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Bihar Election: ‘पारले-जी का साइज भी छोटा हो गया क्योंकि सरकार चोर है’, अखिलेश यादव का बीजेपी पर जोरदार हमला
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, पूर्णिया
Published by: शबाहत हुसैन
Updated Sat, 08 Nov 2025 04:19 PM IST
सार
Bihar Election: अखिलेश यादव ने विकास के आंकड़ों से हटकर आम आदमी की जेब और राशन पर हो रही 'चोरी' को मुद्दा बनाया। उन्होंने एनडीए को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि बिहार में 20 साल और दिल्ली में 10 साल, कुल 30 साल की सत्ता का हिसाब इस बार जनता मांगेगी।
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अखिलेश यादव
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शनिवार को पूर्णिया के धमदाहा में महागठबंधन समर्पित राजद प्रत्याशी संतोष कुशवाहा के लिए जोरदार चुनावी सभा को संबोधित किया। यादव ने अपने भाषण में बीजेपी-एनडीए को 30 साल के शासन का हिसाब देने की चुनौती दी और दावा किया कि बिहार की जनता ने परिवर्तन का मन बना लिया है। उन्होंने तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाने की अपील करते हुए, बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाए।
अखिलेश यादव ने अपनी चुनावी अपील को एक मज़ेदार समीकरण से जोड़ा। उन्होंने कहा कि पूरे बिहार का दौरा करने के बाद यह स्पष्ट है कि बिहार के लोगों ने इस बार परिवर्तन लाने का मन बना लिया है। 11 नवंबर को होने वाली वोटिंग का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि एक और एक मिलकर 11 होता है। बिहार में महागठबंधन को मजबूत करना है और बीजेपी को नौ दो ग्यारह करना है। उन्होंने धमदाहा की जनता से अपील की कि वे राजद प्रत्याशी को भारी मतों से जिताएं और तेजस्वी यादव को बिहार का अगला मुख्यमंत्री बनाएं, ताकि जंगलराज की वापसी को रोका जा सके।
अखिलेश यादव ने विकास के आंकड़ों से हटकर आम आदमी की जेब और राशन पर हो रही 'चोरी' को मुद्दा बनाया। उन्होंने एनडीए को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि बिहार में 20 साल और दिल्ली में 10 साल, कुल 30 साल की सत्ता का हिसाब इस बार जनता मांगेगी। उन्होंने कहा कि यह चुनाव केवल वोट का नहीं, बल्कि राशन बचाने का चुनाव है। उन्होंने सरकार पर खाद्य और मुनाफे की चोरी का आरोप लगाया।यादव ने व्यंग्यात्मक ढंग से कहा कि सरकार की मुनाफाखोरी के कारण लोगों की पसंदीदा 'पारले-जी' बिस्किट का साइज भी बिहार में छोटा हो गया है, जो इस बात का प्रमाण है कि हर चीज में चोरी हो रही है।
पढे़ं: मुजफ्फरपुर में भीषण सड़क हादसा: नेपाल से लौट रहे श्रद्धालुओं की कार ट्रैक्टर से टकराई, तीन की मौत; तीन घायल
यादव ने किसानों के मुद्दे को उठाते हुए उद्योग-धंधे बाहर ले जाने पर गहरी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार किसानों की आय दोगुनी करना चाहती है और इसके लिए खाद्य, यूरिया, डीजल और सिंचाई यंत्र की कीमतों में कमी करना जरूरी है। उन्होंने बिहार की जमीन को इतना उपजाऊ बताया कि यहाँ का किसान न सिर्फ अपना, बल्कि पूरे देश का पेट भर सकता है। उन्होंने आरोप लगाया कि एनडीए सरकार ने बिहार की मदद से सत्ता तो पाई, लेकिन जानबूझकर उद्योग धंधे बाहर लगा दिए, ताकि यहाँ के लोग उसी पैसे से अपने बच्चों को पढ़ा-लिखाकर आगे न बढ़ सकें। अपने भाषण के अंत में अखिलेश यादव ने बीजेपी पर सत्ता का दुरुपयोग करने का गंभीर आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि बिहार में बहरूपिए के रूप में बीजेपी की कई टीमें काम कर रही हैं। यादव ने चौंकाने वाला आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी के लिए C टीम के रूप में चुनाव आयोग काम कर रहा है। उन्होंने बीजेपी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि दिल्ली में बैठे नेता बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, लेकिन जब हम और आप मंदिर जाते हैं, तो बीजेपी वाले बाद में आकर मंदिर धुलवाते हैं, जो उनके भेदभावपूर्ण रवैये को दर्शाता है।
उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस बार चुनाव में युवाओं का नहीं, बल्कि बिहार से भाजपा का ही पलायन होने जा रहा है। धमदाहा विधानसभा सीट पर सबकी नज़रें टिकी हुई हैं, जहां एक कड़ा मुकाबला है। यह सीट इसलिए हॉट बनी हुई है क्योंकि यहाँ NDA से JDU की कद्दावर नेता और मंत्री लेसी सिंह मैदान में हैं, जबकि महागठबंधन से कांग्रेस के पूर्व सांसद संतोष कुशवाहा उन्हें कड़ी टक्कर दे रहे हैं।
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अखिलेश यादव ने अपनी चुनावी अपील को एक मज़ेदार समीकरण से जोड़ा। उन्होंने कहा कि पूरे बिहार का दौरा करने के बाद यह स्पष्ट है कि बिहार के लोगों ने इस बार परिवर्तन लाने का मन बना लिया है। 11 नवंबर को होने वाली वोटिंग का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि एक और एक मिलकर 11 होता है। बिहार में महागठबंधन को मजबूत करना है और बीजेपी को नौ दो ग्यारह करना है। उन्होंने धमदाहा की जनता से अपील की कि वे राजद प्रत्याशी को भारी मतों से जिताएं और तेजस्वी यादव को बिहार का अगला मुख्यमंत्री बनाएं, ताकि जंगलराज की वापसी को रोका जा सके।
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अखिलेश यादव ने विकास के आंकड़ों से हटकर आम आदमी की जेब और राशन पर हो रही 'चोरी' को मुद्दा बनाया। उन्होंने एनडीए को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि बिहार में 20 साल और दिल्ली में 10 साल, कुल 30 साल की सत्ता का हिसाब इस बार जनता मांगेगी। उन्होंने कहा कि यह चुनाव केवल वोट का नहीं, बल्कि राशन बचाने का चुनाव है। उन्होंने सरकार पर खाद्य और मुनाफे की चोरी का आरोप लगाया।यादव ने व्यंग्यात्मक ढंग से कहा कि सरकार की मुनाफाखोरी के कारण लोगों की पसंदीदा 'पारले-जी' बिस्किट का साइज भी बिहार में छोटा हो गया है, जो इस बात का प्रमाण है कि हर चीज में चोरी हो रही है।
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यादव ने किसानों के मुद्दे को उठाते हुए उद्योग-धंधे बाहर ले जाने पर गहरी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार किसानों की आय दोगुनी करना चाहती है और इसके लिए खाद्य, यूरिया, डीजल और सिंचाई यंत्र की कीमतों में कमी करना जरूरी है। उन्होंने बिहार की जमीन को इतना उपजाऊ बताया कि यहाँ का किसान न सिर्फ अपना, बल्कि पूरे देश का पेट भर सकता है। उन्होंने आरोप लगाया कि एनडीए सरकार ने बिहार की मदद से सत्ता तो पाई, लेकिन जानबूझकर उद्योग धंधे बाहर लगा दिए, ताकि यहाँ के लोग उसी पैसे से अपने बच्चों को पढ़ा-लिखाकर आगे न बढ़ सकें। अपने भाषण के अंत में अखिलेश यादव ने बीजेपी पर सत्ता का दुरुपयोग करने का गंभीर आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि बिहार में बहरूपिए के रूप में बीजेपी की कई टीमें काम कर रही हैं। यादव ने चौंकाने वाला आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी के लिए C टीम के रूप में चुनाव आयोग काम कर रहा है। उन्होंने बीजेपी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि दिल्ली में बैठे नेता बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, लेकिन जब हम और आप मंदिर जाते हैं, तो बीजेपी वाले बाद में आकर मंदिर धुलवाते हैं, जो उनके भेदभावपूर्ण रवैये को दर्शाता है।
उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस बार चुनाव में युवाओं का नहीं, बल्कि बिहार से भाजपा का ही पलायन होने जा रहा है। धमदाहा विधानसभा सीट पर सबकी नज़रें टिकी हुई हैं, जहां एक कड़ा मुकाबला है। यह सीट इसलिए हॉट बनी हुई है क्योंकि यहाँ NDA से JDU की कद्दावर नेता और मंत्री लेसी सिंह मैदान में हैं, जबकि महागठबंधन से कांग्रेस के पूर्व सांसद संतोष कुशवाहा उन्हें कड़ी टक्कर दे रहे हैं।