर ले जाते समय रास्ते में ही एंबुलेंस कर्मियों ने मरीज को किसी निजी अस्पताल में शिफ्ट करने की तैयारी शुरू कर दी। इसका परिजनों ने विरोध किया। उस समय एंबुलेंस में एक आशा कार्यकर्ता केशरी देवी और परिवार की एक महिला सदस्य मरीज के साथ मौजूद थीं, जबकि अन्य परिजन पीछे से दूसरी गाड़ी में आ रहे थे।

कथित दलाल और एंबुलेंस कर्मी मौके से भागने लगे
परिजनों का कहना है कि हाजीपुर सदर अस्पताल के गेट पर पहुंचते ही एंबुलेंस रोककर मरीज को प्राइवेट एंबुलेंस में शिफ्ट करने की कोशिश की गई। इसी दौरान मीडिया और परिवार के अन्य लोग मौके पर पहुंच गए। कैमरा देखते ही कथित दलाल और एंबुलेंस कर्मी मौके से भागने लगे। परिजनों और आशा कार्यकर्ता के विरोध के बाद मरीज को सदर अस्पताल के प्रसव वार्ड में भर्ती कराया गया।

बताया जा रहा है कि जिस सरकारी एंबुलेंस से मरीज को लाया जा रहा था, उसका नंबर BR01PR5978 है। घटना के बाद स्वास्थ्य व्यवस्था और एंबुलेंस सेवाओं की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो गए हैं।

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स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी को नहीं है मामले की जानकारी

स्थानीय लोगों का कहना है कि पहले औचक निरीक्षण और सख्ती के चलते अस्पताल कर्मियों में कुछ डर बना रहता था, लेकिन अब गरीब मरीजों को इलाज के नाम पर दलालों के हवाले कर दिया जा रहा है और उनसे मोटी रकम वसूली जाती है।

वहीं, परसा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी ने कहा कि उन्हें इस मामले की कोई जानकारी नहीं है। यदि कोई लिखित शिकायत मिलती है तो जांच कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

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