भाजपा के कम नीतीश के ज्यादा सहयोगी थे सुशील मोदी, इसलिए पार्टी ने हटाया: शिवानंद तिवारी
बिहार में एक बार फिर नीतीश कुमार के नेतृत्व में नई सरकार का गठन हो गया है। इस सरकार में सुशील कुमार मोदी को शामिल नहीं किया गया है। इसे लेकर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता शिवानंद तिवारी ने प्रतिक्रिया दी है। उनका कहना है कि सुशील मोदी की भूमिका भाजपा की कम और नीतीश के सहयोगी की ज्यादा हो गई थी। इसी वजह से भाजपा ने उन्हें हटा दिया। वे अन्य भाजपा नेताओं को आगे नहीं बढ़ने दे रहे थे। वे सभी विषयों पर रोजाना बोला करते थे।
शिवानंद तिवारी ने मंगलवार को कहा, 'सुशील मोदी की भूमिका भाजपा की कम और नीतीश कुमार के सहयोगी की अधिक हो गई थी। मुझे लगता है कि इस कारण भाजपा बीजेपी ने उनका पत्ता काट दिया। वह अन्य भाजपा नेताओं को उठने नहीं दे रहे थे। वे रोजाना सभी विषयों पर बोलते थे और अखबार/ टीवी में छपे बिना नहीं रह सकते थे।'
I have no animosity with him, he is like my younger brother. But his personality used to reflect a lack of depth. I think this is the reason BJP leadership did not give him a post in the state cabinet this time: Shivanand Tiwari, RJD https://t.co/rQgnKIZ2KF
— ANI (@ANI) November 17, 2020
राजद नेता ने कहा, 'मेरी सुशील कुमार मोदी से कोई दुश्मनी नहीं है, वह मेरे छोटे भाई की तरह हैं। लेकिन उनके व्यक्तित्व में गहराई की कमी है। मुझे लगता है कि यही कारण है कि भाजपा नेतृत्व ने उन्हें इस बार राज्य मंत्रिमंडल में पद नहीं दिया।' इससे पहले उन्होंने कांग्रेस पर भी निशाना साधा था।
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राजद के वरिष्ठ नेता ने कहा कि महागठबंधन के लिए कांग्रेस बाधा बनी। टीवी चैनलों पर उनका बयान प्रसारित होने के बाद राजद से उन्हें बाहर किए जाने की भी मांग उठने लगी है। तिवारी ने कहा था कि महागठबंधन के लिए कांग्रेस बाधा की तरह रही। कांग्रेस ने चुनाव तो 70 सीटों पर लड़ा, लेकिन 70 रैलियां तक नहीं की। चुनाव के समय राहुल गांधी पिकनिक मना रहे थे।
शिवानंद तिवारी ने राहुल पर हमला करते हुए कहा कि राहुल गांधी केवल तीन दिन के लिए बिहार आए और प्रियंका गांधी तो आई ही नहीं। जिन लोगों को बिहार से सरोकार नहीं था, वे लोग यहां आए। जब चुनाव पूरे जोर-शोर से चल रहा था, तब राहुल गांधी शिमला में प्रियंका के साथ पिकनिक मना रहे थे। शिवानंद तिवारी की इस टिप्पणी पर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस ने उनपर भाजपा और जदयू से मिलीभगत होने का आरोप लगाया है। सााथ ही कहा है कि वे उन्हीं की भाषा बोल रहे हैं।