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Leshi Singh: पति की हत्या के बाद नहीं टूटी धमदाहा की आयरन लेडी, रिकॉर्ड जीत के साथ चौथी बार बनीं मंत्री
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, पूर्णिया
Published by: शबाहत हुसैन
Updated Thu, 20 Nov 2025 03:24 PM IST
सार
Leshi Singh Profile: फरवरी 2021 में वह एनडीए सरकार में खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग की मंत्री बनीं।अगस्त 2022 में महागठबंधन की नई सरकार बनने पर भी, उन्हें फिर से खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग का मंत्री बनाया गया। पढ़ें पूरी खबर
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लेशी सिंह
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
पूर्णिया की राजनीति में धमदाहा विधानसभा क्षेत्र की जदयू विधायक लेशी सिंह का नाम संघर्ष और असाधारण दृढ़ता का पर्याय बन चुका है। एक सामान्य परिवार से निकलकर सत्ता के शीर्ष तक पहुंचने वाली लेशी सिंह ने न केवल अपने राजनीतिक विरोधियों को लगातार पटखनी दी है, बल्कि जीवन के सबसे बड़े झंझावातों का भी डटकर मुकाबला किया है। नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली महागठबंधन सरकार में उन्हें खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग का मंत्री बनाकर, उनके बेजोड़ सफर को एक बार फिर सम्मान दिया गया है।
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कटिहार के गौआगाछी गांव में 5 जनवरी 1974 को जन्मी लेशी सिंह की शादी महज 16 वर्ष की उम्र में धमदाहा के सरसी गांव निवासी समता पार्टी के जिलाध्यक्ष मधुसूदन सिंह उर्फ बूटन सिंह से हुई थी। 1995 में पति के चुनाव हारने के बाद बूटन सिंह ने सियासी बागडोर लेशी सिंह के हाथों में सौंप दी। सियासी विरासत मिलते ही लेशी सिंह ने चमत्कार किया। साल 2000 में वह समता पार्टी के टिकट पर चुनाव जीतने में कामयाब रहीं और सीमांचल की राजनीति में उनकी धमाकेदार एंट्री हुई।
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27 फरवरी को मिली जीत का जश्न अभी शुरू ही हुआ था कि 19 अप्रैल 2000 को उनके पति मधुसूदन सिंह उर्फ बूटन की हत्या कर दी गई। सियासी गलियारों में यह चर्चा शुरू हो गई कि लेशी सिंह का राजनीतिक सफर खत्म हो गया, लेकिन इस त्रासदी ने उन्हें तोड़ना नहीं, बल्कि आयरन लेड के रूप में तराशना शुरू कर दिया। पति की हत्या के बाद लेशी सिंह ने हार नहीं मानी। समता पार्टी की जिलाध्यक्ष और उप सचेतक बनने के बाद 2005 में पार्टी के जदयू में विलय होने के बाद उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का विश्वास जीता।
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2006 में जदयू महिला प्रकोष्ठ की प्रदेश अध्यक्ष बनीं
उनके उत्कृष्ट संगठन क्षमता और ज़मीनी पकड़ को देखते हुए उन्हें 2006 में जदयू महिला प्रकोष्ठ की प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया। इसके बाद 2 नवंबर 2007 को मुख्यमंत्री ने उन्हें राज्य महिला आयोग का अध्यक्ष बनाकर बड़ी जिम्मेदारी दी, जहाँ उन्होंने राज्य भर में अपनी अलग पहचान बनाई।नवंबर 2005 में हुए मध्यावधि चुनाव में मामूली अंतर से मिली हार के बावजूद, वह क्षेत्र में डटी रहीं।
इसका परिणाम 2010 के चुनाव में दिखा, जब उन्होंने 45 हजार से अधिक वोटों के भारी अंतर से जीत दर्ज की। वहीं 2015 के चुनाव 30,000 वोट, 2020 विजयी 33000 वोट से जीत दर्ज की। लेशी सिंह लगातार अपनी जीत का फासला बढ़ाती गईं और उनकी निष्ठा को देखते हुए उन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां मिलती रहीं। 2014 में उन्हें पहली बार समाज कल्याण, आपदा प्रबंधन व उद्योग विभाग की मंत्री बनाया गया। फरवरी 2021 में वह एनडीए सरकार में खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग की मंत्री बनीं। अगस्त 2022 में महागठबंधन की नई सरकार बनने पर भी, उन्हें फिर से खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग का मंत्री बनाया गया। वहीं 2025 की विधानसभा में 55 हजार वोटो की अंतर से जीत कर लेशी सिंह आज एक बार फिर मंत्री की शपथ ली है। आज लेसी सिंह बिहार की सबसे प्रभावशाली महिला नेताओं में गिनी जाती हैं।