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Bihar: विवाह पंचमी पर महावीर मंदिर में श्री सीताराम विवाह उत्सवी का आयोजन, विवाह मंडली ने दी प्रस्तुति
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, पटना
Published by: शबाहत हुसैन
Updated Tue, 25 Nov 2025 09:56 PM IST
सार
Bihar: बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद के सदस्य सायण कुणाल ने कहा कि श्रीसीता राम विवाह हर साल महावीर मंदिर आयोजित किया जाता है। इस दौरान काफी संख्या लोग विवाह देखने के लिए आते हैं।
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समारोह
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
महावीर मंदिर पटना में मंगलवार को श्री सीता राम विवाह उत्सवी माहौल में आयोजित हुआ। काफी संख्या में विवाह देखने के लिए मंदिर प्रांगण में जुटे हुए थे। हर साल अगहन शुक्ल पंचमी मंगलवार को श्री सीता राम विवाह उत्सव पटना के महावीर मंदिर में आयोजित किया जाता है। महावीर मंदिर में विवाह पंचमी के अवसर पर राम-जानकी विवाह को नाटक के माध्यम से दर्शाया गया। इसके लिए दरभंगा, मधुबनी और जनकपुर से कलाकार आए थे। पहले दिन बारातियों का स्वागत हुआ और फिर राम जानकी का जयमाला हुआ। मिथिला रीति से विवाह की सभी विधियों का संगीतमय मंचन किया। इस दौरान कन्या निरीक्षण, ओढंगर, नहछू, कन्यादान, सिंदूरदान, कोहबर समेत सभी विवाह-विधियों की आकर्षक झांकी प्रस्तुत की गई।
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रात में सुंदरकांड का पाठ होगा
बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद के सदस्य सायण कुणाल ने कहा कि श्रीसीता राम विवाह हर साल महावीर मंदिर आयोजित किया जाता है। इस दौरान काफी संख्या लोग विवाह देखने के लिए आते हैं। महावीर स्थान न्यास समिति के एडिशनल सीईओ वरुण कुमार मिश्रा ने कहा कि जब से महावीर मंदिर अपने वर्तमान स्वरूप में आया है तब से आचार्य किशोर कुणाल ने विवाह पंचमी के मौके पर इस परंपरा की शुरुआत की थी। इसी पंचमी के दिन मिथिला में श्री राम का विवाह माता सीता के साथ हुआ था। इस प्रकरण को मनाने के लिए दो दिवसीय कार्यक्रम यहां होता है। विवाह के समय जो भी परंपरा थी उसे यहां पर नाटक के माध्यम से दर्शाया जाता है। आज रात में सुंदरकांड का पाठ होगा और फिर कल कलेवा (छप्पन) भोग का आयोजन होगा।
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महावीर मंदिर में हुई राम-जानकी विवाह की प्रस्तुति
आज की प्रस्तुति में अयोध्या के राजकुमार श्रीराम ने एक पल में शिव धनुष को तोड़ दिखाया। अब राघव को जनक नंदिनी सीता के गले में वरमाला डालनी है। लेकिन एक समस्या है। जानकी जी कद में उनसे छोटी हैं और दशरथ नंदन के गले में वरमाला नहीं डाल पा रही हैं। जनकपुर की स्त्रियां कहती हैं- तनी झुक जइयो ए राघव जी, लली मेरी छोटी है। फिर भी राघव नहीं झुके तो मिथिलावासी कहते हैं- कौना गुमान में फुलइल हो राघव जी, कौना गुमान में फुलइल। आखिरकार राघव थोड़ा झुकते हैं और जानकी जी उनके गले में वरमाला डाल देती हैं। हास्य-विनोद के साथ मंदिर में राम-जानकी विवाह में वातावरण और भी भक्तिमय हो गया। मौके पर मंदिर अधीक्षक के सुधाकरण, विजय कुमार, कृष्ण मुरारी, दिनकर जी,अभिषेक माथुर, रंधीर, धीरज समेत मंदिर के पुजारी, पंडित, कर्मचारी मौजूद थे।