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Bihar Crime: डायन के शक में एक ही परिवार के पांच लोगों की हत्या, एक अफवाह से कैसे भीड़ ने बोला हमला; जानें
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, पूर्णिया
Published by: शबाहत हुसैन
Updated Tue, 08 Jul 2025 12:26 PM IST
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सार
Bihar: पांच दिन पहले गांव के ही रामदेव उरांव के बड़े बेटे की अचानक मौत हो गई थी और छोटा बेटा भी बीमार पड़ गया था। इसके बाद अफवाह फैल गई कि बाबूलाल का परिवार किसी बलि की तैयारी कर रहा है। इसी अफवाह को आरोपी नकुल उरांव ने पूरे टोले में फैला दिया कि कातो मसोमात डायन हैं। पढ़ें खबर

पीड़ित
- फोटो : अमर उजाला
विस्तार
पूर्णिया जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र अंतर्गत रजीगंज पंचायत के टेटगामा आदिवासी टोला में रविवार देर रात एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। डायन बताकर एक ही परिवार के पांच लोगों को जिंदा जलाकर मार डालने के मामले में पुलिस ने जांच तेज कर दी है। इसी बीच लगातार नए खुलासे भी हो रहे हैं।
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स्थानीय लोगों के अनुसार मृतक कातो मसोमात झाड़-फूंक किया करती थीं। इस काम को उन्होंने पारिवारिक परंपरा बना दिया था। पहले उन्होंने अपने पुत्र बाबूलाल उरांव को झाड़-फूंक सिखाया और फिर बहू सीता देवी, पोते मंजित उरांव और उसकी पत्नी रानी देवी को भी यही काम सिखाया। दूर-दराज से लोग बाबूलाल के परिवार के पास झाड़-फूंक कराने पहुंचते थे।
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हालांकि गांव के कुछ लोगों का मानना था कि कातो मसोमात डायन थीं और उन्होंने सिद्धि पाने के लिए अपने पति की बलि दे दी थी। लेकिन इस दावे को गांव के किशुन देव उरांव ने गलत बताया। किशुन देव का कहना है कि कातो मसोमात के पति की मौत करीब 11 साल पहले बीमारी से हुई थी।
वहीं, एक स्थानीय महिला ने बताया कि पिछले दो वर्षों में गांव में छह से अधिक लोगों की अचानक तबीयत बिगड़ने से मौत हो चुकी थी। इसके बाद गांव वालों ने अपनी घर की महिलाओं को बाबूलाल उरांव के परिवार से दूर रहने की सलाह दी थी। पांच दिन पहले गांव के ही रामदेव उरांव के बड़े बेटे की अचानक मौत हो गई थी और छोटा बेटा भी बीमार पड़ गया था। इसके बाद अफवाह फैल गई कि बाबूलाल का परिवार किसी बलि की तैयारी कर रहा है।
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इसी अफवाह को आरोपी नकुल उरांव ने पूरे टोले में फैला दिया कि कातो मसोमात डायन हैं। बस फिर क्या था, रविवार रात पहले शराब पार्टी हुई और उसके बाद सैकड़ों की भीड़ ने बाबूलाल के घर पर हमला बोल दिया। पहले परिवार के लोगों के साथ बेरहमी से मारपीट की गई, फिर उन्हें घर से करीब 50 मीटर दूर ले जाकर पेट्रोल छिड़ककर जिंदा जला दिया गया। इसके बाद शवों को एक ट्रैक्टर में लादकर डेढ़ किलोमीटर दूर एक तालाब के जलकुंभी में छिपा दिया गया।
घटना के बाद बाबूलाल के छोटे बेटे सोनू ने अपने बड़े भाई ललित को फोन कर पूरी घटना की जानकारी दी। ललित ने बताया, “रात दो बजे सोनू ने मुझे फोन किया। वह बहुत डरा हुआ था, फोन पर बस रो रहा था। जब मैंने जोर देकर पूछा तो उसने बताया कि मम्मी-पापा और भइया-भाभी को जिंदा जला दिया गया है। मैं सुबह पांच बजे घर पहुंचा। गांव वालों ने डायन बताकर मेरे परिवार को फंसाया और फिर उन्हें जिंदा जला दिया। पहले तो आरोपी कुछ नहीं बता रहे थे कि शव कहां हैं। बाद में पुलिस के आने पर ही पता चला कि शवों को तालाब में फेंक दिया गया है।फिलहाल इस दर्दनाक वारदात से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई है। पुलिस ने आरोपियों की पहचान कर ली है और गिरफ्तारियां जल्द होने की उम्मीद है।
घटना की जानकारी देते हुए अर्जुन उरांव ने बताया कि पहले भी उनकी मां पर डायन होने का आरोप लगाया गया था। इसके बाद गांव के सभी लोग मिलकर एक ओझा के पास जांच कराने गए थे, लेकिन उसमें डायन होने का कोई सबूत नहीं मिला था। अर्जुन ने कहा कि घटना के वक्त जब लोगों की भीड़ उनके घर पर जुटी, तो उन्होंने कई बार विनती की कि अगर आप लोगों को मेरी मां पर शक है, तो किसी भी ओझा से जांच करवा लीजिए। लेकिन भीड़ ने उनकी बात नहीं मानी और धमकी दी कि अगर तुम लोग बीच में आए तो तुम्हारी भी गला काटकर हत्या कर देंगे। इस डर से हम लोग वहां से भाग गए।