Operation Sindoor: सेना ने हमले से पहले लिखा-प्रहाराय सन्निहिता:, जयाय प्रशिक्षिता:, महाभारत से क्या है संबंध
Mahabharat Connection: इस ऑपरेशन से पहले सोशल मीडिया पर संदेश दिया गया था, "रेडी टू स्ट्राइक... ट्रेंड टू विन" और "प्रहाराय सन्निहिता:, जयाय प्रशिक्षिता:।" यह वाक्य महाभारत के आदिपर्व से जुड़ा हुआ है। आइए जानते हैं, इसका महाभारत से क्या संबंध है।

विस्तार
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में स्थित दहशतगर्दों के नौ ठिकानों पर सटीक एयर स्ट्राइक कर बदला लिया है। भारत की तीनों सेनाओं ने पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए 15 दिन बाद ऑपरेशन सिंदूर चलाया। इस ऑपरेशन से पहले सोशल मीडिया पर संदेश दिया गया था, "रेडी टू स्ट्राइक... ट्रेंड टू विन" और "प्रहाराय सन्निहिता:, जयाय प्रशिक्षिता:।" यह वाक्य महाभारत के आदिपर्व से जुड़ा हुआ है। आइए जानते हैं, इसका महाभारत से क्या संबंध है।

महाभारत के आदिपर्व से है कनेक्शन
महाभारत के आदिपर्व से लिया गया यह श्लोक केवल प्राचीन ग्रंथों का हिस्सा नहीं, बल्कि आज भी हमारी सैन्य परंपरा और विचारधारा की नींव है। भारतीय सेना ने जब अपने आधिकारिक सोशल मीडिया पर लिखा, "Ready to Strike... Trained to Win" और इसके साथ यह संस्कृत वाक्य साझा किया तो यह केवल एक घोषणा नहीं थी, बल्कि शौर्य, आत्मविश्वास और तैयारी का स्पष्ट प्रतीक था। यह श्लोक महाभारत की शुरुआत में आता है, जब ऋषि वैशम्पायन राजा जनमेजय को कुरुवंश की कथा सुना रहे होते हैं। इसमें पाण्डवों की सेना के योद्धाओं के साहस और युद्ध-कुशलता का वर्णन किया गया है। कहा गया है कि ये योद्धा हमेशा युद्ध के लिए तैयार रहते हैं, उन्होंने युद्ध में जीत हासिल करने के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षण लिया है, और वे कभी भी युद्ध के मैदान से पीछे नहीं हटते।
यह बात सिर्फ एक युद्ध की नहीं है, बल्कि इससे यह भी संदेश मिलता है कि जीवन में आने वाली कठिनाइयों और चुनौतियों के लिए भी हमेशा तैयार रहना चाहिए। यह उस विचार को दर्शाता है कि हमें अपने कर्तव्यों को पूरी निष्ठा, अनुशासन और साहस के साथ निभाना चाहिए, ठीक वैसे ही जैसे एक सच्चा योद्धा युद्धभूमि में करता है।
क्या होता है इस श्लोक का मतलब?
"प्रहाराय सन्निहिताः" का मतलब है कि सेना हमेशा हमला करने या जवाब देने के लिए तैयार है। चाहे दिन हो या रात, गर्मी हो या सर्दी, हमारे जवान हर समय चौकस रहते हैं। वे देश की रक्षा के लिए हर चुनौती का सामना करने को तैयार रहते हैं। "जयाय प्रशिक्षिताः" का मतलब है कि वे जीतने के लिए अच्छी तरह से प्रशिक्षित हैं। केवल हथियार उठाना ही काफी नहीं होता, बल्कि जीतने के लिए अनुशासन, मेहनत, तकनीकी ज्ञान और धैर्य की जरूरत होती है। यही सब हमारे सैनिकों को सिखाया जाता है।
भारतीय सैनिकों के दिल में बसता है यह श्लोक
कहा जाता है कि आज की दुनिया में लड़ाई सिर्फ मैदान में ही नहीं, बल्कि तकनीक और जानकारी के स्तर पर भी लड़ी जाती है। ऐसे में यह पुराना मंत्र और आज का नया संदेश, दोनों मिलकर दिखाते हैं कि भारतीय सेना परंपरा और आधुनिकता को साथ लेकर चलती है। यह वाक्य बताता है कि भारतीय सेना केवल एक फौज नहीं, बल्कि एक सोच है, जो तैयार रहती है और जीत का भरोसा रखती है। हर सैनिक के दिल में यह भावना बसती है कि वे देश की रक्षा के लिए हर हाल में खड़े रहेंगे और जीत कर ही लौटेंगे। एयर स्ट्राइक से आज भारत का हर एक शख्स खुश है और
भारत का हर शख्स है खुश
जब हम यह वाक्य पढ़ते हैं, “प्रहाराय सन्निहिताः, जयाय प्रशिक्षिताः” तो हमें अपने उन वीरों की याद आती है, जो हर मौसम, हर परिस्थिति में हमारी रक्षा कर रहे हैं। वे न केवल तैयार हैं, बल्कि हर हाल में जीतने के लिए तैयार हैं। एयर स्ट्राइक से आज भारत का हर एक शख्स खुश है और सैनिकों पर गर्व महसूस कर रहा है। सेना के इस मुंहतोड़ जवाब ने यह साबित कर दिया है कि भारत अब हर हमले का जवाब देने के लिए तैयार है।